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Banda: शातिर सिपाही...डकैती का मुल्जिम था, कोर्ट के फर्जी आदेश से हो गया बहाल, कोर्ट की छानबीन से खुला मामला

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बांदा Published by: हिमांशु अवस्थी Updated Fri, 21 Nov 2025 09:29 AM IST
सार

Banda News: नरैनी कोतवाली इंस्पेक्टर संदीप तिवारी ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि मुख्य आरक्षी ने कूटरचित दस्तावेजों का प्रयोग कर अपने को दोषमुक्त करा लिया था। पुलिस अधीक्षक के आदेश गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई है।

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Banda cunning soldier accused of robbery reinstated by fake court order revealed after court investigation
नरैनी कोतवाली, बांदा - फोटो : amar ujala
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विस्तार
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बांदा जिले में भ्रष्टाचार अधिनियम, घर में घुसकर मारपीट, डकैती जैसी गंभीर धाराओं का मुल्जिम सिपाही इतना शातिर निकला कि कोर्ट के फर्जी दस्तावेज बनवाकर खुद को निर्दोष साबित कर दिया। इतना ही नहीं विभाग को ये दस्तावेज सौंपकर नौकरी पर बहाल हुआ और कुछ समय बाद प्रमोशन भी पा गया। इधर हाजिर न होने पर कोर्ट की ओर से छानबीन की गई तो मामला खुल गया। इस समय लखीमपुर खीरी में मुख्य आरक्षी के पद पर तैनात सिपाही के खिलाफ एसपी ने गंभीर धाराओं में मामला दर्ज कराया है।

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घटनाक्रम की शुरुआत होती है वर्ष 2005 से। तब कोतवाली नरैनी में तैनात रहे सिपाही भाई लाल पर भ्रष्टाचार अधिनियम सहित घर में घुसकर डकैती, मारपीट व अन्य गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई थी। विवेचक ने सिपाही के खिलाफ न्यायालय में आरोपपत्र दाखिल किया था। मुकदमा ट्रायल पर रहा। इस दौरान शातिर सिपाही तिकड़म भिड़ाकर मुकदमे की तारीखें बढ़वाता रहा।

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कोर्ट ने की छानबीन, तो खुला मामला
इस बीच शातिर सिपाही ने अदालत के कूटरचित दस्तावेज बनवाए, जिसमें उसे दोषमुक्त किया गया था। ये दस्तावेज उसने 28 जून 2016 को विभाग को सौंपे। इस आधार पर उसका निलंबन रद्द हुआ। बहाल होकर वह कई साल तक नौकरी करता रहा। इस बीच मुख्य आरक्षी पद पर प्रमोशन भी पा गया। इधर तारीखों पर कोर्ट में पेश न होने के कारण न्यायालय ने 12 जून 2024 को इस केस की प्रगति आख्या मांगी तो पूरा मामला खुल गया। जांच में स्पष्ट हो गया कि मुख्य आरक्षी ने कूटरचित दस्तावेजों के सहारे खुद को दोषमुक्त बताने वाला निर्णय विभाग को दिया है।

एसपी के आदेश पर रिपोर्ट दर्ज
पुलिस अधीक्षक पलाश बंसल ने मुख्य आरक्षी भाई लाल के ऊपर कई गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई है। जानकारी के मुताबिक भाई लाल इस समय लखीमपुर खीरी जनपद में तैनात है। नरैनी कोतवाली इंस्पेक्टर संदीप तिवारी ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि मुख्य आरक्षी ने कूटरचित दस्तावेजों का प्रयोग कर अपने को दोषमुक्त करा लिया था। पुलिस अधीक्षक के आदेश पर गुमराह करना, धोखाधड़ी, कूटरचित दस्तावेज का इस्तेमाल करने की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई है।

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