मनरेगा में खेल: फोटो में महिला मजदूर, हाजिरी पुरुष की...डकार गए मजदूरी, अपलोड की गईं फोटो से सच आया सामने
Kanpur News: बिल्हौर ब्लॉक में मनरेगा योजना के तहत ऑनलाइन फोटो अपलोड के नियम का उल्लंघन करते हुए ब्लॉक के अधिकारियों ने एक ही फोटो को दो अलग-अलग पंचायतों में अपलोड कर और फर्जी हाजिरी लगाकर लाखों रुपये का फर्जीवाड़ा किया है।
विस्तार
- केस वन: बिल्हौर ब्लाॅक की कदौरा ग्राम पंचायत में सैम के घर से सीमा के घर तक नाला निर्माण के कार्य की 10 पुरुषों की फोटो 28 अक्तूबर को अपलोड की गई थीं। हाजिरी में महिलाओं के नाम भरे गए। यही फोटो दूसरी ग्राम पंचायत सुभानपुर मुरादनगर में चक रोड निर्माण के काम में 28 अक्तूबर को अपलोड कर दी गई। हाजिरी में छह महिला और चार पुरुषों के नाम भरे गए।
- केस दो: बिल्हौर ब्लाॅक की बाभियापुर ग्राम पंचायत में आंगनबाड़ी केंद्र के निर्माण कार्य में पांच नवंबर को जो फोटो अपलोड की गईं, उनमें सात महिलाएं और दो पुरुष दिख रहे हैं। हाजिरी तीन महिला और सात पुरुषों की लगाई गई। सुभानपुर मुरादनगर में यही फोटो चकरोड के काम में अपलोड की गई। फोटो में 10 महिलाएं हैं लेकिन हाजिरी छह महिला और चार पुरुषों की भरी गई है।
कानपुर में मनरेगा योजना में गलत फोटो अपलोड कर फर्जी हाजिरी लगाकर मजदूरी हड़पने का काम किया जा रहा है। बिल्हौर की कई ग्राम पंचायतों में दूसरे पंचायत की फोटो अपलोड कर गलत मजदूरों के नाम पर लाखों रुपये का सरकार को चूना लगाया जा रहा है। अमर उजाला की पड़ताल में खुलासा हुआ कि जो फोटो नाला निर्माण में लगाई गई, वही फोटो दूसरी ग्राम पंचायत के चकरोड निर्माण में अपलोड कर दी गई। यानी ब्लाॅक में बैठे जिम्मेदार एक ही फोटो को दो-दो ग्राम पंचायतों में अपलोड कर लाखों रुपये अपनी जेब में डाल रहे हैं।
सरकार ने मनरेगा मजदूरी में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए मजदूरों की कार्यक्षेत्र के स्थान पर ऑनलाइन फोटो अपलोड करने का नियम बीते वर्ष से लागू किया था। इसके बाद भी फर्जीवाड़ा रुकने का नाम नहीं लिया। ब्लाॅक में बैठे मनरेगा कार्यक्रम अधिकारियों, सचिव और प्रधानों ने फर्जीवाड़ा करने का दूसरा रास्ता खोज निकाला। बिल्हौर ब्लाॅक की सैबसू और रहीमपुर करीमपुर ग्राम पंचायत में प्रधान, सचिव से लेकर एपीओ और तकनीकी सहायक की मिलीभगत से मजदूरों की फर्जी हाजिरी लगाकर लाखों रुपये का फर्जीवाड़ा हाल ही में सामने आया था।
आंगनबाड़ी निर्माण की तस्वीरों की पड़ताल से खुली हकीकत
इसके बाद अमर उजाला की टीम ने अन्य ग्राम पंचायतों में भी फर्जीवाड़ा होने का पता लगाया। इसमें पता चला कि ब्लाॅक में बैठे एपीओ एक काम की फोटो अलग-अलग ग्राम पंचायतों में अपलोड कर रहे हैं। फोटो में जो मजदूर दिख रहे हैं, उनके नाम की हाजिरी भी नहीं लगाई जा रही है। अमर उजाला की टीम ने एनएमएमएस पोर्टल पर अपलोड की गईं कदौरा में नाला निर्माण, सुभानपुर मुरादनगर में चकरोड निर्माण और बाभियापुर ग्राम पंचायत में आंगनबाड़ी निर्माण की तस्वीरों की पड़ताल की, तो पूरी हकीकत सामने आ गई। फोटो में महिलाएं दिख रही हैं और हाजिरी पुरुषों की भरी गई। यानी सरकारी रिकॉर्ड में काम करने वाले मजदूर कोई और जबकि फोटो में काम करने वाले लोग कोई और हैं।
ये हैं मनरेगा हाजिरी के नियम
मनरेगा मजदूरी के नाम पर एक दिन में मजदूर को 252 रुपये मिलते हैं। जो भी काम ग्राम पंचायत में हो रहा होगा, उसकी फोटो के साथ वहां पर काम कर रहे मजदूरों की फोटो भी एनएमएमएस एप पर अपलोड करनी होती है। सबसे बड़ी बात की जिस ग्राम पंचायत में काम चल रहा होगा, मजदूर भी उसी ग्राम पंचायत का होना अनिवार्य है। अगर पांच किलोमीटर की दूरी से कोई मजदूर बुलाया जाएगा तो उस 10 फीसदी अतिरिक्त मजदूरी का भुगतान करने का नियम है।
अगर किसी ग्राम पंचायत में एक ही फोटो बार-बार अपलोड की जा रही हैं और फर्जी हाजिरी लगाई जा रही है तो इसकी जांच कराई जाएगी। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। -चंद्रभान कनौजिया, उपायुक्त मनरेगा