Banda: दलित युवक की हत्या के मामले में नौ साल बाद न्याय, दो दोषियों को आजीवन कारावास, पढ़ें पूरा मामला
Banda News: बांदा की एससी-एसटी अदालत ने 2015 में उधार के पैसों के विवाद में दलित युवक की हत्या करने वाले दो आरोपियों, राजा बाबू और गब्बर सिंह को उम्रकैद की सजा सुनाई है।
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बांदा जिले में अनुसूचित जाति के युवक को गोली मारकर हत्या करने व उसके पिता को बट मारकर घायल करने के मामले में दो दोषियों को अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश एससीएसटी डाॅ. विकास श्रीवास्तव प्रथम की अदालत ने आजीवन सश्रम कारावास सुनाया। साथ ही, अन्य धाराओं में सजा सहित 46 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। अर्थदंड अदा न करने पर 1-1 वर्ष अतिरिक्त सजा काटनी होगी। इसकी समस्त धनराशि मृतक श्याम के वैध आश्रितों को प्रतिकर के रूप में अदा की जाएगी।
दोनों दोषियों को जेल भेज दिया गया। बबेरू थाना क्षेत्र के मझीवां गाव निवासी भूखन वर्मा पुत्र शिवमंगल वर्मा ने थाने में तहरीर देकर 30 अक्तूबर 2015 को प्राथमिकी दर्ज कराई थी कि 29 अक्टूबर 2015 को समय रात्रि 10 बजे मोटरसाइकिल से बिसंडा थाना क्षेत्र के विसंडी गांव निवासी अरूण उर्फ राजा बाबू पांडे पुत्र सत्यनारायण व एक अन्य व्यक्ति जिसको वह पहचानता है, वहां आए। दोनों व्यक्ति पहले से उसके घर आते जाते थे। उसके लड़के श्याम (36) को घर के सामने बुलाया।
तमंचे की बट से वार कर घायल कर दिया
लड़का और वह व छोटा बेटा चुनकू टार्च लेकर आए। दोनों व्यक्ति श्याम से उधार लिए गए पैसे मांगने लगे। जिस पर उसने कहा कि अभी मेरे पास पैसा नहीं है। इसी बात को लेकर दोनों व्यक्तियों की नोकझोंक होने लगी। जिसके बाद असलहे से जान से मारने की नीयत से लड़के के ऊपर एक-एक फायर कर दिया। इससे श्याम जमीन से गिरकर तड़पने लगा। इसके बाद शोर मचाते हुए दोनों व्यक्तियों को पकड़ने का प्रयास किया, तभी उन्होंने मुझ पर तमंचे की बट से वार कर घायल कर दिया।
दोषी पाकर सजा व जुर्माने से दंडित किया
गांव के लोग दौड़ कर आए तभी दोनों बाइक व मोबाइल, जूता एवं साफी छोड़कर जंगल की ओर भाग गए। थोड़ी देर बाद उसके लड़के की मृत्यु हो गयी। तत्कालीन विवेचक यशवीर सिंह क्षेत्राधिकारी बबेरू विवेचना करते समय जय सिंह उर्फ गब्बर सिंह निवासी पतवन के भी खिलाफ आरोप पत्र 29 जनवरी 2016 को न्यायालय में पेश किया। दोनों के विरूद्व अदालत में 18 मई 2016 को आरोप बनाया। मामले की सुनवाई के दौरान 12 गवाह पेश किए गए। न्यायाधीश ने अपने 87 पृष्ठीय फैसले में अरुण उर्फ राजाबाबू व जय सिंह उर्फ गब्बर सिंह को हत्या में दोषी पाकर सजा व जुर्माने से दंडित किया।
