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Banda: पिता करने जा रहा था पांचवी शादी, इसलिए बेटे ने गोली मारकर कर दी हत्या
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बांदा
Published by: शिखा पांडेय
Updated Wed, 01 Oct 2025 07:29 PM IST
सार
नरैनी कोतवाली क्षेत्र के हड़हा गांव में दिव्यांग किसान की हत्या के मामले का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। बेटे ने ही पिता की गोली मारकर हत्या की थी।
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पुलिस गिरफ्त में हत्यारोपी पुत्र व पिता का करीबी मित्र
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
पुत्र ने ही पिता के करीबी मित्र से मिलकर अपने दिव्यांग पिता की गोली मारकर हत्या कर दी थी। जमीन और रुपये हड़पने को लेकर उसने पूरी योजना बनाई थी। पिता के करीबी मित्र ने बताया था उसका पिता पांचवीं शादी करने जा रहा है। जमीन में उसे कुछ नहीं मिलेगा। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर हत्या के मामले का खुलासा कर दिया है। पुत्र की निशानदेही पर तमंचा व दो खोखा बरामद किया गया है।
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पुलिस अधीक्षक पलाश बंसल ने बताया कि नरैनी कोतवाली क्षेत्र के हड़हा गांव में 26/27 सितंबर की रात लगभग डेढ़ बजे दिव्यांग किसान मंसूर खान की सोते समय अज्ञात लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस घटना में मंसूर के पुत्र मासूक ने नरैनी कोतवाली में अज्ञात में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। सीओ नरैनी कृष्णकांत त्रिपाठी के नेतृत्व में खुलासे के लिए टीमों का गठन किया गया था। पुलिस ने शक के आधार पर मंसूर के पुत्र मासूक को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने वारदात करना कुबूल ली। पूछताछ में उसने बताया कि उसके दादा ने मृत्यु से पूर्व छह बीघा जमीन उसके नाम कर दी थी। उसके पिता (मृतक) ने मासूक की शादी कराने तथा उसका घर बनवाने के नाम पर उसकी चार बीघा जमीन 44 लाख रुपये में बिकवा दी थी। उसे मात्र पांच लाख रुपये दिए।
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घर बनवाकर आधे घर पर कब्जा कर लिया था। यह उसे खटकता था। उधर, पिता मंसूर ने मासूक से वादा किया था कि मरने से पहले वह अपनी तीन बीघा जमीन उसके नाम कर देगा। इस बीच मंसूर के करीबी मित्र ने बताया कि उसके पिता पांचवीं शादी करने जा रहे हैं। वहां यह तय हुआ है कि शादी से पूर्व वह अपनी पूरी संपत्ति उस महिला के नाम कर देगा। यह बात पता चलने पर पुत्र ने अपने पिता के करीबी मित्र इकबाल हुसैन को अपने साथ मिला लिया। इकबाल अपने मित्र मंसूर से इस बात पर खुन्नस खाए था कि मंसूर ने सात बिस्वा जमीन बेचने का वादा किया था, लेकिन वह बेच नहीं रहा था। इस कारण इकबाल भी उससे खुन्नस खाए था। इसी वजह से इकबाल के भड़काने पर मासूक ने घटना की रात मंसूर के सीने में तमंचे से दो गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके बाद उसने दूसरे कमरे में लेटी अपनी दिव्यांग बहन से कहा था कि किसी को बताना नहीं, कोई पूछे तो कहना कि कोई अज्ञात व्यक्ति आया था, जिसने गोली मारकर हत्या कर दी और भाग गया। यही बात उसने पत्नी से भी कही थी।