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कानपुर में कोल्डस्टोरेज हादसे के बाद 11 मजदूरो को जिंदा बाहर निकाला गया, अभी और दबे हैं
टीम डिजिटल, अमर उजाला, कानपुर
Updated Thu, 16 Mar 2017 12:42 AM IST
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अस्पताल में भर्ती घायल मजदूर
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कानपुर के शिवराजपुर इलाके में बुधवार को कटियार कोल्ड स्टोरेज की बिल्डिंग तेज धमाके के साथ गिर गई। इसके बाद से अमोनिया का रिसाव लगातार जारी है जिससे रेस्क्यू ऑपरेशन प्रभावित हो रहा है। घायलों को मलबे से बाहर निकालने के प्रयास जारी हैं। हैलट अस्पताल में पहुंचे मलबे से निकले दो मजदूरों को सांस लेने और देखने में तकलीफ हो रही है। मजदूरों ने बताया कि वो लोग काम कर रहे थे तभी अचानक गैस का रिसाव होने लगा। सिलेन्डर फटते ही बिल्डिंग गिर गई जिसके नीचे सभी दब गए। अस्पताल के बाहर भारी फोर्स लगा दी गई है। इसके अलावा घटनास्थल पर एनडीआरएफ और पुलिस की टीमें घायलों को बाहर निकालने में जुटी हैं। एडीएम ने बताया कि अब तक 11 मजदूरों को मलबे से बाहर निकाला जा चुका है। मलबे से निकले मजदूरों के नाम रंजीत साहनी, गोरे लाल साहनी, मनीष साहनी, जितेन्द्र राम, पवन कुमार, रामानंद, धनंजय राम बताये जा रहे हैं। ये सभी मजदूर बिहार के रहने वाले हैं।
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डीएम साथ लेकर आए स्वास्थ्य विभाग की टीमें
हादसे के बाद मलबे काे हटाने के प्रयास जारी
कानपुर के शिवराजपुर के पास हुए इस भीषण हादसे के दौरान कोल्ड स्टोरेज के मलबे में दबे लोगों को बाहर निकालने के लिए फायर ब्रिगेड की टीमें बुला ली गई हैं। इसके अलावा जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. रामायण प्रसाद यादव भी पहुंच चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीमें घायलों का इलाज ऑनस्पॉट कर रही हैं। गंभीर रूप से घायलों को पास के स्वास्थ्य केंद्र और हैलट अस्पताल ले जाया जा रहा है।
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20 से ज्यादा लोग दबे, बचाव कार्य जारी
मौके पर पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारी
- फोटो : अमर उजाला
कटियार कोल्ड स्टोरेज बिल्डिंग गिरने के बाद वहां 20 से ज्यादा लोगों के दबे होने की संभावना जताई जा रही है। बचाव कार्य जारी है। बिल्डिंग आखिर कैसे और क्यों गिरी इसका जवाब अभी तक किसी के पास भी नहीं है। दुर्घटनाक के बाद जीटी रोड पर भी भीषण जाम लगा हुआ है। मलबे के अंदर से बिहार निवासी एक मजदूर को जिंदा बाहर निकाला जा चुका है। अमोनिया के रिसाव को बंद करने के लिए एक्सपर्ट्स की टीमें बुलाई गई हैं। करीब एक महीने पहले भी इसी कोल्ड स्टोरेज में अमोनिया रिसाव की घटना हो चुकी है।
गांववाले भड़के, हंगामा शुरू
मौके पर लगी ग्रामीणों की भीड़
- फोटो : अमर उजाला
मलबे में दबे मजदूरों को बाहर निकालने में देरी की वजह से उनके परिजनों के साथ गांववालों ने हंगामा काटना शुरू कर दिया। घायलों को जिला चिकित्सालय या स्वास्थ्य केंद्र में भेजा जा रहा है। आक्रोशित लोगों को शांत कराने के लिए जनप्रतिनिधि भी पहुंच रहे हैं।
पूरे गांव में फैली अमोनिया, आंखों में जलन और खांसी से लोग बेहाल
कोल्ड स्टोरेज मलबे में दबे मजदूरों को बाहर निकालते गांववाले
- फोटो : अमर उजाला
अमोनिया का रिसाव लगातार जारी है। अमोनिया गैस शिवराजपुर के अलावा मणिपालपुर, हरपालपुर, कुर्सीनिवादा, शाहनिवादा समेत तमाम गांवों में तेजी से फैल रही है। बिल्डिंग के मलबे में दबे 20 से ज्यादा लोगों को बाहर निकालने के लिए क्षेत्रीय लोगों के अलावा पुलिस और सेना की मदद भी ली जा रही है। अमोनिया के नुकसान से बचाने के लिए लोगों के लिए मास्क का बंदोबस्त जिला प्रशासन कर रहा है। कानपुर के हैलट अस्पताल से 45 मास्क के साथ ऑक्सीजन सिलेन्डर घटना स्थल पर भेजे जा रहे हैं।
क्षमता से ज्यादा आलू किया गया था स्टोरेज
इस तरह धराशायी हो गया कोल्ड स्टोरेज
कोल्ड स्टोरेज में दो नए चेंबर बनाए गए थे, अमोनिया सिलेंडर फटने से यह दर्दनाक हादसा हुआ है। मौजूदा समय में लोडिंग का काम जारी था। स्टोर के मालिक ने पैदावार अधिक होने से क्षमता से अधिक आलू स्टोर किया था। खेत में काम कर रहे लोगों का कहना है, तेज धमाके से कोल्ड स्टोर की बिल्डिंग गिरी जिसके बाद भगदड़ मच गई। लोग मौके मदद करने के लिए दौड़े, लेकिन अमोनिया गैस के तेज रिसाव के चलते कोई नजदीक नहीं पहुंच पाया। लोगों ने बताया पास जाने पर आंखों में तेज जलन और सांस लेने में दिक्कत हो रही है।