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UP: 'अवसाद में हूं..', डॉ. आरिफ ने गूगल लोकेशन भेज कही ये बात; NGO के बैंक खाते संदिग्ध, शाहीन से जुड़ रहे तार
अमर उजाला नेटवर्क, कानपुर
Published by: शाहरुख खान
Updated Mon, 24 Nov 2025 11:11 AM IST
सार
दिल्ली धमाके के बाद जांच में जुटी एजेंसियों को तीन एनजीओ के बैंक खाते संदिग्ध मिले हैं। डॉ. शाहीन से तार जुड़ रहे हैं। जांच एजेंसियों ने एनजीओ संचालकों से पूछताछ की है। जांच पूरी होने तक शहर न छोड़ने के निर्देश भी दिए हैं।
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डॉ आरिफ और डॉ. शाहीन
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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विस्तार
फरीदाबाद में भारी विस्फोटक मिलने और दिल्ली धमाके के बाद जांच एजेंसियां लगातार इस घटना से जुड़े तार खंगाल रही हैं। एजेंसियां घटना में हुई फंडिंग की जांच कर रही हैं। इस जांच में एजेंसियों को कानपुर के संवेदनशील इलाकों की घनी बस्तियों में काम करने वाले तीन एनजीओ के बैंक खाते संदिग्ध मिले हैं। इनके तार डॉ. शाहीन से जुड़ रहे हैं।
शहर से डॉ. शाहीन और डॉ. आरिफ के नाम सामने आने के बाद एजेंसियों ने कई संदिग्धों और एनजीओ की गतिविधियों पर नजर रखी। डॉ. शाहीन और इन तीन एनजीओ के खातों की जांच में कई संदिग्ध लेनदेन मिले। इन बैंक खातों में विदेश से भी रकम आने की बात सामने आई।
माना जा रहा है कि इन खातों से काफी रकम कुछ युवतियों के बैंक खातों में भेजी गई है। यह रकम उन्हें हनी ट्रैप जैसे मामलों में लोगों को फंसाने के बदले मेहनताना के रूप में दी गई है।
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शहर से डॉ. शाहीन और डॉ. आरिफ के नाम सामने आने के बाद एजेंसियों ने कई संदिग्धों और एनजीओ की गतिविधियों पर नजर रखी। डॉ. शाहीन और इन तीन एनजीओ के खातों की जांच में कई संदिग्ध लेनदेन मिले। इन बैंक खातों में विदेश से भी रकम आने की बात सामने आई।
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माना जा रहा है कि इन खातों से काफी रकम कुछ युवतियों के बैंक खातों में भेजी गई है। यह रकम उन्हें हनी ट्रैप जैसे मामलों में लोगों को फंसाने के बदले मेहनताना के रूप में दी गई है।
अब जांच एजेंसियां एनजीओ के दस्तावेज, बैंक डिटेल्स और काम करने वालों के पासपोर्ट, आधार आदि जानकारियां जुटा रहीं हैं। इन एनजीओ के स्थानीय स्तर पर नेटवर्क और कौन-कौन जुड़ा है, इसका भी ब्यौरा तैयार हो रहा है।
संदिग्ध युवती को पूछताछ के बाद छोड़ा
एनजीओ की जांच में जुटी एजेंसियों ने रायपुरवा एक युवती को हिरासत में लेकर पूछताछ की थी। युवती ने बताया कि उसे एनजीओ के कार्यक्रम में एक बार जाने के बदले 1300 रुपये मिलते थे। उसका बैंक खाता यह कहकर खोला गया था कि दूसरे देशों में रहने वाले संपन्न लोग यहां के जरूरतमंदों की मदद करना चाहते हैं।
एनजीओ की जांच में जुटी एजेंसियों ने रायपुरवा एक युवती को हिरासत में लेकर पूछताछ की थी। युवती ने बताया कि उसे एनजीओ के कार्यक्रम में एक बार जाने के बदले 1300 रुपये मिलते थे। उसका बैंक खाता यह कहकर खोला गया था कि दूसरे देशों में रहने वाले संपन्न लोग यहां के जरूरतमंदों की मदद करना चाहते हैं।
वहीं, इन खातों में रुपये भेजेंगे। बैंक खाते का एटीएम और चेकबुक भी इस युवती ने अपने पास न होने का दावा किया। बताया कि उसे 1000 रुपये यह कह कर दिए जाते थे कि बाहर से मदद आई है। हालांकि, जांच में जवाबों पर संतुष्ट होने के बाद युवती को यह कहकर छोड़ दिया गया है कि वह किसी भी हालत में शहर नहीं छोड़ेगी।
संवेदनशील इलाके में अकेले रहने आए 46 किरायेदार गुम
जांच में जुटी एजेंसियां शहर में ऐसे लोगों पर नजर जमाए है जो कुछ माह पहले शहर में रहने आए लेकिन अब गुम हो गए हैं। इनमें से अधिकतर अकेले ही रहने आए थे। अब तक की जांच में 46 लोग ऐसे मिले हैं जो अब घरों पर ताला लगाकर कहीं चले गए हैं। जांच में यह भी सामने आया है कि इन्हें किराये का कमरा देने से पहले मकान मालिकों ने इनका सत्यापन नहीं कराया था। ऐसे में एजेंसियां इनकी जांच में जुट गई हैं।
जांच में जुटी एजेंसियां शहर में ऐसे लोगों पर नजर जमाए है जो कुछ माह पहले शहर में रहने आए लेकिन अब गुम हो गए हैं। इनमें से अधिकतर अकेले ही रहने आए थे। अब तक की जांच में 46 लोग ऐसे मिले हैं जो अब घरों पर ताला लगाकर कहीं चले गए हैं। जांच में यह भी सामने आया है कि इन्हें किराये का कमरा देने से पहले मकान मालिकों ने इनका सत्यापन नहीं कराया था। ऐसे में एजेंसियां इनकी जांच में जुट गई हैं।
विभागाध्यक्ष को मैसेज कर एक दो सप्ताह में आने के लिए कहा
दिल्ली विस्फोट मामले में फार्माकोलॉजिस्ट डॉ. शाहीन सईद से संबंध के मामले में पकड़े गए कार्डियोलॉजी के रेजीडेंट डॉ. मो. आरिफ मीर छूट गए हैं। जांच एजेंसियों की पूछताछ के बाद वह अपने जम्मू-कश्मीर स्थित घर चले गए। वहां से उन्होंने अपने कार्डियोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर उमेश्वर पांडेय को अपनी गूगल लोकेशन के साथ मैसेज भेजकर बताया कि वह घटना से मानसिक रूप से स्तब्ध हैं और अवसाद में हैं।
दिल्ली विस्फोट मामले में फार्माकोलॉजिस्ट डॉ. शाहीन सईद से संबंध के मामले में पकड़े गए कार्डियोलॉजी के रेजीडेंट डॉ. मो. आरिफ मीर छूट गए हैं। जांच एजेंसियों की पूछताछ के बाद वह अपने जम्मू-कश्मीर स्थित घर चले गए। वहां से उन्होंने अपने कार्डियोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर उमेश्वर पांडेय को अपनी गूगल लोकेशन के साथ मैसेज भेजकर बताया कि वह घटना से मानसिक रूप से स्तब्ध हैं और अवसाद में हैं।
एलपीएस कार्डियोलॉजी इंस्टीट्यूट में सुपर स्पेशियलिटी कोर्स डीएम के प्रथम वर्ष के रेजीडेंट डॉ. आरिफ को जॉइनिंग के चार महीने के बाद डॉ. शाहीन के मामले में जांच एजेंसियों ने उठा लिया था। 13 नवंबर को कार्डियोलॉजी से ड्यूटी करके वह जब अशोकनगर स्थित किराये के आवास पर पहुंचे तो हिरासत में ले लिए गए।
कार्डियोलॉजी में उन्हें हिरासत में लिए जाने की कोई अधिकारिक सूचना नहीं दी। इससे उन्हें अनुपस्थित माना जा रहा है। कार्डियोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर पांडेय ने बताया कि डॉ. आरिफ का दो लाइन का मैसेज आया है। गूगल लोकेशन भी है। यह बताया कि जांच एजेंसियों ने उन्हें छोड़ दिया है।
दिल्ली से वह सीधे घर गए। बताया कि वह शारीरिक और मानसिक रूप से फिट नहीं हैं। उन्होंने बताया कि डॉ. आरिफ का व्हाट्सएप पर मैसेज शनिवार को आया था। कुछ समय के बाद जॉइन करने के लिए कहा है। इंस्टीट्यूट के निदेशक प्रोफेसर राकेश कुमार वर्मा का कहना है कि व्हाट्सएप पर भेजी गई लोकेशन जम्मू-कश्मीर की ही लग रही है।
उन्होंने बताया कि डॉ. आरिफ के जॉइन करने के संबंध में महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा और शासन से अनुमति ली जाएगी। यह प्रक्रिया है। इसलिए इसे पूरा करना पड़ता है। वहीं, कार्डियोलॉजी इंस्टीट्यूट के डॉक्टरों ने बताया कि पिछले दिनों डॉ. आरिफ के पिता भी आए थे। वह जम्मू-कश्मीर पुलिस में रहे हैं। घटना पर स्तब्ध रहे। उनके दूसरे बच्चे भी डॉक्टर हैं।