Kanpur: 104 ग्राम पंचायतों से 15.24 करोड़ का लेखा-जोखा गायब, DM ने प्रधानों-सचिवों को भेजा नोटिस, पढ़ें मामला
Kanpur News: कानपुर में 104 ग्राम पंचायतों में 15.24 करोड़ के विकास और मनरेगा कार्यों का दो साल बाद भी कोई लेखा-जोखा न मिलने पर जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने संबंधित प्रधानों और सचिवों को नोटिस जारी करते हुए वसूली की चेतावनी दी है।
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कानपुर में विकास के नाम पर सरकारी धन कैसे डकारा जा रहा है इसका ताजा उदाहरण जिले के ग्रामीण इलाकों में सामने आया है। 104 ग्राम पंचायतों में वर्ष 2020-21 में कराए गए 15.24 करोड़ रुपये के विकास, मनरेगा कार्यों का ग्राम पंचायतों के पास कोई लेखा-जोखा नहीं है। ऑडिट टीम ने वर्ष 2023 में गांव पहुंचकर कागजातों की जांच की तो इसकी पोल खुली। दो साल बाद भी अभिलेख न उपलब्ध कराने पर जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने प्रधानों और सचिवों को नोटिस जारी किया है।
अब अभिलेख नहीं दिए, तो वसूली की कार्रवाई होगी। जिले के 10 ब्लाकों में 590 ग्राम पंचायतें हैं। गांवों के विकास कार्य के लिए केंद्र, राज्य वित्त और स्वच्छ भारत मिशन के तहत करोड़ों रुपये प्रत्येक वर्ष जारी किए जाते हैं। इससे गांव से जुड़े सभी कार्य कराए जाते हैं। शासन स्तर से जारी धनराशि का हकीकत में प्रयोग हो रहा है कि नहीं इसकी जांच वित्तीय वर्ष समाप्ति के दौरान ऑडिट विभाग की टीम करती है। हालांकि पंचायती राज विभाग का ऑडिट काफी लेट चल रहा है।
किसी ने अभिलेख नहीं उपलब्ध कराए
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                ग्राम पंचायतों में वर्ष 2020-21 में कराए गए कार्यों के अभिलेखों की जांच वर्ष 2023 में की गई। इसमें पता चला कि 104 ग्राम पंचायतों में 15.24 करोड़ रुपये खर्च का कोई अभिलेख नहीं है। इसमें से कई प्रधानों का कार्यकाल पूरा हो चुका तो कई सचिव मृत, सेवानिवृत्त या दूसरे जिलों में स्थानांतरित हो गए। ऑडिट टीम ने इसकी रिपोर्ट डीपीआरओ कार्यालय को भेजी। इसके बाद सभी ग्राम पंचायतों के प्रधान और सचिवों को नोटिस जारी कर अभिलेख मांगे गए लेकिन दो वर्ष बीत जाने के बाद भी किसी ने अभिलेख नहीं उपलब्ध कराए गए।
शिवराजपुर ब्लॉक की सबसे ज्यादा ग्राम पंचायतें
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                
                                                                                                                                 
                                                दस्तावेज न देने वाली सबसे ज्यादा शिवराजपुर ब्लॉक की 35 ग्राम पंचायतें, घाटमपुर ब्लॉक की 16 ग्राम पंचायतें, कल्याणपुर और बिधनू की सात-सात, पतारा की पांच, चौबेपुर की 11, ककवन की चार और भीतरगांव की 17 ग्राम पंचायतें हैं।
कराए गए विकास कार्यों के अभिलेख सचिव और प्रधानों ने नहीं दिए हैं। उन्हें अंतिम नोटिस जारी किया गया है। अगर अब भी लेखा-जोखा उपलब्ध नहीं कराते हैं तो सभी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए धनराशि की वसूली की जाएगी। -जितेंद्र प्रताप सिंह, जिलाधिकारी