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Kanpur: रोहिंग्याओं को असम के रास्ते जम्मू में बसा रहा था इब्राहिम, सुरक्षा एजेंसियों की पूछताछ में हुआ खुलासा

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कानपुर Published by: हिमांशु अवस्थी Updated Fri, 26 Dec 2025 06:36 AM IST
सार

Kanpur News: कानपुर में पकड़े गए रोहिंग्या इब्राहिम ने खुलासा किया कि वह जम्मू के नरवाल से 100 से अधिक रोहिंग्याओं का सिंडिकेट चला रहा था; अब एटीएस और आईबी उसके नेटवर्क को खंगाल रही हैं।

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Kanpur Ibrahim was settling Rohingyas in Jammu via Assam this revealed during questioning by security agencies
पुलिस की गिरफ्त में बांग्लादेशी रोहिंग्या - फोटो : amar ujala
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कानपुर में पूर्वोत्तर संपर्क क्रांति एक्सप्रेस से पकड़े गए मो. इब्राहिम ने पूछताछ में बड़ा खुलासा किया है। बताया कि एक साल से शरणार्थी पास पर जम्मू के नरवाल में रिफ्यूजी कैंप में रह रहा था। असम के रास्ते जम्मू में रोहिंग्याओं को बसा रहा था। इसी के तहत वह अपने साथी 21 वर्षीय मो. हासिम पुत्र नूर अहमद और नाबालिग साली को लेकर जम्मू जाने के लिए असम के रास्ते दो माह पहले बॉर्डर पारकर भारत आया था।

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असम से वह दिल्ली के रास्ते होकर जम्मू जाने की फिराक में था, तभी आरपीएफ के हत्थे चढ़ गया। पता चला है कि जम्मू में वह आतंक प्रभावित इलाकों में भी घूम चुका है। यह जानकारी पत्रकार वार्ता में आरपीएफ के सहायक सुरक्षा आयुक्त विवेक वर्मा, जीआरपी के डिप्टी एसपी और आरपीएफ सेंट्रल पोस्ट के प्रभारी इंस्पेक्टर एनएन पाटीदार ने दी।

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2017 से बांग्लादेश के शरणार्थी शिविर में रह रहा था
बताया कि हेल्पलाइन पर मिली सूचना पर तीनों को ट्रेन से पकड़ा गया था। तीनों म्यांमार के रोहिंग्या निकले। आईबी, एटीएस, आर्मी इंटेलीजेंस और एलआईयू ने गुरुवार तड़के तक पूछताछ की। इन तीनों को आव्रजन व विदेशी अधिनियम- 2025 की धारा 21 के तहत मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा गया है। जांच में इब्राहिम ने बताया कि वह 2017 से बांग्लादेश के शरणार्थी शिविर में रह रहा था।

2024 में लेबर सिंडिकेट के संपर्क में आ गया
इसके बाद 2024 में जम्मू के नरवाल पहुंचा और लेबर सिंडिकेट के संपर्क में आ गया। वह सिंडिकेट के लिए मजदूरों को यूपी, दिल्ली, पंजाब, उत्तराखंड, मध्यप्रदेश, राजस्थान व जम्मू भेजता था। उसके संपर्क में म्यांमार के 100 से ज्यादा रोहिंग्या हैं। वह 17 साल की शौकतारा और उसके जीजा हासिम को लेकर जम्मू के नरवाल जा रहा था।

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