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Kanpur: बैट लपकने के दौरान मासूम टेनरी के खुले नाले में गिरी, मौत से मचा कोहराम
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कानपुर
Published by: शिखा पांडेय
Updated Wed, 26 Nov 2025 11:11 PM IST
सार
बुढि़याघाट के पास नाला कवर न होने पर एसीपी ने जिम्मेदारों को फटकार लगाई। दो दिन में नाले को कवर कराने का नोटिस दिया गया। बच्ची के नाले में गिरने की बात सुनकर मां बदहवास हो गई।
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इसी नाले में गिरी बच्ची
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
जाजमऊ में अधिकारियों की अनदेखी और जिम्मेदारों की लापरवाही ने बुधवार को एक घर की खुशियां छीन लीं। घर के बाहर खेल रही तीन साल की मासूम अपना बैट लपकने के दौरान 10 फीट गहरे नाले में जा गिरी। चंद सेकेंड में उसकी नाले में डूबने से मौत हो गई। बच्ची की मौत की खबर से परिजनों को कलेजा फट गया। मौके पर पहुंचीं एसीपी कैंट आकांक्षा पांडेय ने लापरवाही के जिम्मेदार जाजमऊ टेनरी इफ्लुएंट ट्रीटमेंट एसोसिएशन (जटेटा) के पदाधिकारियों को फटकार लगाई। उन्हें दो दिन के अंदर खुले नाले को कवर कराने का नोटिस दिया। एसोसिएशन की ओर से परिजनों को मुआवजा देने की भी सिफारिश की गई।
मूलरूप लखनऊ के मोजमनगर निवासी जकी अहमद परिवार के साथ बुढि़याघाट पर रह रहे हैं। वह टेनरी में कार्य करते हैं। पत्नी मुस्तरा, बेटी अलीबा (7), अलीशा (5), सानिया (3) और अल्फिजा (3 माह) थे। बुधवार की शाम सभी बच्चियां मोहल्ले के अन्य बच्चों के साथ घर के बाहर खेल रहे थे। प्रत्यक्षदर्शियों ने पुलिस को बताया कि सानिया हाथ में बैट लिए हुए थी। बुढि़याघाट के पास सड़क के किनारे टेनरियों से निकलने वाले दूषित पानी व अपशिष्ट निकासी के लिए नाला बना हुआ है। यहां से दूषित जल शोधित होने के लिए पीएस फोर ट्रीटमेंट प्लांट में जाता है। यह नाला करीब 100 मीटर तक खुला पड़ा है। सानिया खेलते हुए इसी नाले के पास पहुंच गई। हाथ से लिए बैट छूटकर 10 फीट गहरे नाले में चला गया। उसे लपकने के दौरान बच्ची का पैर फिसला और नाले में गिर गई। साथ खेल रहे बच्चों की चीख पुकार सुनकर लोगों की भीड़ जमा हो गई। बच्ची के नाले में गिरने की बात सुनकर मां मुस्तरा बदहवास हो गईं। क्षेत्रीय लोगों के मुताबिक मोहल्ले के सलमान ने नाले में उतरकर सानिया को बाहर निकाला। उसे कांशीराम अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
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मूलरूप लखनऊ के मोजमनगर निवासी जकी अहमद परिवार के साथ बुढि़याघाट पर रह रहे हैं। वह टेनरी में कार्य करते हैं। पत्नी मुस्तरा, बेटी अलीबा (7), अलीशा (5), सानिया (3) और अल्फिजा (3 माह) थे। बुधवार की शाम सभी बच्चियां मोहल्ले के अन्य बच्चों के साथ घर के बाहर खेल रहे थे। प्रत्यक्षदर्शियों ने पुलिस को बताया कि सानिया हाथ में बैट लिए हुए थी। बुढि़याघाट के पास सड़क के किनारे टेनरियों से निकलने वाले दूषित पानी व अपशिष्ट निकासी के लिए नाला बना हुआ है। यहां से दूषित जल शोधित होने के लिए पीएस फोर ट्रीटमेंट प्लांट में जाता है। यह नाला करीब 100 मीटर तक खुला पड़ा है। सानिया खेलते हुए इसी नाले के पास पहुंच गई। हाथ से लिए बैट छूटकर 10 फीट गहरे नाले में चला गया। उसे लपकने के दौरान बच्ची का पैर फिसला और नाले में गिर गई। साथ खेल रहे बच्चों की चीख पुकार सुनकर लोगों की भीड़ जमा हो गई। बच्ची के नाले में गिरने की बात सुनकर मां मुस्तरा बदहवास हो गईं। क्षेत्रीय लोगों के मुताबिक मोहल्ले के सलमान ने नाले में उतरकर सानिया को बाहर निकाला। उसे कांशीराम अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
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बच्ची की मौत
- फोटो : अमर उजाला
घटना का पता चलते ही जाजमऊ थाना प्रभारी जितेंद्र सिंह मौके पर पहुंचे। कुछ ही देर में एसीपी कैंट आकांक्षा पांडेय मौके पर आ गईं। उन्होंने जटेटा के पदाधिकारी रिजवान नादरी व अन्य को बुलवाया। घटना को लेकर नाराजगी जताई। परिजनों ने बच्ची का पोस्टमार्टम कराने से इन्कार कर दिया। एसीपी कैंट ने बताया कि जटेटा की ओर से बच्ची के परिजनों से मुआवजे दिलाने को लेकर बातचीत हुई है। एसडीएस सदर ने भी पीड़ित परिवार को आर्थिक सहयोग दिलवाने का आश्वासन दिया है।
मौके पर लगी भीड़
- फोटो : अमर उजाला
पहले भी हो चुका हादसा, कोई सुनवाई नहीं होती
जकी अहमद ने अधिकारियों से कहा कि पूर्व में भी मोहल्ले का एक बच्चा नाले में गिर गया था। लोगों ने कई बार शिकायत की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। कई जनप्रतिनिधियों और अन्य अधिकारियों से भी शिकायत की गई। नाला आज भी खुला हुआ है। अगर नाला बंद होता तो उनकी बेटी आज जिंदा होती।
जकी अहमद ने अधिकारियों से कहा कि पूर्व में भी मोहल्ले का एक बच्चा नाले में गिर गया था। लोगों ने कई बार शिकायत की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। कई जनप्रतिनिधियों और अन्य अधिकारियों से भी शिकायत की गई। नाला आज भी खुला हुआ है। अगर नाला बंद होता तो उनकी बेटी आज जिंदा होती।
मौके पर पहुंचीं एसीपी कैंट आकांक्षा पांडेय
- फोटो : अमर उजाला
हादसे के बाद क्षेत्र के लोगों ने जताई नाराजगी
बच्ची की मौत के बाद क्षेत्र के लोगों ने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि नाले से जहरीली और दूषित गैस बाहर निकलती है। इसके खुले रहने से सांस लेना भी मुश्किल है। इसको कवर नहीं कराया गया तो और लोगों की जान जाएगी। वहीं, टेनरी संचालकों का कहना है कि पहले जल निगम की ओर से पीएस फोर ट्रीटमेंट प्लांट के संचालन की जिम्मेदारी जल निगम की थी। अब जिलाधिकारी के निर्देशन पर बनी जटेटा इसकी देखरेख की जिम्मेदारी निभा रही है। इसके लिए हर महीने टेनरियों से भुगतान लिया जाता है। कई टेनरियों के पास नाले के चैंबर और ढक्कन टूटे हैं। इसकी शिकायत के बाद भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। आए दिन गोवंश और राहगीर गिरकर घायल हो रहे हैं।
बच्ची की मौत के बाद क्षेत्र के लोगों ने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि नाले से जहरीली और दूषित गैस बाहर निकलती है। इसके खुले रहने से सांस लेना भी मुश्किल है। इसको कवर नहीं कराया गया तो और लोगों की जान जाएगी। वहीं, टेनरी संचालकों का कहना है कि पहले जल निगम की ओर से पीएस फोर ट्रीटमेंट प्लांट के संचालन की जिम्मेदारी जल निगम की थी। अब जिलाधिकारी के निर्देशन पर बनी जटेटा इसकी देखरेख की जिम्मेदारी निभा रही है। इसके लिए हर महीने टेनरियों से भुगतान लिया जाता है। कई टेनरियों के पास नाले के चैंबर और ढक्कन टूटे हैं। इसकी शिकायत के बाद भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। आए दिन गोवंश और राहगीर गिरकर घायल हो रहे हैं।