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Kanpur: बढ़े जलस्तर की आड़ में गंगा में बहाया जा रहा जहर, जल निगम की जांच में हुई पुष्टि
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कानपुर
Published by: शिखा पांडेय
Updated Mon, 09 Sep 2024 11:14 AM IST
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सार
Kanpur News: 600 करोड़ से बने नए सीईटीपी में क्षमता के अनुरूप टेनरी वेस्ट नहीं पहुंच रहा है। जलकल जीएम, जल निगम की जांच में टेनरी का पानी गंगा में जाने की पुष्टि हुई है।

नाले से गंगा में जाता गंगा का पानी
- फोटो : अमर उजाला
विस्तार
टेनरियों का जहरीला पानी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट भेजने वाले पंपिंग स्टेशन ही गंगा को मैला कर रहे हैं। गंगा के बढ़े जलस्तर की आढ़ में जाजमऊ में बने चार पंपिंग स्टेशनों से जहरीला पानी गंगा में बहाया जा रहा है। यह खुलासा जल निगम, जलकल विभाग, नगर निगम और जटेटा (जाजमऊ टैनरी एफ्लुएंट ट्रीटमेंट एसोसिएशन) के पदाधिकारियों के साथ निरीक्षण में हुआ है। जटेटा के टैपिंग प्वाइंट के पास से गंगा में लाल रंग का पानी जाता दिखा है। जाजमऊ क्षेत्र में सीवर लाइनों में भी केमिकलयुक्त पानी नजर आया।
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इस खुलासे के बाद जल निगम ने उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपी पीसीबी) से सीवर लाइनों में केमिकलयुक्त पानी बहाने वाली इकाइयों (टेनरियों) को चिह्नित करने को कहा है, ताकि उनका पानी नवनिर्मित कॉमन क्रोम एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) में पहुंचाया जा सके। हालांकि जटेटा ने टेनरियों का पानी गंगा में जाने से इन्कार किया है। जाजमऊ स्थित चार पंपिंग स्टेशनों (पीएस-1 छबीलेपुरवा, पीएस-2 शीतला बाजार, पीएस-3 वाजिदुपर और पीएस-4 बुढि़याघाट) का संचालन जल निगम (शहरी) करता है।
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पहले इन पंपिंग स्टेशनों के माध्यम से रोज वहां की टेनरियों का 9-10 एमएलडी क्रोमियमयुक्त जहरीला पानी वाजिदपुर स्थित सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के 36 एमएलडी प्लांट में जाता था, जहां इसका शोधन किया जाता था। इस प्लांट में टेनरी वेस्ट शोधन की क्षमता कम होने के कारण प्रशासन कुंभ, माघ मेले में टेनरियों को बंद कराता था। इसके मद्देनजर केंद्र सरकार ने वाजिदपुर एसटीपी के पास 20 एमएलडी (मिलियन लीटर डेली) क्षमता का सीईटीपी बनवाया। करीब 600 करोड़ से यह प्लांट बना। जटेटा ने पिछले महीने इसका संचालन शुरू किया, पर इस प्लांट में दो-तीन एमएलडी पानी ही शोधित हो पा रहा है। शेष पानी नालों, पंपिंग स्टेशनों से ओवरफ्लो या वाल्व खोलकर गंगा में बहाने का पता चलने पर प्रशासन ने जल निगम (शहरी), जलकल विभाग, नगर निगम, यूपीपीसीबी के अधिकारियों की संयुक्त रूप से जांच कर रिपोर्ट तलब की।
सात सितंबर को इस कमेटी ने जांच-पड़ताल की, जिसमें टेनरियों तक का जहरीला पानी गंगा में जाने की पुष्टि हुई। कमेटी में जलकल विभाग के महाप्रबंधक एके त्रिपाठी, जल निगम (शहरी) के अधीक्षण अभियंता राजेंद्र सिंह, जटेटा के सचिव आदि शामिल रहे।
जांच के दौरान गंदा पानी गंगा में जाता मिला। टैपिंग भरी थी। वहां से ओवरफ्लो होकर पानी गंगा में जा रहा था। एक अन्य स्थान में सीवर लाइन में केमिकलयुक्त पानी दिखा। यूपी पीसीबी से ऐसी इकाइयों को चिह्नित करने को कहा है, जिनका केमिकलयुक्त पानी सीवर लाइन में जा रहा है। ऐसा पानी नए सीईटीपी में भेजा जाना चाहिए। - राजेंद्र सिंह, अधीक्षण अभियंता, जल निगम (शहरी)
वाजिदपुर में निरीक्षण किया था, वहां गंगा में जो पानी जा रहा था। उसमें सीवेज, टेनरी वेस्ट मिक्स है। सीवर लाइन मेंं भी कलर पानी दिखा, जिससे लगता है कि कई टेनरियों का पानी उसमें मिल रहा है। इसे टैप करना चाहिए। - एके त्रिपाठी, महाप्रबंधक, जलकल विभाग
जाजमऊ में डीसिल्टिंग करेंगे तो ओवरफ्लो की समस्या खत्म हो जाएगी। इसके लिए डीएम को पत्र लिखा है। डोर टू डोर कलेक्शन न होने के कारण इकाइयां सूखा चमड़ा नालों में डाल देती हैं, जब वो गीला होता है तो लोग इसे टेनरी वेस्ट कहने लगते हैं। जांच में पंपिंग स्टेशनों से ओवरफ्लो होता नहीं मिला था। शीतला बाजार, बुढि़याघाट पंपिंग स्टेशन में पंप न होने से ओवरफ्लो हुआ होगा, इसे दिखवाऊंगा। संबंधित विभाग को पत्र लिखा जाएगा।- अमित मिश्रा, क्षेत्रीय अधिकारी, उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड
यदि जांच कमेटी को डोमेस्टिक में टेनरी वेस्ट जाता दिखा था, तो पानी के नमूने लेकर जांच करानी चाहिए। यदि टेनरी वेस्ट आ रहा है तो प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कार्रवाई करे। टेनरियों का पानी गंगा में नहीं जा रहा। टेनरियों को बदनाम करने की साजिश की जा रही है।- फिरोज आलम, डायरेक्टर, जटेटा
जांच के दौरान गंदा पानी गंगा में जाता मिला। टैपिंग भरी थी। वहां से ओवरफ्लो होकर पानी गंगा में जा रहा था। एक अन्य स्थान में सीवर लाइन में केमिकलयुक्त पानी दिखा। यूपी पीसीबी से ऐसी इकाइयों को चिह्नित करने को कहा है, जिनका केमिकलयुक्त पानी सीवर लाइन में जा रहा है। ऐसा पानी नए सीईटीपी में भेजा जाना चाहिए। - राजेंद्र सिंह, अधीक्षण अभियंता, जल निगम (शहरी)
वाजिदपुर में निरीक्षण किया था, वहां गंगा में जो पानी जा रहा था। उसमें सीवेज, टेनरी वेस्ट मिक्स है। सीवर लाइन मेंं भी कलर पानी दिखा, जिससे लगता है कि कई टेनरियों का पानी उसमें मिल रहा है। इसे टैप करना चाहिए। - एके त्रिपाठी, महाप्रबंधक, जलकल विभाग
जाजमऊ में डीसिल्टिंग करेंगे तो ओवरफ्लो की समस्या खत्म हो जाएगी। इसके लिए डीएम को पत्र लिखा है। डोर टू डोर कलेक्शन न होने के कारण इकाइयां सूखा चमड़ा नालों में डाल देती हैं, जब वो गीला होता है तो लोग इसे टेनरी वेस्ट कहने लगते हैं। जांच में पंपिंग स्टेशनों से ओवरफ्लो होता नहीं मिला था। शीतला बाजार, बुढि़याघाट पंपिंग स्टेशन में पंप न होने से ओवरफ्लो हुआ होगा, इसे दिखवाऊंगा। संबंधित विभाग को पत्र लिखा जाएगा।- अमित मिश्रा, क्षेत्रीय अधिकारी, उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड
यदि जांच कमेटी को डोमेस्टिक में टेनरी वेस्ट जाता दिखा था, तो पानी के नमूने लेकर जांच करानी चाहिए। यदि टेनरी वेस्ट आ रहा है तो प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कार्रवाई करे। टेनरियों का पानी गंगा में नहीं जा रहा। टेनरियों को बदनाम करने की साजिश की जा रही है।- फिरोज आलम, डायरेक्टर, जटेटा