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Kanpur Rohingya Case: इब्राहिम का खुलासा- डोडा और किश्तवाड़ा भी गया था, फर्जी आईडी बनाने वालों के उगले नाम

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कानपुर Published by: हिमांशु अवस्थी Updated Fri, 26 Dec 2025 10:47 AM IST
सार

Kanpur News: कानपुर में पकड़े गए रोहिंग्या इब्राहिम ने फर्जी आईडी बनाने वाले सिंडिकेट का खुलासा किया है। वह जम्मू के आतंक प्रभावित क्षेत्रों में भी सक्रिय था और मानव तस्करी में संलिप्त पाया गया है।

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Kanpur Rohingya Case Ibrahims revelation he had also gone to Doda and Kishtwar and revealed of contractors
तीन रोहिंग्या हिरासत में - फोटो : amar ujala
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विस्तार
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कानपुर में पूर्वोत्तर संपर्क क्रांति एक्सप्रेस से पकड़े गए मो. इब्राहिम, मो. हासिम और उसकी साली से जांच एजेंसियों ने पूरी रात पूछताछ की। उनके खुलासे से जांच एजेंसियां भी सतर्क हो गई हैं। जांच में मानव तस्करी की बात भी सामने आ रही है। इब्राहिम जम्मू के आतंक प्रभावित डोडा और किश्तवाड़ा भी गया था। तीनों को गुरुवार को जेल भेज दिया गया।

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आरपीएफ के सहायक सुरक्षा आयुक्त विवेक वर्मा के अनुसार, मो. इब्राहिम के माता-पिता की म्यांमार में 2017 की हिंसा में हत्या कर दी गई थी। इसके बाद वह भागकर बांग्लादेश चला गया था। तब से वहीं रह रहा था। क्या काम करता है, इस बारे में उसने सुरक्षा एजेंसियों को जानकारी नहीं दी है। इसके बाद 2024 में वह बॉर्डर पारकर भारत आया और जम्मू में रह रहा था। इस दौरान वह जम्मू के आतंक प्रभावित डोडा और किश्तवाड़ा जैसे इलाकों का भी भ्रमण कर चुका है।

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मानव तस्करी का मामला भी सामने आ रहा है
साली की उम्र सिर्फ 17 साल है। इस वजह से मानव तस्करी का मामला भी सामने आ रहा है। आधिकारिक सूत्रों की मानें, तो मो. इब्राहिम ने कई जिलों के ठेकेदारों के नाम बताए हैं। आरपीएफ के माध्यम से यह जानकारी सभी जिलों को शेयर की गई है। सिंडिकेट से जुड़े कुछ लोग लखनऊ, कानपुर, वाराणसी और प्रयागराज के भी हैं। सुरक्षा एजेंसियों ने जांच में मानव तस्करी का मामला भी बताया है।

ठेकेदार ने उसे इस बार 35 हजार रुपये दिए थे।
विवेक के अनुसार, इब्राहिम ने बताया कि जिस जिले में मजदूरों को लेकर वह जाता था वहां का ठेकेदार आईडी बनवा देता था जिससे रोहिंग्या उसी जिले के निवासी हो जाते थे। ठेकेदार ने उसे इस बार 35 हजार रुपये दिए थे। रुपये लेकर वह पहले बांग्लादेश के शरणार्थी कैंप पहुंचा था, वहां उसे हाशिम मिल गया। जम्मू में शाकिर नाम के ठेकेदार को दोनों को सौंपना था। शाकिर एक मजदूर को 300 रुपये प्रतिमाह देता है, 200 रुपये एजेंट को दिए जाते हैं।

2023 में पकड़े थे सात रोहिंग्या
मई 2023 में एटीएस ने झकरकटी बस अड्डे से सात रोहिंग्या समेत आठ घुसपैठियों को गिरफ्तार किया था। रोहिंग्या ने बताया कि त्रिपुरा के रंगाउटी, कैलाशहर उन्नाकोटी निवासी सुबीर सब्दाकर उन्हें अपने साथ दिल्ली होते हुए जम्मू कश्मीर ले जा रहा था।

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