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Mukhtar Ansari: चार घंटे की पूछताछ में बताया कैसे किया माफिया का इलाज, तीन डॉक्टरों ने दर्ज कराए लिखित बयान
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, बांदा
Published by: शिखा पांडेय
Updated Fri, 05 Apr 2024 03:01 PM IST
सार
माफिया मुख्तार अंसारी की मौत के मामले में प्राथमिक जांच शुरू हो गई है। माफिया मुख्तार का इलाज करने वाले तीन डॉक्टरों ने लिखित बयान दर्ज कराए हैं।
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Mukhtar Ansari Death Case
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
मुख्तार की मौत मामले में डीजी जेल के आदेश पर वरिष्ठ कारागार अधीक्षक ने प्राथमिक जांच शुरू कर दी है। 28 मार्च को मुख्तार का इलाज करने वाले जिला अस्पताल के तीन चिकित्सकों डाॅ. हृदेश पटेल (फिजिशियन), डॉ. शिशिर और डॉ. आदिति श्रीवास्तव (सर्जन) ने जेल पहुंचकर वरिष्ठ जेल अधीक्षक वीरेश राज शर्मा के समक्ष लिखित बयान दर्ज कराए।
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सूत्र बताते हैं कि वरिष्ठ जेल अधीक्षक ने फिजीशियन डाॅ. हृदेश पटेल से बातचीत में मुख्तार की बीमारी व किए गए उपचार की जानकारी ली। मुख्तार को क्या बीमारी थी, इस बावत लिखित बयान लिए। इसी प्रकार सर्जन डाॅ. आदिति से भी मुख्तार की अचानक तबीयत बिगड़ने के कारणों की जानकारी की। लिखित बयान दर्ज किए गए।
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पूछताछ करीब चार घंटे तक चली। 11 बजे जेल पहुंचे डॉक्टर दोपहर करीब तीन बजे बाहर निकले। मीडिया से बातचीत में डाॅ. हृदेश पटेल ने बयानों के संबंध में कुछ भी बताने से इन्कार कर दिया। कहा कि जांच अति गोपनीय है। इसके संबंध में कुछ नहीं बताया जा सकता है। वरिष्ठ कारागार अधीक्षक वीरेश राज ने बताया कि शासन के आदेश पर मुख्तार मामले की प्राथमिकी जांच वे कर रहे हैं। मुख्तार की बीमारी और उपचार से संबंधित कुछ जानकारी प्राप्त करनी थी, जिसके लिए डॉक्टरों को जेल बुलाया गया था।
ये रहे डॉक्टरों के बयान
27 को दी थी परामर्श की सलाहडाॅ. अदिति श्रीवास्तव (सर्जन) ने जांच के दौरान बताया कि मुख्तार की तबीयत 25/26 मार्च की रात बिगड़ने पर उन्हें जेल बुलाया गया था। मुख्तार की हालत को देखते हुए मेडिकल काॅलेज रेफर कर दिया गया। 27 मार्च को परीक्षण के दौरान मुख्तार के पेट में दर्द, सूजन और गैस पास न होने की शिकायत मिली। मेडिकल काॅलेज के डाॅक्टरों से उपचार के लिए परामर्श लेने की सलाह दी गई। 28 मार्च को दोपहर मुख्तार की तबीयत बिगड़ने पर वह पुन: जेल पहुंची। उपचार करने के साथ ही जांच की गई। 3:15 बजे तक मुख्तार का स्वास्थ्य सामान्य था। उसी दिन शाम 5:40 बजे पुन: सूचना पर जेल पहुंची तो मुख्तार की हालत बिगड़ने पर उन्हें मेडिकल काॅलेज रेफर कर दिया गया।
ब्लड प्रेशर कम और बढ़ती जा रही थी शुगर
डाॅ. शिशिर चतुर्वेदी ने कहा कि 25-26 की रात परीक्षण के दौरान पाया गया कि मुख्तार को चार-पांच दिनों से गैस पास न होने की शिकायत थी। पेट में सूजन भी थी। बीपी कम और शुगर बढ़ी हुई थी। पल्स रेट 88 प्रति मिनट थी। स्थिति ठीक न देखकर मुख्तार को तत्काल मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया।
डाॅ. शिशिर चतुर्वेदी ने कहा कि 25-26 की रात परीक्षण के दौरान पाया गया कि मुख्तार को चार-पांच दिनों से गैस पास न होने की शिकायत थी। पेट में सूजन भी थी। बीपी कम और शुगर बढ़ी हुई थी। पल्स रेट 88 प्रति मिनट थी। स्थिति ठीक न देखकर मुख्तार को तत्काल मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया।
मेडिकल कॉलेज ले जाने की दी थी सलाह
डाॅ. हृदेश पटेल ने कहा कि 28 मार्च को दोपहर दो बजे जानकारी मिली कि वीडियो कांफ्रेंसिंग कक्ष में मुख्तार की तबीयत बिगड गई है। इस पर वह जांच के लिए जेल पहुंचे। उस समय मुख्तार व्हील चेयर पर था। नीचे लिटवाकर परीक्षण किया गया। बीपी सामान्य से कम पाया गया। उपचार के पश्चात स्वास्थ्य में सुधार हुआ। मुख्तार की परिजनों से बात भी कराई गई। मुख्तार का बीपी बार-बार असामान्य होने पर हदय रोग विशेषज्ञ और न्यूरो फिजिशियन से परीक्षण कराने की सलाह दी गई थी। उसी दिन शाम 5:38 बजे से सूचना मिली की तबीयत में सुधार नहीं हो रहा है तो जेल पहुंचकर परीक्षण कर मेडिकल काॅलेज ले जाने की सलाह देकर वह वापस चले गए।
डाॅ. हृदेश पटेल ने कहा कि 28 मार्च को दोपहर दो बजे जानकारी मिली कि वीडियो कांफ्रेंसिंग कक्ष में मुख्तार की तबीयत बिगड गई है। इस पर वह जांच के लिए जेल पहुंचे। उस समय मुख्तार व्हील चेयर पर था। नीचे लिटवाकर परीक्षण किया गया। बीपी सामान्य से कम पाया गया। उपचार के पश्चात स्वास्थ्य में सुधार हुआ। मुख्तार की परिजनों से बात भी कराई गई। मुख्तार का बीपी बार-बार असामान्य होने पर हदय रोग विशेषज्ञ और न्यूरो फिजिशियन से परीक्षण कराने की सलाह दी गई थी। उसी दिन शाम 5:38 बजे से सूचना मिली की तबीयत में सुधार नहीं हो रहा है तो जेल पहुंचकर परीक्षण कर मेडिकल काॅलेज ले जाने की सलाह देकर वह वापस चले गए।