अजब संयोग: 8 को जेपी, 12 को लोहिया और 10 अक्तूबर को चले गए मुलायम, एक-एक दिन के अंतर पर तीनों की पुण्यतिथियां
नेताजी, लोहिया और जेपी को अपना आदर्श मानते थे। यह संयोग की कहेंगे कि एक-एक दिन के अंतराल में तीनों की पुण्यतिथियां होंगी। बता दें कि आठ को जेपी, 12 को लोहिया और 10 अक्तूबर को मुलायम चले गए।
विस्तार
देश के दो महान नेताओं जय प्रकाश नारायण और डॉ. राम मनोहर लोहिया की पुण्य तिथियों के मध्य जननायक मुलायम सिंह यादव भी याद किए जाएंगे। तीनों की पुण्यतिथियां एक-एक दिन के अंतराल में होंगी। समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह पर समाजवादी चिंतक डॉ. लोहिया के विचारों का गहरा असर था।
बता दें कि महज 14 साल की उम्र में लोहिया के समाजवादी विचारों से प्रभावित होकर वह पहली बार जेल गए थे। कॉलेज के दिनों में भी उन पर डॉ. लोहिया के राजनीतिक दर्शन का काफी असर रहा। छात्र संघ के अध्यक्ष बने और इसी दौर में आगे उन्होंने डॉ. लोहिया की संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी (एसएसपी) का दामन थामा।
इसी प्रकाश जयप्रकाश नारायण (जेपी) के विचारों का भी मुलायम पर काफी असर हुआ। इन्हें भी मुलायम अपना आदर्श मानते थे। इसे संयोग ही कहेंगे कि लोहिया जी की पुण्यतिथि 12 अक्तूबर को होती है, जबकि लोकनायक जय प्रकाश नारायण की पुण्यतिथि आठ अक्तूबर है। मुलायम सिंह यादव 10 अक्तूबर को इन दोनों महान राजनेताओं के मध्य हमेशा याद किए जाएंगे।
नेता जी को किया नमन, संस्मरण सुनाए
सिविल लाइन स्थित सपा कार्यालय और कई शिक्षण संस्थानों में बुधवार को शोकसभा का आयोजन कर नेता जी को श्रद्धांजलि दी गई। नेताओं और शिक्षकों ने उन्हें नमन किया। उनके संस्मरण सुनाए। सपा कार्यालय पर जिलाध्यक्ष गोपाल यादव व पदाधिकारियों ने मुलायम सिंह को श्रद्धासुमन अर्पित किए।
जिलाध्यक्ष ने कहा कि नेताजी हमेशा कहा करते थे चांद जिसकी झोपड़ी में न उतरा हो, कभी मैं वहां ठहरना चाहता हूं। सूरज जिसकी देहरी पर न गया हो कभी मैं वहां जाना चाहता हूं। श्रद्धांजलि सभा में जिला महासचिव चंदन सिंह बघेल, उत्तम सिंह प्रजापति, बृजमोहन राजपूत, वसीम चौधरी, सुनीत कुमार, हाशिम कुरैशी, अनुज यादव, किशन यादव, मुस्तकीम आदि उपस्थित रहे।
शहर में बंगाली कॉलोनी स्थित बौद्ध विद्या मंदिर इंटर कॉलेज में हुई शोकसभा में कॉॅलेज के अध्यक्ष व पूर्व सांसद रामसिंह शाक्य ने मुलायम सिंह के चित्र पर पुष्प अर्पित किए। उन्होंने कहा कि नेताजी से उनका 1965 से साथ रहा। दोनों जैन इंटर कॉलेज करहल (मैनपुरी) में शिक्षक थे। नेताजी ने उन्हें तीन बार सांसद बनवाकर नई दिशा दी। 57 साल बाद साथ छूट गया।
वकीलों ने दी भावभीनी श्रद्धांजलि
भरथना में बार एसोसिएशन सभागार में अध्यक्ष राजकुमार तिवारी की मौजूदगी में वकीलों ने नेता जी को याद किया। शोकसभा में महामंत्री नरेंद्र दिवाकर, कोषाध्यक्ष पंकज यादव, केके गुप्ता, सुरेश चंद्र यादव, रामपाल सिंह राठौर, सुनील त्रिपाठी और महावीर सिंह मौजूद रहे।