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घाटमपुर: भीतरगांव में बुखार से सात और ग्रामीणों ने तोड़ा दम, लगातार मौतों से दहशत
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, घाटमपुर
Published by: शिखा पांडेय
Updated Thu, 29 Apr 2021 03:44 PM IST
सार
दौलतपुर गांव निवासी अनिल तिवारी (42) और राजकिशोर (52) कई दिन से बुखार से पीड़ित थे। मंगलवार रात हालत बिगड़ी और दोनों की मौत हो गई। बरुई अकबरपुर निवासी रघुवीर कुरील (62) और बाबूराम यादव (58) की भी बुखार से सांसें थम गईं।
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सांकेतिक तस्वीर
- फोटो : सोशल मीडिया
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विस्तार
घाटमपुर में भीतरगांव क्षेत्र के कई गांव बुखार की चपेट में हैं। बुधवार को दौलतपुर, साढ़ और बरुई अकबरपुर समेत अन्य गांवों में सात और बुखार पीड़ितों ने दम तोड़ दिया। इलाके में अब तक दो दर्जन से अधिक लोगों की बुखार से मौत हो चुकी है। लगातार मौतों से ग्रामीणों में दहशत है।
दौलतपुर गांव निवासी अनिल तिवारी (42) और राजकिशोर (52) कई दिन से बुखार से पीड़ित थे। मंगलवार रात हालत बिगड़ी और दोनों की मौत हो गई। बरुई अकबरपुर निवासी रघुवीर कुरील (62) और बाबूराम यादव (58) की भी बुखार से सांसें थम गईं।
साढ़ इलाके के महनीपुर निवासी कमलेश यादव (55) को अचानक बुखार आया और बुधवार सुबह उन्होंने भी दम तोड़ दिया। बुखार पीड़ित गौरीककरा निवासी नारेंद्र सिंह (52) कानपुर में रहकर अपना इलाज करा रहे थे। बुधवार सुबह उनकी भी मौत हो गयी। वहीं, राजेपुर गांव निवासी मुकेश सिंह गौतम (48) तीन दिन से बुखार से ग्रसित थे।
बुधवार को अचानक हालत बिगड़ी और उनकी मौत हो गई। कस्बा निवासी वृद्धा कमला की हालत बिगड़ने पर परिजन कानपुर के अस्पतालों में भटकते रहे, लेकिन कहीं इलाज नहीं मिला। हताश निराश परिजन गंभीर हालत में वृद्धा को लेकर भीतरगांव सीएससी आए, जहां उनका इलाज शुरू हो सका।
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दौलतपुर गांव निवासी अनिल तिवारी (42) और राजकिशोर (52) कई दिन से बुखार से पीड़ित थे। मंगलवार रात हालत बिगड़ी और दोनों की मौत हो गई। बरुई अकबरपुर निवासी रघुवीर कुरील (62) और बाबूराम यादव (58) की भी बुखार से सांसें थम गईं।
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साढ़ इलाके के महनीपुर निवासी कमलेश यादव (55) को अचानक बुखार आया और बुधवार सुबह उन्होंने भी दम तोड़ दिया। बुखार पीड़ित गौरीककरा निवासी नारेंद्र सिंह (52) कानपुर में रहकर अपना इलाज करा रहे थे। बुधवार सुबह उनकी भी मौत हो गयी। वहीं, राजेपुर गांव निवासी मुकेश सिंह गौतम (48) तीन दिन से बुखार से ग्रसित थे।
बुधवार को अचानक हालत बिगड़ी और उनकी मौत हो गई। कस्बा निवासी वृद्धा कमला की हालत बिगड़ने पर परिजन कानपुर के अस्पतालों में भटकते रहे, लेकिन कहीं इलाज नहीं मिला। हताश निराश परिजन गंभीर हालत में वृद्धा को लेकर भीतरगांव सीएससी आए, जहां उनका इलाज शुरू हो सका।
सीएचसी के कई डाक्टर और कर्मचारी कोरोना संक्रमित होने से आइसोलेशन में हैं, फिर भी आकस्मिक सेवाएं जारी हैं। बुखार आने पर मरीज की कोरोना जांच जरूर कराएं, जिससे उसकी रिपोर्ट आने के बाद सही इलाज हो सके। - डॉ. अजय मौर्या, सीएचसी प्रभारी भीतरगांव
