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Kasganj News: जानिए क्यों कहते हैं मोक्ष दिवस

संवाद न्यूज एजेंसी, कासगंज Updated Tue, 02 Dec 2025 11:46 PM IST
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Know why it is called Moksha Diwas
फोटो10सोरोंजी में भगवान वराह शोभायात्रा में मुख्य रथ में विराजमान भगवान वराह की प्रतिमा व साथ
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कासगंज
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जब हिरण्याक्ष नाम का राक्षस पृथ्वी को पाताल लोक में ले गया, तब सृष्टि का संचालन रुक गया। पृथ्वी पर हाहाकार मच गया। इस पर भगवान श्री हरि विष्णु ने वराह (शूकर) रूप में अवतरित होकर हिरण्याक्ष का वध कर पृथ्वी को पाताल लोक से निकालकर यहीं स्थापित किया। अगहन मास की शुक्ल पक्ष एकादशी को व्रत रखकर मार्गशीर्ष द्वादशी को अपने विशाल खुरों से पृथ्वी से हरिपदी गंगा को उत्पन्न किया। अपने शूकर रूपी शरीर को मोक्ष प्रदान कर बैकुंठ धाम को प्रस्थान किया। तभी से इस एकादशी को मोक्षदा एकादशी, तीर्थनगरी की धरा को शूकर क्षेत्र और द्वादशी तिथि को मोक्ष दिवस कहा जाता है। वराह भगवान की ओर से उत्पन्न हरिपदी गंगा में इन दोनों पवित्र तिथियों में स्नान का विशेष महत्व है। जिसे हरि की पौड़ी और वराह कुंड भी कहते हैं। संवाद
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