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Kasganj News: मार्गशीर्ष मेला 29 से, लगे झूले, जगमगाए घाट
संवाद न्यूज एजेंसी, कासगंज
Updated Wed, 26 Nov 2025 11:14 PM IST
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फोटो12सोरोंजी मेला में लगाए गए झूले। संवाद
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सोरोंजी। तीर्थनगरी के प्रसिद्ध मार्गशीर्ष मेला 29 नवंबर से शुरू होगा। तैयारियां अंतिम चरण में हैं। मेला ग्राउंड में ऊंचे ऊंचे झूले लग गए हैं। मैजिक शो, अप्पू घर, सिनेमा भी तैयार हो गया है। सर्कस के लिए व्यवस्थाएं की जा रही हैं। विभिन्न साज-सामान की दुकानें लगाई जा रही हैं। कारीगर पत्थर के सिल-बटना और चक्की के पाटों को तराशने में लगे हैं। हरि की पौड़ी के घाट को तिरंगा रोशनी से सजाया गया है। यह घाट तिरंगा रोशनी से जगमग हो रहे हैं।हरि की पौड़ी के तट पर 19 तिरंगा पोल लगाए गए हैं। इन तिरंगा पोल की लाइट का ट्रायल मंगलवार की रात कर लिया गया। बटन दबाते ही पोल की लाइटें जल उठीं। छह तिरंगा पोल कासगंज गेट वराह मूर्ति के पास लगाए गए हैं। मेला के अन्य क्षेत्र में भी लाइटिंग का काम चल रहा है। 28 नवंबर तक साज-सज्जा का कार्य पूरा होते ही लाइटों का ट्रायल किया जाएगा। मेला ग्राउंड में पहली बार 85 फुट की नाव का झूला लगा है। जादू में जलपरी शो कराया जा रहा है। हरि की पौड़ी गंगा किनारे कुछ सेल्फी प्वाइंट तैयार कर दिए गए हैं कुछ सेल्फी प्वाइंट बनाए जा रहे हैं। कासगंज गेट पर म्हारो प्यारो सोरोंजी का सेल्फी प्वाइंट तैयार किया जा रहा है। वहीं मेले में तमाम खाद्य पदार्थ की दुकानें सज रही हैं। वहीं कंबल शॉल की दुकानें भी लगाई जा चुकी हैं। ढोलक बाजार में भी दुकानें लगाने का काम शुरू हो गया है।
साधु-संतों के आगमन से आश्रम में रौनक
सोरोंजी। तीर्थनगरी के वार्षिक अमृत कुंभ मार्गशीर्ष में पड़ने वाले स्नान पर्वों पर हरि की पौड़ी में डुबकी लगाकर पुण्य संचित करने के लिए साधु संतों का आना शुरू हो गया है। मथुरा, बनारस, हरिद्वार, राजघाट, उज्जैन आदि स्थानों के अलावा मध्यप्रदेश, राजस्थान आदि प्रांतों से भी बड़ी संख्या में संत महात्मा प्रतिदिन तीर्थनगरी पहुंच रहे हैं। तीर्थनगरी के संत आश्रम स्वामी महेश दयानंद सोहम आश्रम, स्वामी अमृतानंद आश्रम, स्वामी ब्रह्मानंद आश्रम, टाटिया बाबा आश्रम, भक्त आश्रम, बंशी वाले बाबा आश्रम, नागालैंड आदि में अतिथि संत प्रवास कर रहे हैं। स्वामी महेश दयानंद सोहम आश्रम में प्रतिदिन भक्ति की बयार बह रही है। प्रभाती, देव पूजन, प्रवचन, आरती के कार्यक्रम के साथ संतों के लिए जलपान व भोजन का प्रबंध है।
संतों ने बताया तीर्थनगरी के महत्व
- गीता का उपदेश सर्वप्रथम भगवान सूर्यदेव को भगवान वराह ने शूकरक्षेत्र की धरा पर दिया था, वह तिथि मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष एकादशी थी, इसलिए इस दिवस को गीता जयंती दिवस के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन हरि की पौड़ी में स्नान व पंचकोसी परिक्रमा लगाने का विशेष महत्व है- स्वामी विदेहानंद गिरि, महंत वराह मंदिर
- मार्गशीर्ष एकादशी को भगवान वराह ने पृथ्वी के उद्धार के लिए हिरण्याक्ष राक्षस का वध किया था। इसी पवित्र धरा पर अपना सुदर्शन चक्र स्थापित कर एकादशी को उपवास रखा। द्वादशी को हरि की पौड़ी गंगा उत्पन्न कर अपने शरीर को मोक्ष प्रदान किया था। इन दोनों पवित्र तिथियों में हरि की पौड़ी में गंगा स्नान से सारे पाप नष्ट हो जाते हैं- स्वामी नरोत्तमानंद, अध्यक्ष, स्वामी ब्रह्मानंद सोहम आश्रम
- शूकरक्षेत्र पौराणिक है, यहां भगवान श्री हरि वराह रूप में अवतरित हुए थे। पुराणों में भगवान राम और कृष्ण के आने के उल्लेख मिलते हैं। शूकरक्षेत्र सात योजन में फैला है, इस तीर्थ के अंतर्गत 64 उपतीर्थ आते हैं। मार्गशीर्ष मास भगवान वराह के बैकुंठधाम गमन का मास है- स्वामी श्याम शरणानंद, प्रबंधक, स्वामी महेश दयानंद सोहम आश्रम
- भगवान विष्णु ने स्वयं यहां वराह रूप में अवतरित होकर पृथ्वी को संकट से उबारा था। पुराणों के अनुसार इस स्थान में जीव को जल थल और आकाश तीनों से मुक्ति मिलती है। मार्गशीर्ष मास में यहां गंगा में स्नान कर तप करने से अन्य दिनों की अपेक्षा कई गुना फल प्राप्त होता है- सागर महाराज, सेवायत, श्याम वराह मंदिर
29 को होगा मेला का उद्घाटन
सोरोंजी। मेला मार्गशीर्ष का उद्घाटन 29 नवंबर को किया जाएगा। यह उद्घाटन जिले के प्रभारी मंत्री एवं प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी नारायन चौधरी करेंगे। इस मौके पर अन्य जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहेंगे। पूजा अर्चना व अन्य धार्मिक परंपराओं के अनुसार मेला शुभारंभ होगा। जिलाधिकारी प्रणय सिंह ने बताया कि प्रभारी मंत्री को आमंत्रण भेजा गया है। उन्होंने अपनी स्वीकृति भी प्रदान कर दी है। संवाद
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साधु-संतों के आगमन से आश्रम में रौनक
सोरोंजी। तीर्थनगरी के वार्षिक अमृत कुंभ मार्गशीर्ष में पड़ने वाले स्नान पर्वों पर हरि की पौड़ी में डुबकी लगाकर पुण्य संचित करने के लिए साधु संतों का आना शुरू हो गया है। मथुरा, बनारस, हरिद्वार, राजघाट, उज्जैन आदि स्थानों के अलावा मध्यप्रदेश, राजस्थान आदि प्रांतों से भी बड़ी संख्या में संत महात्मा प्रतिदिन तीर्थनगरी पहुंच रहे हैं। तीर्थनगरी के संत आश्रम स्वामी महेश दयानंद सोहम आश्रम, स्वामी अमृतानंद आश्रम, स्वामी ब्रह्मानंद आश्रम, टाटिया बाबा आश्रम, भक्त आश्रम, बंशी वाले बाबा आश्रम, नागालैंड आदि में अतिथि संत प्रवास कर रहे हैं। स्वामी महेश दयानंद सोहम आश्रम में प्रतिदिन भक्ति की बयार बह रही है। प्रभाती, देव पूजन, प्रवचन, आरती के कार्यक्रम के साथ संतों के लिए जलपान व भोजन का प्रबंध है।
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संतों ने बताया तीर्थनगरी के महत्व
- गीता का उपदेश सर्वप्रथम भगवान सूर्यदेव को भगवान वराह ने शूकरक्षेत्र की धरा पर दिया था, वह तिथि मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष एकादशी थी, इसलिए इस दिवस को गीता जयंती दिवस के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन हरि की पौड़ी में स्नान व पंचकोसी परिक्रमा लगाने का विशेष महत्व है- स्वामी विदेहानंद गिरि, महंत वराह मंदिर
- मार्गशीर्ष एकादशी को भगवान वराह ने पृथ्वी के उद्धार के लिए हिरण्याक्ष राक्षस का वध किया था। इसी पवित्र धरा पर अपना सुदर्शन चक्र स्थापित कर एकादशी को उपवास रखा। द्वादशी को हरि की पौड़ी गंगा उत्पन्न कर अपने शरीर को मोक्ष प्रदान किया था। इन दोनों पवित्र तिथियों में हरि की पौड़ी में गंगा स्नान से सारे पाप नष्ट हो जाते हैं- स्वामी नरोत्तमानंद, अध्यक्ष, स्वामी ब्रह्मानंद सोहम आश्रम
- शूकरक्षेत्र पौराणिक है, यहां भगवान श्री हरि वराह रूप में अवतरित हुए थे। पुराणों में भगवान राम और कृष्ण के आने के उल्लेख मिलते हैं। शूकरक्षेत्र सात योजन में फैला है, इस तीर्थ के अंतर्गत 64 उपतीर्थ आते हैं। मार्गशीर्ष मास भगवान वराह के बैकुंठधाम गमन का मास है- स्वामी श्याम शरणानंद, प्रबंधक, स्वामी महेश दयानंद सोहम आश्रम
- भगवान विष्णु ने स्वयं यहां वराह रूप में अवतरित होकर पृथ्वी को संकट से उबारा था। पुराणों के अनुसार इस स्थान में जीव को जल थल और आकाश तीनों से मुक्ति मिलती है। मार्गशीर्ष मास में यहां गंगा में स्नान कर तप करने से अन्य दिनों की अपेक्षा कई गुना फल प्राप्त होता है- सागर महाराज, सेवायत, श्याम वराह मंदिर
29 को होगा मेला का उद्घाटन
सोरोंजी। मेला मार्गशीर्ष का उद्घाटन 29 नवंबर को किया जाएगा। यह उद्घाटन जिले के प्रभारी मंत्री एवं प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी नारायन चौधरी करेंगे। इस मौके पर अन्य जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहेंगे। पूजा अर्चना व अन्य धार्मिक परंपराओं के अनुसार मेला शुभारंभ होगा। जिलाधिकारी प्रणय सिंह ने बताया कि प्रभारी मंत्री को आमंत्रण भेजा गया है। उन्होंने अपनी स्वीकृति भी प्रदान कर दी है। संवाद