Medical College Ragging : रैगिंग करने पर मेडिकल कॉलेज के 97 छात्र एक माह के लिए निलंबित, अर्थदंड भी लगाया गया
Ragging News Today : कौशाम्बी के मेडिकल कॉलेज में रैगिंग का मामला सामने आया है। इसकी शिकायत एंटी रैगिंग सेल नई दिल्ली से की गई थी। जांच में मामला सही पाए जाने पर 97 छात्रों को कॉलेज से निलंबित कर दिया गया है। साथ ही पांच-पांच हजार रुपये अर्थदंड लगाया गया है।
विस्तार
स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय, कौशाम्बी में एमबीबीएस प्रथम वर्ष (2025 बैच) के छात्रों के साथ रैगिंग करने पर कॉलेज प्रशासन ने द्वितीय वर्ष के 97 विद्यार्थियों को निलंबित कर दिया। सभी को पांच-पांच हजार रुपये का अर्थदंड भी दिया गया है। मामले की शिकायत एंटी रैगिंग सेल नई दिल्ली में की गई थी, जो जांच में सही निकली।
प्रथम वर्ष के परेशान छात्रों ने 30 नवंबर को शिकायत की थी। दिल्ली से मामला जब महाविद्यालय तक पहुंचा तो यहां की एंटी रैगिंग कमेटी ने जांच की, जिसमें आरोपों का पुष्टि हुई। महाविद्यालय प्रशासन के अनुसार कमेटी ने प्रथम व द्वितीय वर्ष के छात्रों से बातचीत कर तथ्यों को संकलित किया। विस्तृत जांच रिपोर्ट में यह स्पष्ट रूप से पाया गया कि द्वितीय वर्ष के छात्रों ने प्रथम वर्ष के छात्रों के साथ रैगिंग संबंधी हरकतें की थीं। प्रकरण को गंभीर अनुशासनहीनता मानते हुए दोषी छात्रों पर कठोर कार्रवाई की सिफारिश की गई।
रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए महाविद्यालय प्रशासन ने द्वितीय वर्ष के पूरे बैच (97 विद्यार्थी) को एक माह के लिए निलंबित कर दिया। उन्हें कॉलेज से दूर रहने के निर्देश भी जारी किए गए हैं। महाविद्यालय ने स्पष्ट किया कि रैगिंग जैसी घटनाएं किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं हैं। भविष्य में भी ऐसी हरकतों पर सख्त कार्रवाई होगी।
छात्रों की सुरक्षा, सम्मान और महाविद्यालय में अनुशासन बनाए रखना सर्वोच्च प्राथमिकता है। छात्रों से अपील की कि वे सकारात्मक वातावरण बनाकर सहयोग करें और किसी भी समस्या की सूचना तुरंत प्रशासन को दें। - डॉ. हरिओम, प्राचार्य
रैगिंग : सिर झुकाने, जीरो कटिंग और दो चोटी बनाने के लिए किया मजबूर
मंझनपुर। शैक्षणिक संस्थानों में रैगिंग प्रतिबंधित किए जाने के बावजूद स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय में एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्र-छात्राओं को सिर झुकाने, जीरो कटिंग और दो चोटी बनाने के लिए मजबूर किया गया। एंटी रैगिंग सेल नई दिल्ली में शिकायत न होती तो शायद मामला दबा रहता। हालांकि, महाविद्यालय प्रशासन ने अनुशासनहीनता के खिलाफ सख्त संदेश दिया है।
निलंबित किए गए बैच की कक्षाएं एक माह के लिए स्थगित कर दी गईं और छह दिसंबर से एक माह के लिए छात्रावास खाली करने का आदेश दिया गया। इसके साथ ही छात्रों और अभिभावकों से अनिवार्य शपथ पत्र जमा करने का निर्देश जारी किया गया है। ऐसा न करने पर कक्षाओं में उपस्थिति और भविष्य में महाविद्यालय में बने रहने पर रोक लगाई जा सकती है।
जूनियर्स का मनोबल बढ़ा, कॉलेज में सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी
सख्त कार्रवाई से प्रथम वर्ष के छात्रों का भरोसा बढ़ा है। वहीं प्रशासन ने फैकल्टी मॉनिटरिंग, वार्डन राउंड और हेल्पलाइन सक्रियता बढ़ा दी है। वहीं कुछ सीनियर्स ने दंड को कठोर बताया लेकिन प्रबंधन का रुख साफ है कि रैगिंग पर जीरो टॉलरेंस रहेगा। और आगे निगरानी व प्रतिबंध और मजबूत किए जाएंगे।
रैगिंग : सिर झुकाने, जीरो कटिंग और दो चोटी बनाने के लिए किया मजबूर
शैक्षणिक संस्थानों में रैगिंग प्रतिबंधित किए जाने के बावजूद स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय में एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्र-छात्राओं को सिर झुकाने, जीरो कटिंग और दो चोटी बनाने के लिए मजबूर किया गया। एंटी रैगिंग सेल नई दिल्ली में शिकायत न होती तो शायद मामला दबा रहता। हालांकि, महाविद्यालय प्रशासन ने अनुशासनहीनता के खिलाफ सख्त संदेश दिया है।
निलंबित किए गए बैच की कक्षाएं एक माह के लिए स्थगित कर दी गईं और छह दिसंबर से एक माह के लिए छात्रावास खाली करने का आदेश दिया गया। इसके साथ ही छात्रों और अभिभावकों से अनिवार्य शपथ पत्र जमा करने का निर्देश जारी किया गया है। ऐसा न करने पर कक्षाओं में उपस्थिति और भविष्य में महाविद्यालय में बने रहने पर रोक लगाई जा सकती है।
जूनियर्स का मनोबल बढ़ा, कॉलेज में सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी
सख्त कार्रवाई से प्रथम वर्ष के छात्रों का भरोसा बढ़ा है। वहीं प्रशासन ने फैकल्टी मॉनिटरिंग, वार्डन राउंड और हेल्पलाइन सक्रियता बढ़ा दी है। वहीं कुछ सीनियर्स ने दंड को कठोर बताया लेकिन प्रबंधन का रुख साफ है कि रैगिंग पर जीरो टॉलरेंस रहेगा। और आगे निगरानी व प्रतिबंध और मजबूत किए जाएंगे।
एमएलएन मेडिकल कॉलेज में भी हुई थी कार्रवाई
मोती लाल नेहरू (एमएलएन) मेडिकल कॉलेज में करीब डेढ़ साल पहले एमबीबीएस प्रथम वर्ष के तीन छात्रों के साथ रैगिंग का मामला सामने आया था। मेडिकल कॉलेज के एंटी रैगिंग सेल ने तृतीय वर्ष के दो छात्रों दो दोषी पाया था। इसके बाद मेडिकल कॉलेज की तत्कालीन प्राचार्य डॉ. वत्सला मिश्रा ने दोनों छात्रों को निलनिलंबित कर दिया था।