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भूल न जाना सरकार, चार अरब का है कर्ज
अमर उजाला ब्यूरो, कौशाम्बी
Updated Tue, 21 Mar 2017 12:24 AM IST
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kaushambi
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भाजपा सरकार के बनते ही किसानों को कर्ज से राहत मिलने की उम्मीदें दिखने लगी हैं। कर्ज में डूबे किसानों को लगने लगा है कि सरकार अपने वादे को पूरा करेगी और उनका कर्जा माफ करेगी। जिले के किसानों पर लगभग चार अरब का कर्जा है। हालांकि अभी सरकार की गाइड लाइन नहीं मिली है, इसके बाद भी अफसरों ने बैंकों से बांटे गए ऋण का विवरण जुटाना शुरू कर दिया है।
जिले के लगभग सवा लाख किसानों ने बैंकों से किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) बनवा रखा है। इनमें से 32 हजार लोगों ने वर्ष 2016-17 में करीब चार सौ 5 करोड़ का ऋण विभिन्न बैंकों से ले रखा है। इसमें सभी प्रकार के किसान शामिल हैं। लघु व सीमांत किसानों ने खेती के नाम पर यह ऋण लिया था। चुनाव शुरू होते ही भाजपा ने ऐलान किया था कि वह किसानों का कर्ज माफ करेगी।
भाजपा ने अपने एजेंडे भी इसको शामिल किया था। पूर्ण बहुमत की सरकार बनते ही किसानों की उम्मीद बढ़ गई थी कि सरकार उनका कर्ज माफ करेगी। रविवार को सरकार गठित भी हो गई है। अब किसान रात-दिन यही सोच रहा है कि सरकार कब उन्हें कर्ज से मुक्ति देने का ऐलान करती है। कर्ज माफी को लेकर किसान उत्साहित हैं। उनका कहना है कि उन्हें इस बोझ से सरकार जरूर राहत देगी। किसानों के बीच इसको लेकर तमाम तरह की चर्चाएं भी शुरू हो गई हैं। भाजपा के एजेंडे में शामिल इस योजना को लेकर अधिकारी भी सतर्क हो गए हैं। जिला अग्रणी बैंक मैनेजर दिनेश मिश्र ने सभी बैंकों से ऋण वितरण का ब्योरा जुटाना शुरू कर दिया है। रिजनल बैंकों से भी बांटे गए लोन का डाटा इकट्ठा किया जा रहा है।
गाइड लाइन आने के बाद साफ होगी तस्वीर
किसानों को कर्ज से राहत देने की तैयारी तो तेज हो गई है, लेकिन किस श्रेणी के किसानों को इसका लाभ मिलेगा और कौन इसके पात्र होंगे? अभी यह तय नहीं है। इसके लिए अधिकारियों को सरकार की गाइड लाइन का इंतजार है। अभी इसमें वक्त लगेगा। इससे अधिकारी वाकिफ हैं, इसलिए उन्होंने भीतर ही भीतर अपनी तैयारी भी शुरू कर दी है। उन्होंने ऋण वितरण से संबंधित सारी जानकारियां जुटानी शुरू कर दी है।
वर्ष 2016-17 में किसानों को लगभग 405 करोड़ का कर्ज विभिन्न बैंकों ने दिया है। ऋण वितरण से संबंधित सारी जानकारियां जुटाई जा रही हैं। किसानों को इसका कैसे लाभ मिलेगा, यह तभी तय होगा, जब शासन से गाइड लाइन आ जाएगी।
दिनेश मिश्र, एलडीएम
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जिले के लगभग सवा लाख किसानों ने बैंकों से किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) बनवा रखा है। इनमें से 32 हजार लोगों ने वर्ष 2016-17 में करीब चार सौ 5 करोड़ का ऋण विभिन्न बैंकों से ले रखा है। इसमें सभी प्रकार के किसान शामिल हैं। लघु व सीमांत किसानों ने खेती के नाम पर यह ऋण लिया था। चुनाव शुरू होते ही भाजपा ने ऐलान किया था कि वह किसानों का कर्ज माफ करेगी।
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भाजपा ने अपने एजेंडे भी इसको शामिल किया था। पूर्ण बहुमत की सरकार बनते ही किसानों की उम्मीद बढ़ गई थी कि सरकार उनका कर्ज माफ करेगी। रविवार को सरकार गठित भी हो गई है। अब किसान रात-दिन यही सोच रहा है कि सरकार कब उन्हें कर्ज से मुक्ति देने का ऐलान करती है। कर्ज माफी को लेकर किसान उत्साहित हैं। उनका कहना है कि उन्हें इस बोझ से सरकार जरूर राहत देगी। किसानों के बीच इसको लेकर तमाम तरह की चर्चाएं भी शुरू हो गई हैं। भाजपा के एजेंडे में शामिल इस योजना को लेकर अधिकारी भी सतर्क हो गए हैं। जिला अग्रणी बैंक मैनेजर दिनेश मिश्र ने सभी बैंकों से ऋण वितरण का ब्योरा जुटाना शुरू कर दिया है। रिजनल बैंकों से भी बांटे गए लोन का डाटा इकट्ठा किया जा रहा है।
गाइड लाइन आने के बाद साफ होगी तस्वीर
किसानों को कर्ज से राहत देने की तैयारी तो तेज हो गई है, लेकिन किस श्रेणी के किसानों को इसका लाभ मिलेगा और कौन इसके पात्र होंगे? अभी यह तय नहीं है। इसके लिए अधिकारियों को सरकार की गाइड लाइन का इंतजार है। अभी इसमें वक्त लगेगा। इससे अधिकारी वाकिफ हैं, इसलिए उन्होंने भीतर ही भीतर अपनी तैयारी भी शुरू कर दी है। उन्होंने ऋण वितरण से संबंधित सारी जानकारियां जुटानी शुरू कर दी है।
वर्ष 2016-17 में किसानों को लगभग 405 करोड़ का कर्ज विभिन्न बैंकों ने दिया है। ऋण वितरण से संबंधित सारी जानकारियां जुटाई जा रही हैं। किसानों को इसका कैसे लाभ मिलेगा, यह तभी तय होगा, जब शासन से गाइड लाइन आ जाएगी।
दिनेश मिश्र, एलडीएम