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Kaushambi News: हाईटेंशन लाइन के नीचे सुरक्षा तार नहीं, हादसों का खतरा
संवाद न्यूज एजेंसी, कौशांबी
Updated Sun, 21 Dec 2025 02:43 AM IST
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नेवादा क्षेत्र में बिना गार्डिंग के सड़कों के ऊपर से गुजरा हाइटेंशन लाइन
- फोटो : credit
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ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क के आर पार बिना सुरक्षा तार के गुजरी हाईटेंशन लाइन खतरा बनी हुई हैं। ग्रामीणों के मुताबिक तारों के टूटकर गिरने से बड़ा हादसा होने का खतरा रहता है लेकिन बिजली विभाग इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है।
बिजली आपूर्ति के लिए 11 हजार केवी व 33 हजार केवी की हाईटेंशन लाइन का जाल बिछाया गया है जो मुख्य सड़कों व गली मोहल्लों से होकर गुजरी हैं। नियम अनुसार बिजली विभाग द्वारा हाईटेंशन लाइन लगाते समय ही इनके नीचे दोनों विद्युत खंभों के बीच में निर्धारित दूरी के अंतराल पर सुरक्षा तार लगाए जाने चाहिए। इनके टूटने या गिरने पर इन्हें बदलने का प्रावधान भी है।
हालांकि ग्रामीण इलाके में 90 फीसदी स्थानों पर हाईटेंशन लाइन के नीचे सुरक्षा तार नहीं लगाए गए हैं। जिन स्थानों पर यह तार लगाए गए थे, उनके टूटने के बाद नए तार नहीं लगाए गए। इससे कभी भी गंभीर हादसा होने का खतरा बना रहता है।
नेवादा ब्लॉक के जैतपुर पूरे हजारी गांव से कुंडारी माइनर सड़क, सरैंया पुल से मखदूमपुर नहर मार्ग, तिल्हापुरमोड़ से पुरखास वाया सरायअकिल मार्ग समेत इलाके की ज्यादातर सड़कों के आर-पार गुजरीं हाइटेंशन लाइन के नीचे सुरक्षा तार नहीं लगे हैं।
सुरसेनी गांव के नरेंद्र मिश्रा, राजकुमार शुक्ल, तिल्हापुर के विपुल कुमार, सूरज आदि ने बताया कि सड़कों से 24 घंटे छोटे-बड़े वाहन और राहगीर गुजरते हैं। हाईटेंशन लाइन के नीचे सुरक्षा तार न होने से लाइन के टूटकर गिरने के कारण कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। ग्रामीणों का कहना है कि यह बिजली विभाग की लापरवाही है। सुरक्षा के लिहाज से विभाग को हाईटेंशन लाइन के नीचे सुरक्षा तार लगवाने चाहिए।
क्षेत्र में हाईटेंशन लाइन के नीचे कहां सुरक्षा तार नहीं लगे हैं, इसकी जानकारी संबंधित क्षेत्र के अवर अभियंताओं के माध्यम से जुटाई जाएगी। इसके बाद एस्टीमेट बनाकर शासन को भेजा जाएगा। बजट आवंटित होते ही सभी लाइन के नीचे सुरक्षा तार लगवा दिए जाएंगे।
रामहरि, अधिशासी अभियंता, चायल रेंज
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बिजली आपूर्ति के लिए 11 हजार केवी व 33 हजार केवी की हाईटेंशन लाइन का जाल बिछाया गया है जो मुख्य सड़कों व गली मोहल्लों से होकर गुजरी हैं। नियम अनुसार बिजली विभाग द्वारा हाईटेंशन लाइन लगाते समय ही इनके नीचे दोनों विद्युत खंभों के बीच में निर्धारित दूरी के अंतराल पर सुरक्षा तार लगाए जाने चाहिए। इनके टूटने या गिरने पर इन्हें बदलने का प्रावधान भी है।
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हालांकि ग्रामीण इलाके में 90 फीसदी स्थानों पर हाईटेंशन लाइन के नीचे सुरक्षा तार नहीं लगाए गए हैं। जिन स्थानों पर यह तार लगाए गए थे, उनके टूटने के बाद नए तार नहीं लगाए गए। इससे कभी भी गंभीर हादसा होने का खतरा बना रहता है।
नेवादा ब्लॉक के जैतपुर पूरे हजारी गांव से कुंडारी माइनर सड़क, सरैंया पुल से मखदूमपुर नहर मार्ग, तिल्हापुरमोड़ से पुरखास वाया सरायअकिल मार्ग समेत इलाके की ज्यादातर सड़कों के आर-पार गुजरीं हाइटेंशन लाइन के नीचे सुरक्षा तार नहीं लगे हैं।
सुरसेनी गांव के नरेंद्र मिश्रा, राजकुमार शुक्ल, तिल्हापुर के विपुल कुमार, सूरज आदि ने बताया कि सड़कों से 24 घंटे छोटे-बड़े वाहन और राहगीर गुजरते हैं। हाईटेंशन लाइन के नीचे सुरक्षा तार न होने से लाइन के टूटकर गिरने के कारण कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। ग्रामीणों का कहना है कि यह बिजली विभाग की लापरवाही है। सुरक्षा के लिहाज से विभाग को हाईटेंशन लाइन के नीचे सुरक्षा तार लगवाने चाहिए।
क्षेत्र में हाईटेंशन लाइन के नीचे कहां सुरक्षा तार नहीं लगे हैं, इसकी जानकारी संबंधित क्षेत्र के अवर अभियंताओं के माध्यम से जुटाई जाएगी। इसके बाद एस्टीमेट बनाकर शासन को भेजा जाएगा। बजट आवंटित होते ही सभी लाइन के नीचे सुरक्षा तार लगवा दिए जाएंगे।
रामहरि, अधिशासी अभियंता, चायल रेंज

नेवादा क्षेत्र में बिना गार्डिंग के सड़कों के ऊपर से गुजरा हाइटेंशन लाइन- फोटो : credit
