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Kushinagar News: कोहरे में काल बनकर खड़े हैं बिजली के खंभे, राह चलते लगता है डर
संवाद न्यूज एजेंसी, कुशीनगर
Updated Fri, 19 Dec 2025 01:58 AM IST
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पडरौना में लगा जाम। संवाद
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कुशीनगर। कोहरे ने इस बार पहले दिन ही अपना असर दिखा दिया है। दृश्यता दो मीटर से भी कम रही। ऐसे हालात में सबसे बड़ी चुनौती किसी तेज रफ्तार वाहन से ज्यादा सड़क किनारे खड़े बिजली के खम्भों से बचना है। सुभाष चौक से लेकर रामकोला रोड, कसया रोड और शहर के अन्य प्रमुख मार्गों पर लगे ये खम्भे कोहरे में अचानक सामने आकर मौत का खतरा बन सकते हैं।
शाम ढलते ही हालात और भयावह हो गए। सुभाष चौक के आसपास यह स्थिति थी कि सामने से आ रहे ट्रक की हेडलाइट लगभग दस मीटर दूर से दिखाई दे रही थी, लेकिन सड़क किनारे खड़े बिजली के खम्भे दो से तीन मीटर की दूरी पर जाकर ही नजर आ रहे थे। कई बार तो खम्भा बिल्कुल सामने आकर उभरता दिखा। यानी जिस चीज से टकराने का खतरा सबसे ज्यादा है, वही सबसे कम दिखाई दे रही है।
रात बढ़ने के साथ कोहरा और घना होता चला गया। वाहन चालक सड़क की लकीरें नहीं, बल्कि किनारे पड़ी सफेद पट्टी, मिट्टी के रंग और डिवाइडर के सहारे गाड़ी चलाते दिखे। पूरी रात वाहन रेंगते रहे। स्पीड अपने आप 10-15 किलोमीटर प्रति घंटे पर सिमट गई। रामकोला रोड और कसया रोड पर कई जगह वाहन बीच सड़क में ही रुक गए। पीछे से आने वाले चालक भी एक-दूसरे की ब्रेक लाइट के भरोसे आगे बढ़ते रहे। रसायन विज्ञानी डॉ. उमेश सिंह बताते हैं कि विशेषज्ञों के मुताबिक कोहरे में सीमेंट के बिजली के खम्भे इसलिए ज्यादा खतरनाक हो जाते हैं क्योंकि कोहरे में मौजूद पानी की सूक्ष्म बूंदें प्रकाश को बिखेर देती हैं। सीमेंट का धूसर रंग कोहरे के रंग से लगभग मिल जाता है।
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शाम ढलते ही हालात और भयावह हो गए। सुभाष चौक के आसपास यह स्थिति थी कि सामने से आ रहे ट्रक की हेडलाइट लगभग दस मीटर दूर से दिखाई दे रही थी, लेकिन सड़क किनारे खड़े बिजली के खम्भे दो से तीन मीटर की दूरी पर जाकर ही नजर आ रहे थे। कई बार तो खम्भा बिल्कुल सामने आकर उभरता दिखा। यानी जिस चीज से टकराने का खतरा सबसे ज्यादा है, वही सबसे कम दिखाई दे रही है।
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रात बढ़ने के साथ कोहरा और घना होता चला गया। वाहन चालक सड़क की लकीरें नहीं, बल्कि किनारे पड़ी सफेद पट्टी, मिट्टी के रंग और डिवाइडर के सहारे गाड़ी चलाते दिखे। पूरी रात वाहन रेंगते रहे। स्पीड अपने आप 10-15 किलोमीटर प्रति घंटे पर सिमट गई। रामकोला रोड और कसया रोड पर कई जगह वाहन बीच सड़क में ही रुक गए। पीछे से आने वाले चालक भी एक-दूसरे की ब्रेक लाइट के भरोसे आगे बढ़ते रहे। रसायन विज्ञानी डॉ. उमेश सिंह बताते हैं कि विशेषज्ञों के मुताबिक कोहरे में सीमेंट के बिजली के खम्भे इसलिए ज्यादा खतरनाक हो जाते हैं क्योंकि कोहरे में मौजूद पानी की सूक्ष्म बूंदें प्रकाश को बिखेर देती हैं। सीमेंट का धूसर रंग कोहरे के रंग से लगभग मिल जाता है।
