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Lakhimpur Kheri News: विकास कार्यों के नाम पर 3.36 लाख का हेरफेर, सचिव निलंबित
संवाद न्यूज एजेंसी, लखीमपुर खीरी
Updated Wed, 24 Dec 2025 11:49 PM IST
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लखीमपुर खीरी। ऑडिट आपत्तियों का निस्तारण न होने पर पंचायतीराज विभाग ने एक ग्राम पंचायत अधिकारी को निलंबित कर दिया। सचिव पर आरोप है कि विकास कार्य के ऑडिट में लाखों रुपये के बिल वाउचर नहीं मिले। विशेष लेखा परीक्षा अधिकारी ने आपत्तियां लगाकर विभाग को भेजा था। इसपर विभाग ने सचिव अमीर चंद्र राणा को नोटिस जारी कर आपत्तियां निस्तारित के निर्देश दिए, लेकिन सचिव ने नहीं किया। ऐसे में विभाग ने सचिव को निलंबित कर दिया गया।
डीपीआरओ विशाल सिंह ने बताया कि सचिव अमीर चंद्र राना पहले बिजुआ के गोविंदापुर, अम्बारा, बहादुर नगर ग्राम पंचायतों में तैनात थे। अपने कार्यकाल में गोविंदापुर के विशेष लेखा परीक्षा प्रतिवेदन वर्ष 2016-17 व 2017-18 के अनुसार 58,500, ग्राम पंचायत अम्बारा से 1,32,000, ग्राम पंचायत गोगावों में 70 हजार व ग्राम पंचायत बहादुर नगर से 75,500 हजार रुपये यानी कुल 3.36 लाख रुपये निकाले, लेकिन कोई भी अभिलेख नहीं लगाए। सचिव को कई नोटिस दिए, लेकिन न उत्तर दिया न ही विशेष लेखा परीक्षण की आपत्तियों के अभिलेख उपलब्ध कराया।
शासकीय धनराशि का दुरुपयोग करने के दोषी मानते हुए सचिव को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते कार्यालय अटैच कर दिया। मामले की जांच सहायक जिला पंचायत राज अधिकारी को सौंपी गई है, जिनको 15 दिन में जांच रिपोर्ट देने को कहा है।
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डीपीआरओ विशाल सिंह ने बताया कि सचिव अमीर चंद्र राना पहले बिजुआ के गोविंदापुर, अम्बारा, बहादुर नगर ग्राम पंचायतों में तैनात थे। अपने कार्यकाल में गोविंदापुर के विशेष लेखा परीक्षा प्रतिवेदन वर्ष 2016-17 व 2017-18 के अनुसार 58,500, ग्राम पंचायत अम्बारा से 1,32,000, ग्राम पंचायत गोगावों में 70 हजार व ग्राम पंचायत बहादुर नगर से 75,500 हजार रुपये यानी कुल 3.36 लाख रुपये निकाले, लेकिन कोई भी अभिलेख नहीं लगाए। सचिव को कई नोटिस दिए, लेकिन न उत्तर दिया न ही विशेष लेखा परीक्षण की आपत्तियों के अभिलेख उपलब्ध कराया।
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शासकीय धनराशि का दुरुपयोग करने के दोषी मानते हुए सचिव को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते कार्यालय अटैच कर दिया। मामले की जांच सहायक जिला पंचायत राज अधिकारी को सौंपी गई है, जिनको 15 दिन में जांच रिपोर्ट देने को कहा है।
