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Lakhimpur Kheri News: मोहम्मदी में लेखपाल संघ भवन से प्रशासन ने हटाया वकीलों का सामान
संवाद न्यूज एजेंसी, लखीमपुर खीरी
Updated Sun, 07 Dec 2025 11:22 PM IST
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लखीमपुर खीरी। मोहम्मदी तहसील परिसर में लेखपाल संघ भवन को प्रशासन ने रविवार को पुलिस बल बुलाकर कब्जामुक्त करा दिया गया। वहां रखा अधिवक्ताओं का सामान हटा दिया गया। प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि लेखपाल संघ के पदाधिकारियों की शिकायत पर यह कार्रवाई की गई। अधिवक्ताओं को इस कार्रवाई का पता चला तो माहौल एक बार फिर से गरमा गया है।
वर्ष 2010 में तत्कालीन लेखपाल संघ ने सहमति से तहसील परिसर में संघ भवन का निर्माण कराया था। वर्ष 2011 में अधिवक्ता और लेखपालों के बीच संघर्ष के दौरान गोलीकांड में दो अधिवक्ताओं की दर्दनाक मौत हुई थी। प्रशासन ने भवन को घटनास्थल मानकर तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया था। इसके बाद लेखपाल संघ के अध्यक्ष रणधीर सिंह, महामंत्री नवल दीक्षित, दीपक वर्मा, संजय वर्मा, संतोष गौतम, रोहित राज समेत सभी लेखपालों ने संयुक्त रूप से वकीलों से कब्जा मुक्त करने के लिए शिकायती पत्र दिया था।
स्थानीय प्रशासन ने मौका देखते हुए रविवार को फोर्स बुला ली। करीब चार बजे भारी पुलिस बल और पीएसी बल से तहसील परिसर छावनी में बदल गया। प्रशासन ने मुख्य गेट बंद कर भवन में अधिवक्ताओं का रखा सामान बाहर निकालकर कब्जा मुक्त करवा दिया।
तहसील बार एसोसिएशन के अध्यक्ष कुलदीप चौधरी का कहना है कि तीन सितंबर 2011 को अरविंद प्रकाश तिवारी एडवोकेट और प्रदीप दीक्षित एडवोकेट संघर्ष के दौरान शहीद हो गए थे। तभी से अधिवक्ता इसे ही स्मृति भवन कहने लगे, जिसमें एमएलसी अवनीश कुमार सिंह ने जनता के लिए आरओ प्लांट लगाया था। संबंधित मामले में अधिवक्ताओं ने भवन को लेकर जूनियर डिवीजन सिविल जज के यहां केस दायर किया, जिसका निर्णय विचाराधीन है। इसके बावजूद प्रशासन ने रविवार के दिन वकीलों का रखा कीमती सामान बाहर फेंक दिया।
वर्जन
जिस भवन को कब्जा मुक्त कराया गया वह पहले से ही लेखपालों के पास था। घटना के बाद से बंद था। शिकायत के बाद कार्रवाई की गई है। शांति व्यवस्था बनी हुई है। -चलुवराजू आर, एसडीएम, मोहम्मदी
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वर्ष 2010 में तत्कालीन लेखपाल संघ ने सहमति से तहसील परिसर में संघ भवन का निर्माण कराया था। वर्ष 2011 में अधिवक्ता और लेखपालों के बीच संघर्ष के दौरान गोलीकांड में दो अधिवक्ताओं की दर्दनाक मौत हुई थी। प्रशासन ने भवन को घटनास्थल मानकर तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया था। इसके बाद लेखपाल संघ के अध्यक्ष रणधीर सिंह, महामंत्री नवल दीक्षित, दीपक वर्मा, संजय वर्मा, संतोष गौतम, रोहित राज समेत सभी लेखपालों ने संयुक्त रूप से वकीलों से कब्जा मुक्त करने के लिए शिकायती पत्र दिया था।
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स्थानीय प्रशासन ने मौका देखते हुए रविवार को फोर्स बुला ली। करीब चार बजे भारी पुलिस बल और पीएसी बल से तहसील परिसर छावनी में बदल गया। प्रशासन ने मुख्य गेट बंद कर भवन में अधिवक्ताओं का रखा सामान बाहर निकालकर कब्जा मुक्त करवा दिया।
तहसील बार एसोसिएशन के अध्यक्ष कुलदीप चौधरी का कहना है कि तीन सितंबर 2011 को अरविंद प्रकाश तिवारी एडवोकेट और प्रदीप दीक्षित एडवोकेट संघर्ष के दौरान शहीद हो गए थे। तभी से अधिवक्ता इसे ही स्मृति भवन कहने लगे, जिसमें एमएलसी अवनीश कुमार सिंह ने जनता के लिए आरओ प्लांट लगाया था। संबंधित मामले में अधिवक्ताओं ने भवन को लेकर जूनियर डिवीजन सिविल जज के यहां केस दायर किया, जिसका निर्णय विचाराधीन है। इसके बावजूद प्रशासन ने रविवार के दिन वकीलों का रखा कीमती सामान बाहर फेंक दिया।
वर्जन
जिस भवन को कब्जा मुक्त कराया गया वह पहले से ही लेखपालों के पास था। घटना के बाद से बंद था। शिकायत के बाद कार्रवाई की गई है। शांति व्यवस्था बनी हुई है। -चलुवराजू आर, एसडीएम, मोहम्मदी