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जमानत राशि निकालने के बाद ठेकेदार ने तरेरी आंखें
Lalitpur
Updated Sat, 21 Sep 2013 05:39 AM IST
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ललितपुर। उच्चीकृत हाईस्कूलों में फर्नीचर आपूर्ति का संकट खड़ा हो गया है। तीन में से एक ठेकेदार ने आपूर्ति के पूर्व ही जमानत राशि निकाल लेने के बाद अधिकारियों पर आंखें तरेर दी हैं। उसने फर्नीचर आपूर्ति के लिए उपलब्ध कराए गए नमूना को वापस करने का नोटिस दे दिया है। इससे विभागीय अधिकारियों में हड़कंप मच गया है।
जनपद के बारह उच्चीकृत हाईस्कूलों में करीब चौवन लाख रुपये की लागत से फर्नीचर की आपूर्ति होनी है। बीते माहों में फर्नीचर आपूर्ति को तीन ठेकेदारों का भी चयन किया गया था। तत्पश्चात सभी औपचारिकताएं पूरी कराते हुए अर्नेस्ट मनी (जमानत राशि) विभागीय खाते में जमा करा ली गई थी। इस दौरान क्रय समिति ने ठेकेदारों के सैंपल भी पास कर दिए थे। इस पर जिला विद्यालय निरीक्षक ने चयनित ठेकेदारों को स्कूलों में अध्यापक मेज, कुर्सी, स्टील अलमारी, बुकरेट, न्यूज पेपर स्टैंड, आफिस कुर्सी, नोटिस बोर्ड, कंप्यूटर टेबिल, व्हाइट बोर्ड, स्टूल, आफिस टेबिल, कुर्सी, डबल डेस्क की आपूर्ति करने के निर्देश जारी कर दिए थे। चूंकि नए भवन हैंडओवर नहीं हो सके, जिस कारण ठेकेदार चुप्पी साधे रहे। जैसे ही तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक का स्थानांतरण हुआ, उसी दौरान तीन में से एक ठेकेदार फर्नीचर आपूर्ति से पहले ही किसी तरह अपनी अर्नेस्ट मनी वापस लेने में कामयाब हो गया। अब उक्त ठेकेदार ने विभागीय अफसरों को नोटिस थमा दिया है। इसमें कहा गया कि अर्नेस्ट मनी विभाग ने वापस कर दी है। इससे प्रतीत होता है कि उसकी निविदा समाप्त कर दी गई है। ऐसी स्थिति में वह आपूर्ति करने का हकदार नहीं रह गया है। जो उसने नमूने उपलब्ध कराए थे विभाग उसे तत्काल वापस कर दे, अन्यथा की स्थिति में वह कानूनी कार्रवाई के लिए बाध्य होगा। इस नोटिस से विभागीय अफसरों में खलबली मची हुई है। अब वे समझ नहीं पा रहे हैं कि ऐसी विषम स्थिति में क्या करें? विभागीय अफसर कार्रवाई की जगह ठेकेदार को मनाने में लगे हैं जो विभाग में चर्चा का विषय बना हुआ है।
नमूना बदलने का किया था प्रयास
ललितपुर। ठेकेदार का ड्रामा नया नहीं है, इससे पहले उसने अगस्त माह में नमूना बदलने का असफल प्रयास किया था। उस समय भी वह विभागीय कार्रवाई से बच गया था। जानकारों का कहना है कि चूंकि डालर के मुकाबले रुपये में अचानक गिरावट आ गई है। इसका असर फर्नीचर के दामों पर भी पड़ा है। फर्नीचर के दाम बढ़ने से उसका मुनाफा खत्म हो गया है और उसे इस कार्य में घाटा होने की चिंता सता रही है। यही वजह है कि फर्नीचर आपूर्ति से बचने के लिए एक के बाद एक हथकंडा अपनाया जा रहा है।
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नमूना बदलने का किया था प्रयास
ललितपुर। ठेकेदार का ड्रामा नया नहीं है, इससे पहले उसने अगस्त माह में नमूना बदलने का असफल प्रयास किया था। उस समय भी वह विभागीय कार्रवाई से बच गया था। जानकारों का कहना है कि चूंकि डालर के मुकाबले रुपये में अचानक गिरावट आ गई है। इसका असर फर्नीचर के दामों पर भी पड़ा है। फर्नीचर के दाम बढ़ने से उसका मुनाफा खत्म हो गया है और उसे इस कार्य में घाटा होने की चिंता सता रही है। यही वजह है कि फर्नीचर आपूर्ति से बचने के लिए एक के बाद एक हथकंडा अपनाया जा रहा है।