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Lalitpur News: हादसों से नहीं ले रहे सीख... बिना हेलमेट बाइक पर चल रहीं तीन सवारी
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- जान जोखिम में डालकर कर रहे सफर, अबतक जा चुकी कई जानें
संवाद न्यूज एजेंसी
ललितपुर। अधिकांश सड़क दुर्घटनाओं में मौत का कारण हेलमेट न लगाए जाना पाया जा रहा है, लेकिन इसके बाद भी चालक नियमों की अनदेखी कर बेपरवाह बिना हेलमेट तीन सवारी के फर्राटा भर रहे हैं। यह हाल ग्रामीण क्षेत्र ही नहीं शहर के विभिन्न मार्गों का बना हुआ है। प्रत्येक दो मिनट में तीन से चार बाइक चालक बिना हेलमेट तीन सवारी बिठाकर निकल रहे हैं। ऐसे में सुरक्षा के नियमों की हकीकत का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है।
फोटो- 2
शहर के मुख्य मार्ग मवेशी बाजार में यातायात विभाग का पुलिस बूथ है, जहां पर आए दिन चेकिंग होती है। इसके बाद भी लोग बिना हेलमेट के बाइक चलाकर निकल रहे हैं। यही नहीं तीन सवारी तक को बिठाकर सफर करा रहे हैं। ऐसे में दुर्घटनाओं की चपेट में आने से इंकार नहीं किया जा सकता है।
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फोटो- 03
शहर में महावीर प्याऊ अधिक भीड़भाड़ वाला स्थान हैं। यहां पर दो पहिया वाहन चालक तीन सवारियों को बिठाकर फर्राटे भर रहे हैं, जबकि भीड़ होने से निकलना तक मुश्किल हो जाता है। ऐसे में तीन सवारी होने पर अनियंत्रित होकर गिरने का खतरा बना हुआ है। इससे स्वयं के साथ ही दूसरों को दुर्घटना की चपेट में ले सकते हैं।
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फोटो- 04
शहर में घंटाघर प्रमुख स्थान है। यहां पर नगर पालिका कार्यालय, क्षेत्राधिकारी कार्यालय व पुलिस चौकी जैसे प्रमुख कार्यालय हैं। इसके बाद भी बाइक चालक बेखौफ होकर वाहनों को दौड़ा रहे हैं। अधिकांश बिना हेलमेट के चल रहे हैं तो वहीं कई लोग तीन सवारी को बिठाकर चल रहे हैं। ऐसे में किसी भी दिन दुर्घटना होने से इंकार नहीं किया जा सकता है।
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फोटो- 05
कैलगुवां तिराहा अधिक भीड़भाड़ वाला स्थान है। यहां पर टीकमगढ़, महरौनी व सागर की ओर से आने वाले वाहन शहर में प्रवेश करते हैं। कई बार दुर्घटनाएं तक हो चुकी हैं। इसके बाद भी दो पहिया वाहन चालक सीख नहीं ले रहे हैं। बाइक को बिना हेलमेट व तीन पहिया सवारी के साथ निकल रहे हैं।
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फोटो- 06
शहर में आजाद चौक से नदीपुरा तक दोनों ओर अतिक्रमण का बोलबाला बना हुआ है। अधिकांश समय में जाम लगा रहता है। इसके बाद भी चालक तीन सवारियों को बाइक पर बिठाकर चल रहे हैं। ऐसे में अनियंत्रित होने पर स्वयं को व दूसरों की जान को खतरे में डाल रहे हैं। इसके बाद भी जिम्मेदार मौन बने हुए हैं।
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70-80 बाइकों के होते प्रतिदिन चालान
जनपद में प्रतिदिन 40-50 चालान होते हैं। वहीं, परिवहन विभाग द्वारा भी 30 से 40 चालान बिना हेलमेट व तीन सवारी बिठाकर चलने पर किए जाते हैं। इसके बाद भी चालक सीख नहीं ले रहे हैं।
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जिले में नौ माह में 121 लोगों की चली गई जान
जनपद में सड़क हादसों का ग्राफ कम नहीं हो रहा है। आलम यह है कि हेलमेट को लेकर लगातार जागरुकता अभियान चलाने के बाद भी लोग बाइक चलाते समय इसका प्रयोग नहीं कर रहे हैं, उसका नतीजा है कि जनवरी से 11 सितंबर तक 121 लोगों की जान सड़क हादसों में चली गई। इनमें 83 घटनाएं ग्रामीण क्षेत्र और 38 घटनाएं शहर क्षेत्र में हुई हैं। खास बात तो यह है कि मरने वालों में 55 दोपहिया वाहन चालक हेलमेट नहीं लगाए थे, जिससे उनके सिर में गहरी चोट आने से अधिक रक्तस्त्राव हो गया था। यदि ये लोग हेलमेट लगाए होते तो उपचार के बाद अधिकांश की जान बच सकती थी।
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प्रमुख घटनाओं पर एक नजर
05 अप्रैल-कड़ेसराकलां हाईवे के पास पिकअप की टक्कर से बाइक चालक व सवार की मौत
29 अप्रैल-खड़ेरा हाईवे के पास अज्ञात वाहन की टक्कर से बाइक चालक व साथी की मौत
29 जुलाई-को छैघरा हाईवे पर अज्ञात वाहन की टक्कर से भरत शर्मा व शशिराजा की मौत
24 अगस्त-खड़ेरा हाईवे पर जानवर आने से अनियंत्रित बाइक से पुष्पेंद्र व पप्पू की मौत
6 सितंबर-ग्राम पूराबिरधा निवासी कल्लू रैकवार की बाइक में ट्रैक्टर ने टक्कर मार दी, जिससे सिर में गहरी चोट आने पर कल्लू की मौत हो गई थी।
11 सितंबर-महरौनी रोड पर कार की टक्कर से बाइक सवार लक्खी रजक, छोटू व वृंदावन की मौत हो गई।
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सड़कों पर चेकिंग की जा रही है। इसमें तीन सवारी व बिना हेलमेट चलने वालों के चालान किए जा रहे हैं।- विपिन चौधरी, सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी

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संवाद न्यूज एजेंसी
ललितपुर। अधिकांश सड़क दुर्घटनाओं में मौत का कारण हेलमेट न लगाए जाना पाया जा रहा है, लेकिन इसके बाद भी चालक नियमों की अनदेखी कर बेपरवाह बिना हेलमेट तीन सवारी के फर्राटा भर रहे हैं। यह हाल ग्रामीण क्षेत्र ही नहीं शहर के विभिन्न मार्गों का बना हुआ है। प्रत्येक दो मिनट में तीन से चार बाइक चालक बिना हेलमेट तीन सवारी बिठाकर निकल रहे हैं। ऐसे में सुरक्षा के नियमों की हकीकत का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है।
फोटो- 2
शहर के मुख्य मार्ग मवेशी बाजार में यातायात विभाग का पुलिस बूथ है, जहां पर आए दिन चेकिंग होती है। इसके बाद भी लोग बिना हेलमेट के बाइक चलाकर निकल रहे हैं। यही नहीं तीन सवारी तक को बिठाकर सफर करा रहे हैं। ऐसे में दुर्घटनाओं की चपेट में आने से इंकार नहीं किया जा सकता है।
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फोटो- 03
शहर में महावीर प्याऊ अधिक भीड़भाड़ वाला स्थान हैं। यहां पर दो पहिया वाहन चालक तीन सवारियों को बिठाकर फर्राटे भर रहे हैं, जबकि भीड़ होने से निकलना तक मुश्किल हो जाता है। ऐसे में तीन सवारी होने पर अनियंत्रित होकर गिरने का खतरा बना हुआ है। इससे स्वयं के साथ ही दूसरों को दुर्घटना की चपेट में ले सकते हैं।
फोटो- 04
शहर में घंटाघर प्रमुख स्थान है। यहां पर नगर पालिका कार्यालय, क्षेत्राधिकारी कार्यालय व पुलिस चौकी जैसे प्रमुख कार्यालय हैं। इसके बाद भी बाइक चालक बेखौफ होकर वाहनों को दौड़ा रहे हैं। अधिकांश बिना हेलमेट के चल रहे हैं तो वहीं कई लोग तीन सवारी को बिठाकर चल रहे हैं। ऐसे में किसी भी दिन दुर्घटना होने से इंकार नहीं किया जा सकता है।
फोटो- 05
कैलगुवां तिराहा अधिक भीड़भाड़ वाला स्थान है। यहां पर टीकमगढ़, महरौनी व सागर की ओर से आने वाले वाहन शहर में प्रवेश करते हैं। कई बार दुर्घटनाएं तक हो चुकी हैं। इसके बाद भी दो पहिया वाहन चालक सीख नहीं ले रहे हैं। बाइक को बिना हेलमेट व तीन पहिया सवारी के साथ निकल रहे हैं।
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शहर में आजाद चौक से नदीपुरा तक दोनों ओर अतिक्रमण का बोलबाला बना हुआ है। अधिकांश समय में जाम लगा रहता है। इसके बाद भी चालक तीन सवारियों को बाइक पर बिठाकर चल रहे हैं। ऐसे में अनियंत्रित होने पर स्वयं को व दूसरों की जान को खतरे में डाल रहे हैं। इसके बाद भी जिम्मेदार मौन बने हुए हैं।
70-80 बाइकों के होते प्रतिदिन चालान
जनपद में प्रतिदिन 40-50 चालान होते हैं। वहीं, परिवहन विभाग द्वारा भी 30 से 40 चालान बिना हेलमेट व तीन सवारी बिठाकर चलने पर किए जाते हैं। इसके बाद भी चालक सीख नहीं ले रहे हैं।
जिले में नौ माह में 121 लोगों की चली गई जान
जनपद में सड़क हादसों का ग्राफ कम नहीं हो रहा है। आलम यह है कि हेलमेट को लेकर लगातार जागरुकता अभियान चलाने के बाद भी लोग बाइक चलाते समय इसका प्रयोग नहीं कर रहे हैं, उसका नतीजा है कि जनवरी से 11 सितंबर तक 121 लोगों की जान सड़क हादसों में चली गई। इनमें 83 घटनाएं ग्रामीण क्षेत्र और 38 घटनाएं शहर क्षेत्र में हुई हैं। खास बात तो यह है कि मरने वालों में 55 दोपहिया वाहन चालक हेलमेट नहीं लगाए थे, जिससे उनके सिर में गहरी चोट आने से अधिक रक्तस्त्राव हो गया था। यदि ये लोग हेलमेट लगाए होते तो उपचार के बाद अधिकांश की जान बच सकती थी।
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प्रमुख घटनाओं पर एक नजर
05 अप्रैल-कड़ेसराकलां हाईवे के पास पिकअप की टक्कर से बाइक चालक व सवार की मौत
29 अप्रैल-खड़ेरा हाईवे के पास अज्ञात वाहन की टक्कर से बाइक चालक व साथी की मौत
29 जुलाई-को छैघरा हाईवे पर अज्ञात वाहन की टक्कर से भरत शर्मा व शशिराजा की मौत
24 अगस्त-खड़ेरा हाईवे पर जानवर आने से अनियंत्रित बाइक से पुष्पेंद्र व पप्पू की मौत
6 सितंबर-ग्राम पूराबिरधा निवासी कल्लू रैकवार की बाइक में ट्रैक्टर ने टक्कर मार दी, जिससे सिर में गहरी चोट आने पर कल्लू की मौत हो गई थी।
11 सितंबर-महरौनी रोड पर कार की टक्कर से बाइक सवार लक्खी रजक, छोटू व वृंदावन की मौत हो गई।
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सड़कों पर चेकिंग की जा रही है। इसमें तीन सवारी व बिना हेलमेट चलने वालों के चालान किए जा रहे हैं।- विपिन चौधरी, सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी