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Lalitpur News: सहरिया बस्ती को नहीं मिल रहा योजनाओं का लाभ
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मुहैया नहीं हो सकी पक्की छत, राशन कार्ड और आधार कार्ड तक नहीं बना, पेंशन से भी वंचित
विजन 47 के संवाद में उभर कर आई तस्वीर, लोगों ने शासन से आई टीम को बताई जिले की तस्वीर
संवाद न्यूज एजेंसी
ललितपुर। हालही में शासन ने विकसित प्रदेश विजन 2047 को लेकर एक टीम जनपद में सभी वर्गों की संवाद के लिए भेजी थी। संवाद के दौरान जिले के प्रबुद्ध वर्ग ने सहरिया जनजाति की वस्तु स्थिति से अवगत कराया कि वह दयनीय स्थिति में अपना जीवन यापन कर रहे हैं। ऐसे में अब शासन की टीम ने हालत सुधारने के लिए विजन 2047 में इसे शामिल करने का आश्वासन दिया है।
जिले में 209 ग्राम पंचायतों में 242 सहरिया बस्ती हैं। आठ माह पूर्व तत्कालीन जिलाधिकारी अक्षय त्रिपाठी ने जिले के सभी सहरिया जनजाति के लोगों का डोर टू डोर सर्वे कराया था। इसमें उन्हें मिलने वाली सरकारी योजनाओं से लाभान्वित व वंचित परिवारों की सूची तैयार की गई थी। सर्वे को छह माह पूर्ण हो चुके हैं लेकिन अभी भी कई परिवार ऐसे हैं, जिन्हें अभी तक मूलभूत सुविधाएं नहीं मिली हैं। यही कारण है कि जिले में इन परिवारों में पलायन की स्थिति बनी हुई है।
जनपद में हुए सर्वे के अनुसार मनरेगा जॉबकार्ड से वंचित 991 परिवार चिह्नित किए गए थे। इसके अलावा आवास योजना से वंचित 2361 परिवार, निजी शौचालय से वंचित 129, दिव्यांग पेंशन से वंचित 129, वृद्धावस्था पेंशन से वंचित 505, निराश्रित महिला पेंशन से वंचित 224, कन्या सुमंगला योजना से वंचित 591, श्रमिक पंजीयन से वंचित 3552, किसान सम्मान निधि से वंचित 1279, राशन कार्ड वंचित 2375, नल संयोजन से वंचित 1500 व बिजली संयोजन से वंचित 2908 परिवारों को चिह्नित किया गया था। जिलाधिकारी कैंप लगाकर इन सभी वंचित लाभार्थियों को लाभ दिलाने के निर्देश दिए थे। विभाग अधिकांश लाभार्थियों को सरकारी योजनाएं दिलाने का दावा तो कर रहे हैं लेकिन हकीकत इसके बहुत ही विपरीत है।
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फोटो- 14
कई बार सर्वे हो चुका है लेकिन अभी आवास नहीं मिला है, इसलिए झोपड़ी में गुजर बसर कर रहे हैं। बरसात में डर लगा रहता है कि कब छप्पर नीचे आ जाए।
-मुन्नी सहरिया निवासी कपासी।
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फोटो- 15
पति के मरने के बाद मेहनत मजदूरी कर बच्चों का पेट पाल रहे हैं। कई बार आवेदन कर चुके हैं लेकिन अभी तक विधवा पेंशन का लाभ नहीं मिला है।
-सुमंत्रा सहरिया निवासी कपासी।
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फोटो- 16
चलने फिरने में असहाय हैं। कई बार वृद्धावस्था पेंशन के लिए आवेदन किया है, पति भी जीवित नहीं है। ऐसे में स्वयं का भरण पोषण करने में काफी असुविधा हो रही है।
-काशीबाई सहरिया।
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फोटो- 17
अभी तक आधार कार्ड नहीं बना है, ऐसे में किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। आधार कार्ड के लिए बैंक व सीएससी के कई बार चक्कर लगा चुकी हों, लेकिन कार्ड नहीं बन सका है।
-बिशना सहरिया ।
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वर्जन
सहरिया बस्तियों के सरकारी योजनाओं से बंचितों की सूची तैयार कर संबंधित विभाग को भेज दी गई है अधिकांश लाभार्थियों के नाम योजनाओं की सूची में शामिल किए गए हैं।
-दीपक यादव, परियोजना निदेशक ग्राम विकास विभाग

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संवाद न्यूज एजेंसी
ललितपुर। हालही में शासन ने विकसित प्रदेश विजन 2047 को लेकर एक टीम जनपद में सभी वर्गों की संवाद के लिए भेजी थी। संवाद के दौरान जिले के प्रबुद्ध वर्ग ने सहरिया जनजाति की वस्तु स्थिति से अवगत कराया कि वह दयनीय स्थिति में अपना जीवन यापन कर रहे हैं। ऐसे में अब शासन की टीम ने हालत सुधारने के लिए विजन 2047 में इसे शामिल करने का आश्वासन दिया है।
जिले में 209 ग्राम पंचायतों में 242 सहरिया बस्ती हैं। आठ माह पूर्व तत्कालीन जिलाधिकारी अक्षय त्रिपाठी ने जिले के सभी सहरिया जनजाति के लोगों का डोर टू डोर सर्वे कराया था। इसमें उन्हें मिलने वाली सरकारी योजनाओं से लाभान्वित व वंचित परिवारों की सूची तैयार की गई थी। सर्वे को छह माह पूर्ण हो चुके हैं लेकिन अभी भी कई परिवार ऐसे हैं, जिन्हें अभी तक मूलभूत सुविधाएं नहीं मिली हैं। यही कारण है कि जिले में इन परिवारों में पलायन की स्थिति बनी हुई है।
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जनपद में हुए सर्वे के अनुसार मनरेगा जॉबकार्ड से वंचित 991 परिवार चिह्नित किए गए थे। इसके अलावा आवास योजना से वंचित 2361 परिवार, निजी शौचालय से वंचित 129, दिव्यांग पेंशन से वंचित 129, वृद्धावस्था पेंशन से वंचित 505, निराश्रित महिला पेंशन से वंचित 224, कन्या सुमंगला योजना से वंचित 591, श्रमिक पंजीयन से वंचित 3552, किसान सम्मान निधि से वंचित 1279, राशन कार्ड वंचित 2375, नल संयोजन से वंचित 1500 व बिजली संयोजन से वंचित 2908 परिवारों को चिह्नित किया गया था। जिलाधिकारी कैंप लगाकर इन सभी वंचित लाभार्थियों को लाभ दिलाने के निर्देश दिए थे। विभाग अधिकांश लाभार्थियों को सरकारी योजनाएं दिलाने का दावा तो कर रहे हैं लेकिन हकीकत इसके बहुत ही विपरीत है।
फोटो- 14
कई बार सर्वे हो चुका है लेकिन अभी आवास नहीं मिला है, इसलिए झोपड़ी में गुजर बसर कर रहे हैं। बरसात में डर लगा रहता है कि कब छप्पर नीचे आ जाए।
-मुन्नी सहरिया निवासी कपासी।
फोटो- 15
पति के मरने के बाद मेहनत मजदूरी कर बच्चों का पेट पाल रहे हैं। कई बार आवेदन कर चुके हैं लेकिन अभी तक विधवा पेंशन का लाभ नहीं मिला है।
-सुमंत्रा सहरिया निवासी कपासी।
फोटो- 16
चलने फिरने में असहाय हैं। कई बार वृद्धावस्था पेंशन के लिए आवेदन किया है, पति भी जीवित नहीं है। ऐसे में स्वयं का भरण पोषण करने में काफी असुविधा हो रही है।
-काशीबाई सहरिया।
फोटो- 17
अभी तक आधार कार्ड नहीं बना है, ऐसे में किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। आधार कार्ड के लिए बैंक व सीएससी के कई बार चक्कर लगा चुकी हों, लेकिन कार्ड नहीं बन सका है।
-बिशना सहरिया ।
वर्जन
सहरिया बस्तियों के सरकारी योजनाओं से बंचितों की सूची तैयार कर संबंधित विभाग को भेज दी गई है अधिकांश लाभार्थियों के नाम योजनाओं की सूची में शामिल किए गए हैं।
-दीपक यादव, परियोजना निदेशक ग्राम विकास विभाग