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Lalitpur News: संक्रामक बीमारियों से निपटने के लिए बनीं टीमें
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ललितपुर। बारिश के मौसम में होने वाली संक्रामक बीमारियों से निपटने के लिए रैपिड रिस्पांस टीम का गठन किया गया है। सीएचसी पर भी टीमें बनाई गई हैं, जो गांव में स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराएंगी।
बारिश में हैंडपंप का पानी दूषित होने का खतरा रहता है। कारण, आस-पास जमा गंदगी से पानी दूषित हो जाता है। इससे डायरिया समेत अन्य समस्याएं होने की आशंका बढ़ जाती है। बीते वर्ष लगभग 60 लोग डायरिया की चपेट में आए थे, इनमें आठ लोगों की मौत हो गई थी। अधिकांश मामलों में हैंडपंप के दूषित पानी पीने से डायरिया की पुष्टि हुई थी।
इस हालात से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने चिकित्सकों को अलर्ट पर रखा है। सभी सीएचसी पर दवाइयां का स्टॉक कराया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में तत्काल ब्लॉक स्तर की टीम रोगियों को उपचार मुहैया कराएगी। आवश्यकता पड़ने पर जिला मुख्यालय से भी विशेषज्ञों की टीम पहुंचेगी।
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ये होगी टीम
जिला स्तर की टीम में जिला सर्विलांस अधिकारी, महामारी रोग विशेषज्ञ, बाल रोग विशेषज्ञ, फिजिशियन, लैब टेक्नीशियन, स्वास्थ्य कर्मी व एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को शामिल किया गया है। ब्लॉक स्तरीय टीम में चिकित्सा अधिकारी, फार्मासिस्ट, लैब टेक्नीशियन, स्वास्थ्य कर्मी, स्थानीय कर्मचारी भी मौजूद रहेंगे।
संक्रामक रोगों से निपटने के लिए तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं। टीमों का गठन किया गया है। - डॉ. इम्तियाज अहमद, सीएमओ
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बारिश से मरीजों की संख्या में आई कमी
दो दिन की लगातार बारिश से मरीजों की संख्या में कमी आई है। मंगलवार को मेडिकल कॉलेज की ओपीडी में सीमित मरीज ही नजर आए। आंकड़ों के अनुसार मेडिसिन विभाग की ओपीडी में 110 मरीज ही पहुंचे। वहीं, सबसे अधिक मरीज आने वाले चर्म रोग विभाग में 12 बजे सन्नाटा पसरा रहा। यहां पहले प्रतिदिन 200 से 250 मरीज आते थे, मंगलवार को महज 160 मरीज पहुंचे। सर्जन ओपीडी में दोपहर एक बजे तक 60 मरीज पहुंचे। दवा वितरण कक्ष से लेकर पैथोलॉजी में भीड़ कम नजर आई।
मेडिकल काॅलेज के मीडिया प्रभारी डॉ. विशाल जैन ने बताया कि बारिश होने से 30 फीसदी मरीज कम आए हैं। धूप निकलने पर मरीजों की संख्या बढ़ जाएगी। अभी मेडिसिन विभाग में उल्टी, दस्त, बुखार, सर्दी के अधिक मरीज आ रहे हैं।
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बारिश में हैंडपंप का पानी दूषित होने का खतरा रहता है। कारण, आस-पास जमा गंदगी से पानी दूषित हो जाता है। इससे डायरिया समेत अन्य समस्याएं होने की आशंका बढ़ जाती है। बीते वर्ष लगभग 60 लोग डायरिया की चपेट में आए थे, इनमें आठ लोगों की मौत हो गई थी। अधिकांश मामलों में हैंडपंप के दूषित पानी पीने से डायरिया की पुष्टि हुई थी।
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इस हालात से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने चिकित्सकों को अलर्ट पर रखा है। सभी सीएचसी पर दवाइयां का स्टॉक कराया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में तत्काल ब्लॉक स्तर की टीम रोगियों को उपचार मुहैया कराएगी। आवश्यकता पड़ने पर जिला मुख्यालय से भी विशेषज्ञों की टीम पहुंचेगी।
ये होगी टीम
जिला स्तर की टीम में जिला सर्विलांस अधिकारी, महामारी रोग विशेषज्ञ, बाल रोग विशेषज्ञ, फिजिशियन, लैब टेक्नीशियन, स्वास्थ्य कर्मी व एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को शामिल किया गया है। ब्लॉक स्तरीय टीम में चिकित्सा अधिकारी, फार्मासिस्ट, लैब टेक्नीशियन, स्वास्थ्य कर्मी, स्थानीय कर्मचारी भी मौजूद रहेंगे।
संक्रामक रोगों से निपटने के लिए तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं। टीमों का गठन किया गया है। - डॉ. इम्तियाज अहमद, सीएमओ
बारिश से मरीजों की संख्या में आई कमी
दो दिन की लगातार बारिश से मरीजों की संख्या में कमी आई है। मंगलवार को मेडिकल कॉलेज की ओपीडी में सीमित मरीज ही नजर आए। आंकड़ों के अनुसार मेडिसिन विभाग की ओपीडी में 110 मरीज ही पहुंचे। वहीं, सबसे अधिक मरीज आने वाले चर्म रोग विभाग में 12 बजे सन्नाटा पसरा रहा। यहां पहले प्रतिदिन 200 से 250 मरीज आते थे, मंगलवार को महज 160 मरीज पहुंचे। सर्जन ओपीडी में दोपहर एक बजे तक 60 मरीज पहुंचे। दवा वितरण कक्ष से लेकर पैथोलॉजी में भीड़ कम नजर आई।
मेडिकल काॅलेज के मीडिया प्रभारी डॉ. विशाल जैन ने बताया कि बारिश होने से 30 फीसदी मरीज कम आए हैं। धूप निकलने पर मरीजों की संख्या बढ़ जाएगी। अभी मेडिसिन विभाग में उल्टी, दस्त, बुखार, सर्दी के अधिक मरीज आ रहे हैं।