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कैसे लागू होगा शिक्षा का अधिकार अधिनियम
Meerut
Updated Tue, 02 Apr 2013 05:30 AM IST
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मेरठ। अब 6 से 14 साल तक के हर बच्चे को शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार तो प्राप्त हो गया लेकिन, जनपद में इसे पूरी तरह से लागू करना टेढ़ी खीर लग रहा है। इसके पीछे कारण हैं जानकारी का अभाव और अधिकारियों का ढीला रवैया। पहले भी यहां ऐसी ही समस्याएं आईं। अधिकारियों से शिकायत तो की गईं लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया।
जानकारी का अभाव
शिक्षा के अधिकार को लेकर आम जनता में जानकारी का अभाव है। इसमें छात्रों को निशुल्क शिक्षा के साथ पुस्तकें एवं यूनिफार्म आदि भी मुहैया कराई जाएगी।
प्रवेश के लिए करना होगा आवेदन
बेसिक शिक्षा कार्यालय से दो-तीन दिन पहले एक ब्रॉशर जारी हुआ है। उसके अनुसार जनपद में एक विज्ञापन निकाला जाएगा। इसमें प्रवेश न मिलने पर बच्चों को आवेदन करना होगा। प्रवेश न मिलने का कारण लिखना होगा। यह भी बताना होगा कि वह कहां निवास करते हैं। उसके एक किमी में कोई स्कूल है या नहीं। आय प्रमाण-पत्र भी देना होगा। उप बेसिक शिक्षा अधिकारी भारतभूषण ने बताया कि यह विज्ञापन 15-20 अप्रैल के बीच निकाला जा सकता है।
कराना होगा प्रवेश
निजी संस्थान में यदि सीट नहीं है, लेकिन कोई प्रवेश का मामला आता है, तो जिम्मेदारी होगी कि बच्चे का प्रवेश कराया जाए। यदि एक किमी में स्कूल नहीं है तो आने-जाने की व्यवस्था की जाए।
दी जाएगी शुल्क प्रतिपूर्ति
सरकार प्रवेश पाने वाले बच्चों को शुल्क प्रतिपूर्ति भी देगी। उप बेसिक शिक्षा अधिकारी का कहना है कि प्रति बच्चे के हिसाब से शुल्क प्रतिपूर्ति दी जाएगी।
क्या है शिक्षा का अधिकार
जहां बच्चा निवास करता है, उसके एक किमी के दायरे में स्कूल नहीं है, तो उसका प्रवेश कराना सरकार की जिम्मेदारी होगी। ऐसे केस में पूरा दायित्व होगा कि बच्चे का प्रवेश कराया जाए, उसे आने-जाने आदि का संसाधन भी दिया जाए। नहीं तो एक किलोमीटर के दायरे में एक स्कूल बनाया जाए।
- छह से 14 साल के बच्चों को निशुल्क शिक्षा, अनिवार्य शिक्षा
- यूनिफार्म, पुस्तक, ट्रांसपोर्टेशन का खर्च नहीं करना होगा
- निजी शिक्षा संस्थानों में गरीब परिवारों के बच्चों के लिए 25 फीसदी सीटें आरक्षित।
- 60 बच्चों पर पढ़ाने के लिए कम से कम दो ट्रेंड शिक्षक होंगे।
लगभग 900 शिक्षा मित्र ले रहे प्रशिक्षण
इस समय जनपद में लगभग 872 शिक्षामित्र प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। नगर शिक्षा अधिकारी एसके गिरी के अनुसार इन शिक्षकों को ट्रेनिंग दी जा रही है। बाकी जनपद में कोई भी अनट्रेंड शिक्षक नहीं है। इसके अलावा जनपद में 12 पद शिक्षकों के खाली हेैं।
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जानकारी का अभाव
शिक्षा के अधिकार को लेकर आम जनता में जानकारी का अभाव है। इसमें छात्रों को निशुल्क शिक्षा के साथ पुस्तकें एवं यूनिफार्म आदि भी मुहैया कराई जाएगी।
प्रवेश के लिए करना होगा आवेदन
बेसिक शिक्षा कार्यालय से दो-तीन दिन पहले एक ब्रॉशर जारी हुआ है। उसके अनुसार जनपद में एक विज्ञापन निकाला जाएगा। इसमें प्रवेश न मिलने पर बच्चों को आवेदन करना होगा। प्रवेश न मिलने का कारण लिखना होगा। यह भी बताना होगा कि वह कहां निवास करते हैं। उसके एक किमी में कोई स्कूल है या नहीं। आय प्रमाण-पत्र भी देना होगा। उप बेसिक शिक्षा अधिकारी भारतभूषण ने बताया कि यह विज्ञापन 15-20 अप्रैल के बीच निकाला जा सकता है।
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कराना होगा प्रवेश
निजी संस्थान में यदि सीट नहीं है, लेकिन कोई प्रवेश का मामला आता है, तो जिम्मेदारी होगी कि बच्चे का प्रवेश कराया जाए। यदि एक किमी में स्कूल नहीं है तो आने-जाने की व्यवस्था की जाए।
दी जाएगी शुल्क प्रतिपूर्ति
सरकार प्रवेश पाने वाले बच्चों को शुल्क प्रतिपूर्ति भी देगी। उप बेसिक शिक्षा अधिकारी का कहना है कि प्रति बच्चे के हिसाब से शुल्क प्रतिपूर्ति दी जाएगी।
क्या है शिक्षा का अधिकार
जहां बच्चा निवास करता है, उसके एक किमी के दायरे में स्कूल नहीं है, तो उसका प्रवेश कराना सरकार की जिम्मेदारी होगी। ऐसे केस में पूरा दायित्व होगा कि बच्चे का प्रवेश कराया जाए, उसे आने-जाने आदि का संसाधन भी दिया जाए। नहीं तो एक किलोमीटर के दायरे में एक स्कूल बनाया जाए।
- छह से 14 साल के बच्चों को निशुल्क शिक्षा, अनिवार्य शिक्षा
- यूनिफार्म, पुस्तक, ट्रांसपोर्टेशन का खर्च नहीं करना होगा
- निजी शिक्षा संस्थानों में गरीब परिवारों के बच्चों के लिए 25 फीसदी सीटें आरक्षित।
- 60 बच्चों पर पढ़ाने के लिए कम से कम दो ट्रेंड शिक्षक होंगे।
लगभग 900 शिक्षा मित्र ले रहे प्रशिक्षण
इस समय जनपद में लगभग 872 शिक्षामित्र प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। नगर शिक्षा अधिकारी एसके गिरी के अनुसार इन शिक्षकों को ट्रेनिंग दी जा रही है। बाकी जनपद में कोई भी अनट्रेंड शिक्षक नहीं है। इसके अलावा जनपद में 12 पद शिक्षकों के खाली हेैं।