Meerut: भाकियू का धरना पांचवे दिन भी जारी, हाड़ कंपाती ठंड में भी अडिग, रातभर परिसर में डटे रहे किसान
मेरठ में 14 साल की सबसे भीषण ठंड के बीच भी भाकियू के किसान गन्ना भवन पर डटे हुए हैं। प्रशासन से वार्ता विफल होने के बाद 21 दिसंबर को बड़ी महापंचायत का ऐलान किया गया है।
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पश्चिम उत्तर प्रदेश में मौसम का मिजाज इस वक्त अपने सबसे सख्त तेवर दिखा रहा है। मेरठ में गुरुवार पिछले 14 वर्षों में सबसे ठंडा दिन दर्ज किया गया। घने कोहरे और शीतलहर ने जनजीवन की रफ्तार थाम दी है लोग ठंड से डरे हुए हैं लेकिन इस हाड़ कंपाती ठंड के बीच भी किसानों के तेवर नरम नहीं पड़ रहे हैं। वहीं शुक्रवार को पांचवे दिन भी भाकियू का धरना जारी रहा।
अपनी मांगों को लेकर भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के कार्यकर्ता और किसान पिछले चार दिनों से गन्ना भवन पर दिन-रात डटे हुए हैं। गुरुवार को प्रशासन के साथ हुई लंबी वार्ता विफल होने के बाद अब किसानों ने 21 तारीख को बड़ी महापंचायत का ऐलान कर दिया है।
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गुरुवार को गतिरोध सुलझाने के लिए प्रशासनिक स्तर पर काफी गहमागहमी रही। दोपहर करीब 3 बजे कमिश्नर भानु चंद्र गोस्वामी ने किसानों के प्रतिनिधिमंडल को वार्ता के लिए बुलाया। जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी समेत पांच किसान नेता वार्ता में शामिल हुए।
करीब एक घंटे तक चली इस बैठक में कमिश्नर ने किसानों को आश्वासन दिया कि वे लखनऊ में उच्च अधिकारियों से बात कर जल्द समाधान निकालेंगे। हालांकि किसान ठोस निर्णय चाहते थे जिसके चलते यह वार्ता विफल रही। इससे पहले सुबह उपगन्ना आयुक्त राजीव राय और एडीएम सिटी बृजेश सिंह ने भी मनाने की कोशिश की थी लेकिन किसानों ने गन्ना अधिकारी कार्यालय पर ताला जड़ दिया और उसी के बाहर लेटे रहे।
भाकियू जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी के अनुसार इस साल गन्ना मिलों द्वारा नियमों में किए गए बदलावों ने किसानों की कमर तोड़ दी है। किसान चाहते हैं कि गन्ना खरीद के नियम पिछले साल की तरह ही रहें। इस बार इंडेंट से अधिक गन्ना पहुंचने पर मिलें स्वीकार नहीं कर रही हैं और यदि स्वीकार करती हैं तो अगले इंडेंट में उतनी ही कटौती कर दी जा रही है।
वहीं ट्रांसपोर्टरों का भाड़ा 3 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ा दिया गया है। इस प्रदर्शन में मुख्य रूप से मेजर चिंदौड़ी, सुनील, विनोद, अनूप यादव, मुनीश त्यागी, जिलाध्यक्ष हापुड़ दिनेश खेड़ा, हर्ष चाहल, ऋषिपाल, शरद, सतबीर जंगेठी, वीरेंद्र, सत्ते, हरपाल और जसबीर सहित भारी संख्या में किसान उपस्थित रहे।
-हाड़ा पिछले वर्ष के अनुरूप घटाया जाए
-पिछले साल के नियमों के आधार पर चलें मिलें
-रिजेक्ट प्रजाति के गन्ने का मूल्य पिछले वर्षों के तहत बढ़ाया जाए
-जारी इंडेंट से अधिक गन्ना मिलों के द्वारा लिया जाए
-मोड परिवर्तन वाली व्यवस्था में सुधार हाे
-अधिकारी गन्ना भवन में बैठें
महापंचायत में राकेश टिकैत आ सकते हैं
वार्ता विफल होने के बाद भाकियू ने आंदोलन को और तेज करने का निर्णय लिया है। आगामी 21 तारीख को गन्ना भवन पर एक विशाल महापंचायत आयोजित की जाएगी। जिलाध्यक्ष ने संकेत दिए हैं कि इस महापंचायत में संगठन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत और अन्य शीर्ष नेता शामिल हो सकते हैं। देर रात तक एडीएम सिटी समेत भारी पुलिस बल और प्रशासनिक अधिकारी किसानों को समझाने के लिए मौके पर मौजूद रहे।
रागिनी की तान और हौसले की गर्मी
जहां एक ओर प्रशासन ठंड से बचाव के लिए स्कूलों के समय बदल रहा है और रैन बसेरों की व्यवस्था कर रहा है वहीं गन्ना भवन का नजारा कुछ अलग ही है। यहां 60 से 80 साल तक के बुजुर्ग किसान खुले आसमान के नीचे डटे हुए हैं। रात के समय ठंड को मात देने के लिए रागिनी और संगीत का सहारा लिया जा रहा है। जंगेठी निवासी किसान राजबीर ने बताया कि धरनास्थल पर ही खाने-पीने और दूध की सामुदायिक व्यवस्था की गई है।
