मेरठ: गंगनहर पटरी पर रात को सफर करना हो सकता है खतरनाक, अब तक गईं बीस की जान
मेरठ में चौधरी चरण सिंह कांवड़ मार्ग (गंगनहर पटरी) पर रात के लिए न तो कोई लाइट की व्यवस्था है और नही कहीं स्पीड ब्रेकर। पुलिस ने कहीं भी बैरियर नहीं लगाए हैं। रात में वाहनों की स्पीड के लिए भी कोई संकेत के लिए बोर्ड भी नहीं लगाए गये हैं। ऐसे में लगातार हादसे हो रहे हैं और सरकारी सिस्टम चुप्पी साधे बैठा है। मेरठ में गंगनहर पटरी मार्ग की लंबाई 42 किमी है। एक साल में बीस से अधिक लोगों की जान इस गंगनहर में गिरकर जा चुकी है।
चौधरी चरणसिंह कांवड़ मार्ग का दोहरीकरण के बाद मार्ग पर वाहनों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही हैं। संख्या बढ़ने से सड़क हादसे बढ़ गए हैं। वाहनों की तेज गति से सीधी भिड़ंत हो जाती हैं। वहीं, गंगनहर पटरी पर रेलिंग क्षतिग्रस्त होने से वाहन गंगनहर में समा जाते हैं। करीब दो माह के दौरान दर्जनभर हादसे सरधना सीओ सर्किल क्षेत्र में सलावा झाल गंगनहर पुल से भोला झाल गंगनहर पुल तक हो चुके हैं।
लगातार बढ़ते हादसों को लेकर इंस्पेक्टर प्रशांत कपिल ने हाल ही में रिपोर्ट तैयार कर उच्चाधिकारियों के पास भेजी है। रिपोर्ट में कावंड़ मार्ग पर बड़े वाहनों को रोकने के लिये पुलों पर हाइट गेट लगवाने व ब्रेकर बनवाने की बात कही गई है। जिससे पुलों पर क्रसिंग के दौरान कोई हादसा न हो। जगह-जगह पुलों की टूटी रेलिंग को ठीक कराने की बात कही हैं। अधिकांश दूरी में खाई ही खाई है। ऐसे में यदि वाहन गिर जाए तो पानी के तेज बहाव में वाहन नहीं मिलता।
हाल में ये बड़े हादसे
कपसाड़ के निकट दो कारों की आमने सामने की जोरदार भिड़ंत हुई। जिसमें दिल्ली कार चालक की मौके पर ही मौत हो गई।
नानू गंगनहर पुल पर क्रासिंग के दौरान अनियंत्रित 22 टायर ट्रक नहर में समा गया था। जिसमें चालक रोहित की पानी में डूबने से मौत हो गई।
हादसा हो जाए तो नहीं है टीम
गंगनहर में जब भी कोई वाहन गिर जाए तो गाजियाबाद से ही एनडीआरएफ की टीम बुलाई जाती है। पीएसी के गोताखोरों को भी कई बार लगाया गया है। ऐसे में पानी का बहाव इतना तेज होता है कि वाहन गिरने के बाद मिलना मुश्किल हो जाता है। दूसरे जिले से टीम बुलाने में काफी देर हो जाती है। जबकि रात में सर्च अभियान नहीं चलता।
गंगनहर पटरी को लेकर उच्च अधिकारियों से बात की जाएगी। जो भी संबंधित विभाग हैं उन्हें भी पत्र लिखा जाएगा। लगातार हादसे पुलिस के लिए भी चिंता का कारण हैं। - राजेश कुमार, एसपी देहात