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Meerut: कार्यकारिणी चुनाव में आया चौंकाने वाला फैसला, बागी पार्षद की जीत पर भाजपाइयों का हंगामा, मतदान स्थगित

अमर उजाला नेटवर्क, मेरठ Published by: मोहम्मद मुस्तकीम Updated Tue, 18 Nov 2025 10:52 AM IST
सार

मेरठ नगर निगम कार्यकारिणी चुनाव हंगामे की भेंट चढ़ गया। भाजपा से पार्षद संजय सैनी को प्रत्याशी नहीं बनाया गया, तो वह निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर उतरे और जीत गए। इस पर भाजपा नेताओं ने हंगामा कर दिया। आरोपों के बाद चुनाव स्थगित कर दिया गया। 

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Meerut: Shocking decision in executive elections, BJP members' uproar over the victory of rebel councilor
निर्दलीय जीते संजय सैनी और हंगामा करते भाजपा नेता। - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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नगर निगम की कार्यकारिणी का चुनाव सोमवार को हंगामे और आरोपों की भेंट चढ़ गया। चुनाव में बगावत कर निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर उतरे वार्ड-50 के पार्षद संजय सैनी ने 12 मत पाकर जीत हासिल की और भाजपा प्रत्याशी सतपाल एक वोट से हार गए। बागी पार्षद की जीत और चार मतपत्र के निरस्त होने के बाद भाजपाइयों ने चुनाव प्रक्रिया में धांधली का आरोप लगा जमकर हंगामा किया। हंगामे को देखते हुए चुनाव अधिकारी ने चुनाव प्रक्रिया को तत्काल स्थगित कर दिया। 
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भाजपा महानगर अध्यक्ष विवेक रस्तोगी के निर्देश पर महामंत्री महेश बाली ने पार्षद संजय सैनी को पार्टी से निष्कासित कर दिया। रात 9:00 बजे तक चुनाव प्रक्रिया स्थल शास्त्रीनगर बी-ब्लाक निगम के जोनल पार्क में भाजपा नेताओं का जमवाड़ा लगा रहा।
 
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भाजपा से सात और विपक्ष से तीन पार्षद का नामांकन
शास्त्रीनगर बी-ब्लाक जोनल पार्क में सोमवार सुबह 11:30 बजे कार्यकारिणी के छह सदस्यों के चुनाव के लिए प्रक्रिया चल रही थी। भाजपा से सतपाल, निरंजन वाल्मीकि, रेशमा सोनकर, पंकज गोयल, अजय चंद्रा, अनुज वशिष्ठ और कुलदीप वाल्मीकि ने नामांकन किया था। 
पार्टी द्वारा प्रत्याशी न बनाए जाने से नाराज वार्ड-50 के पार्षद संजय सैनी ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर पर्चा भरा। मतदान से पहले पार्षद अनुज वशिष्ठ और कुलदीप वाल्मीकि ने अपने पर्चे वापस ले लिए। विपक्षी पार्षदों कहकशां जिशान, राहत जहां और शाहिद अंसारी ने भी पर्चा भरा था।

बागी पार्षद से पर्चा वापस कराने की कोशिश नाकाम
भाजपा नेताओं द्वारा बागी पार्षद संजय सैनी से पर्चा वापस कराने की कोशिश नाकाम रही और पर्चा निरस्त कराने के प्रयास भी असफल रहे। बागी पार्षद के नामांकन के कारण मतदान प्रक्रिया दोपहर 2:00 बजे की बजाए डेढ़ घंटा देरी से 3:30 बजे शुरू हुई। 
इस पर भाजपा सांसद अरुण गोविल और राज्यसभा सदस्य डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने चुनाव अधिकारी को फटकार भी लगाई। सपा विधायक रफीक अंसारी ने भी नगर आयुक्त से मतदान देरी से कराने पर नाराजगी जताई। कांग्रेस महानगर अध्यक्ष रंजन शर्मा ने भी चुनाव अधिकारी को खूब खरी-खरी सुना दी।
 

4 मतपत्र निरस्त, भाजपा प्रत्याशी के हारने पर बखेड़ा
दोपहर 3:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक मतदान प्रक्रिया चली। मतदान संपन्न होने के बाद जब परिणाम आए तो बागी पार्षद संजय सैनी ने जीत हासिल कर ली और भाजपा प्रत्याशी सतपाल हार गए। विपक्षी खेमे से केवल एक पार्षद कहकशां जिशान ही जीत दर्ज कर पाई हैं। 
इस परिणाम के बाद राज्यसभा सदस्य डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी, कैंट विधायक अमित अग्रवाल, महानगर अध्यक्ष विवेक रस्तोगी, महानगर महामंत्री महेश बाली, भाजपा पार्षद और अन्य नेताओं ने चुनाव अधिकारी अमित भार्गव पर धांधली का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया और निरस्त किए गए चार मतपत्रों पर सवाल उठाए। इस पर भाजपाइयों ने जमकर हंगामा कर दिया।
 

ये बोले...
चुनाव प्रक्रिया में गड़बड़ी हुई है। प्रपत्र में कोई नंबर तक नहीं डाला गया। पहले मतदान में देरी की गई और फिर चार मतपत्र को निरस्त करने के पीछे चुनाव अधिकारी भी भूमिका संदिग्ध है। मतदान स्थगित होने के साथ-साथ जांच होनी चाहिए। जांच टीम में निगम के अधिकारी शामिल न रहे। दूसरे विभाग के अफसरों के साथ जनप्रतिनिधि को रखा जाए।
- डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी, राज्यसभा सदस्य

चुनाव अधिकारी गलत दिशा में काम कर रहे थे। चुनाव प्रक्रिया सही नहीं चल रही थी इसलिए चुनाव निरस्त हुआ।
- धर्मेंद्र भारद्वाज, एमएलसी भाजपा

चुनाव अधिकारी को प्रक्रिया का ज्ञान नहीं था। बैलेट पेपर पर नंबरिंग भी नहीं थी। नामांकन भी टाइम के बाद स्वीकार किया। ऐसे अधिकारी को निलंबित किया जाना चाहिए।
-अमित अग्रवाल, कैंट विधायक
 

निर्वाचन अधिकारी ने शुचिता से कार्य नहीं किया। भाजपा के 5 सदस्य जीत रहे थे, गलत तरीके से वोट निरस्त की। पार्टी में भी अनुशासनहीनता किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
-विवेक रस्तोगी, महानगर अध्यक्ष भाजपा


यह लोकतंत्र की हत्या है। तानाशाही है। अंधा कानून है। पहले भी चुनाव होते थे मगर ऐसा कभी नहीं हुआ। ये अराजकता पहले कभी नहीं देखी।
- रफीक अंसारी, शहर विधायक

प्रत्येक मतपत्र पर नंबर होना चाहिए था, आगे से इस पर ध्यान दिया जाएगा। भाजपा पार्षद सतपाल का एक मतपत्र निरस्त कर दिया, उसमें चुनाव अधिकारी द्वारा पारदर्शिता नहीं बरती गई। फिलहाल चुनाव स्थगित किया गया है, इसको जल्द ही कराया जाएगा।
- हरिकांत अहलूवालिया, महापौर

 
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