UP: पटाखों से खराब हुई हवा, दीपावली की रात मेरठ में 470 पर पहुंचा AQI बागपत में 300 के पार
इस बार दीपावली पर वायु गुणवत्ता सूचकांक में बढ़ोतरी से सांसों पर संकट गहराने लगा है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश मेरठ समेत शामली बागपत में भी एक्यूआई में बढोतरी दर्ज की गई। वहीं चिकित्सक मास्क पहनने और सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं।
विस्तार
आतिशबाजी के कारण दीपावली की रात में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) में बढ़ोतरी से सांसों पर फिर संकट गहरा गया। इस दीपावली की रात एक्यूआई का स्तर 450 के पार पहुंच गया। इससे पहले दोपहर तक शहर के विभिन्न क्षेत्रों में एक्यूआई 250 से 300 तक था। सोमवार को भी प्रदूषण का स्तर 375 दर्ज किया गया।
दोपहर से शाम होते होते वायु गुणवत्ता सूचकांक में उछाल आने लगा। शहर से लेकर देहात में जमकर आतिशबाजी हुई। इसके चलते एक्यूआई का स्तर 470 तक पहुंच गया। लगभग पांच घंटे तक शहर में प्रदूषण का स्तर सबसे ऊपर रहा। इस सीजन में पहली बार इतना एक्यूआई हुआ। शहर में जयभीमनगर में 380, गंगानगर 377 व पल्लवपुरम में 373 एक्यूआई दर्ज किया गया। वहीं, दिन का अधिकतम तापमान 27.5 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 12.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
ऐसे बढ़ता गया एक्यूआई
सुबह 10 बजे 240
दोपहर 12 बजे 260
दोपहर दो बजे 340
शाम 4 बजे 380
शाम 6 बजे 399
रात 8 बजे 415
रात 10 बजे 440
रात 11 बजे 470
विभिन्न इलाकों में एक्यूआई
ईव्ज चौराहा- 355
बेगमपुल- 380
हापुड़ चौराहा- 390
शास्त्रीनगर- 377
तेजगढ़ी चौराहा- 385
दिल्ली रोड- 379
आबूलेन- 388
सदर- 387
शाप्रिक्स मॉल- 383
ट्रांसपोर्ट नगर- 390
धुआं होने से आंखों में हो रही जलन, सांस के मरीजों को हो रही दिक्कत
दीपावली पर्व पर जिले में खूब आतिशबाजी हुई, जिससे जिले की हवा खराब हो गई। दीपावली से एक दिन पहले बारिश से हवा साफ हुई थी, लेकिन दीपावली को पटाखे जलाने से एक्यूआई 300 के पार पहुंच गया। इससे सांस के मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा तो आंखों में जलन से लोग परेशान रहे।
दीपावली पर्व पर पटाखों पर प्रतिबंध होने के बावजूद लोगों ने खूब आतिशबाजी की। रविवार रात हुई आतिशबाजी का असर सोमवर सुबह देखने को मिला। पटाखों की आतिशबाजी से हवा खराब हो गई। सोमवार को जिले का एक्यूआई 150 से बढ़कर 300 के पार पहुंच गया। सड़कों के किनारे जलाए जा रहे कूड़े से भी जिले की हवा खराब हो गई। दिल्ली-सहारनपुर हाईवे पर डूंडाहेड़ा से लेकर ककड़ीपुर तक कई जगह कूड़ा जलाया गया।
बंद पड़ा हवा की हालत बताने वाला उपकरण
वायु प्रदूषण की गुणवत्ता की जानकारी देने के लिए प्रशासन की ओर से बली गांव में उपकरण लगाया गया था। इसकी स्क्रीन पर वायु गुणवत्ता सूचकांक दर्शाये जाते हैं, लेकिन उपकरण कई दिन से बंद पड़ा है। इसके बंद होने से ग्रामीणों को हवा की गुणवत्ता की भी जानकारी नहीं मिल रही है।
बढ़ सकते हैं आंखों की समस्या के मरीज
सीएचसी अधीक्षक डॉ. विभाष राजपूत ने बताया कि दीपावली पर्व पर आतिशबाजी से धुआं छाया रहा। धुएं के कारण सांस के मरीजों को परेशानी होती है और धुएं से आंखों में जलन की शिकायत भी सबसे ज्यादा रहती है। प्रदूषण बढ़ने से सांस और आंखों में समस्या के मरीज भी बढ़ सकते हैं।
चश्मा लगाएं और आंखों को बार-बार धोएं
सीएचसी अधीक्षक डॉ. विभाष राजपूत का कहना है कि आंखों पर चश्मा लगाकर ही घर से बाहर निकलें और बार-बार ठंडे पानी से आंखों को धोएं।
इस तरह होता है औसत एक्यूआई
0-50 अच्छा
51-100 औसत
101-200 असामान्य
201-300 खराब
301-400 ज्यादा खराब
400 से ज्यादा बेहद खतरनाक
दीपावली पर्व पर आतिशबाजी होने के कारण प्रदूषण बढ़ गया है। वायु प्रदूषण कम करने पर काम किया जाएगा। -प्रखर कुमार, सहायक पर्यावरण अभियंता
बिजनौर में दीपावली का त्योहार लोगों ने धूमधाम से मनाया। जिले में खूब आतिशबाजी हुई। दीपावली पर हुई आतिशबाजी का असर हवा की गुणवत्ता पर पड़ा। दीपावली के बाद एक्यूआई 47 बढ़ गया। चिकित्सकों की मानें तो इस हवा में सांस की बीमारी से ग्रसित लोग प्रभावित होंगे।
आतिशबाजी में कई तरह के तत्व होते हैं। जिनका असर लोगों के शरीर पर पड़ता है। आतिशबाजी छोड़ने से सल्फर डाई ऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड, पोटेशियम परक्लोरेट, बेरियम नाइट्रेट, मैग्नीशियम-एल्यूमीनियम मिश्रण, एल्यूमीनियम पाउडर, कैल्शियम क्लोराइड, सोडियम नाइट्रेट आदि तत्व वायु में घुल जाते हैं। जो ऑक्सीजन के साथ शरीर में पहुंचकर हीमोग्लोबिन को प्रभावित करता है।
बिजनौर में दीपावली से पहले एक्यूआई 80 चल रहा था। मगर दीपावली आते-आते हवा की स्थिति बिगड़ने लगी। दीपावली के दिन बिजनौर में एक्यूआई 127 दर्ज किया गया। वायु की गुणवत्ता 100 तक ही अच्छी मानी जाती है। इसके बाद जैसे-जैसे एक्यूआई बढ़ता है, वैसे ही हवा की गुणवत्ता खराब हो जाती है। 100 से 200 के बीच हवा आंशिक प्रदूषित रहती है। इससे सांस, अस्थमा के रोगियों को सां लेने में परेशानी होगी।
वायु गुणवत्ता सूचकांक का मानक
0 से 50- अच्छी
51 से 100- संतोषजनक
101 से 200- आंशिक प्रदूषित
201 से 300- खराब
301 से 400- ज्यादा खराब
401 से 500- घातक
नोट: ये मानक एनजीटी से जारी हैं।
मेडिकल अस्पताल के चिकित्सक डॉ. आरएस वर्मा का कहना है कि एक्यूआई 100 होने तक हवा से किसी को कोई परेशानी नहीं होती है। एक्यूआई इससे ऊपर होने पर सांस, अस्थमा रोगियों की परेशानी बढ़ जाती है। थोड़ी सावधानी बरतें। मास्क लगाकर बाहर निकलें। क्योंकि आतिशबाजी से हुआ प्रदूषण लोगों के स्वास्थ्य को प्रभावित करेगा।
दीपावली से पहले जिले में हवा की गुणवत्ता ठीक थी। मगर दीपावली के दिन आतिशबाजी अधिक होने से एक्यूआई 127 हो गया है। जिले में हवा ज्यादा खराब होने की आशंका नहीं है। - विजय कुमार, क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड
पुराने दमा के मरीजों को एक्यूआई बढ़ने से परेशानी : डॉ. पंकज त्यागी
वरिष्ठ फिजीशियन डाॅ. पंकज त्यागी ने बताया कि एक्यूआई बढ़ने से सांस, दमा के मरीज बढ़ेंगे। जिले का एक्यूआई 127 है, इससे पुराने दमा के मरीजों को सांस लेने में परेशानी होगी। सामान्य व्यक्तियों को इस एक्यूआई से कोई दिक्कत नहीं होगी। प्रदूषण बढ़ने से लोगों में सिर दर्द, चिड़चिड़ापन, सांस लेने में दिक्कत, उल्टी जैसी समस्याएं बढ़ जाती है।