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धर्म परिवर्तन का मामला: बीमारी बढ़ाने के बाद पानी में घोलकर देते थे दवा, ठीक होने पर बताते थे चमत्कार

अमर उजाला नेटवर्क, मिर्जापुर। Published by: वाराणसी ब्यूरो Updated Wed, 17 Dec 2025 10:23 AM IST
सार

मिर्जापुर जिले में 20 साल से धर्मांतरण का खेल चल रहा था। चर्च में आने वाले लोगों को खाने-पीने, बच्चों की पढ़ाई-लिखाई में मदद का लालच देकर भी धर्म परिवर्तन कराने के लिए उकसाया जाता था।

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game of religious conversion in Mirzapur for 20 years police arrested accused
मिर्जापुर में धर्मांतरण का खेल - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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मिर्जापुर जिले में चर्च में आने वाले कम पढ़े-लिखे लोगों को बीमारी ठीक करने का चमत्कार दिखाकर धर्म परिवर्तन कराया जाता था। जिस व्यक्ति को बुखार रहता था, उसे चर्च का पादरी खाने-पीने की चीजों में उल्टी-दस्त होने की दवा मिलाकर देता था। इस कारण वह और बीमार हो जाता था। फिर यहीं से धर्म परिवर्तन कराने का खेल शुरू हो जाता है।
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पीड़ित जब दूसरी बार चर्च आता है तो उसे ईसाई धर्म के बारे में बताया जाता है। फिर बीमार व्यक्ति को अलग-अलग पानी में बुखार, उल्टी-दस्त ठीक करने की दवा घोलकर पवित्र पानी बताते हुए पीने के लिए दिया जाता है। मरीज के ठीक होते ही चर्च का पादरी उसे ईसाई धर्म का चमत्कार बताने लगता है। इस तरह से चर्च का पादरी गांव के कम पढ़े लिखे लोगों का भरोसा जीतता है। उसके बाद मौका देखकर धर्म परिवर्तन कराता है।
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20 साल से चल रहा था खेल

जिले के खरहरा गांव में 20 साल से यह खेल चल रहा था। रविवार की रात जब आरोपी भोला पटेल पकड़ा गया तो पुलिस की पूछताछ में उसने धर्म परिवर्तन के खेल के बारे में बताया। ग्रामीणों को खाने-पीने, बच्चों की पढ़ाई-लिखाई में मदद का लालच देकर भी धर्म परिवर्तन कराने के लिए उकसाता था।

प्रार्थना सभा में आने पर लोगों को मिलते थे 20-20 रुपये
देहात कोतवाल अमित मिश्रा ने बताया कि आरोपी ने पूछताछ में बताया कि प्रार्थना सभा में जो लोग आते हैं, उनको 10 से 20 रुपये दिए जाते थे।

निशा बनी सरकारी गवाह

खरहरा गांव में धर्म परिवर्तन के मामले में पुलिस ने 11 लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की है। मामले में पादरी सहित 10 लोगों को सोमवार को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। मुकदमे में आरोपी निशा को पुलिस ने सरकारी गवाह बनाया है।

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फंडिंग की होगी जांच, पूछताछ के लिए वारंट की तैयारी
देहात कोतवाल अमित मिश्रा ने बताया कि धर्म परिवर्तन मामले में गिरफ्तार लोगों को फंडिंग की जाती थी। फंडिंग मामले की जांच की जा रही है। ये लोग कई बार लखनऊ गए हैं। पादरी भोला पटेल, अंगनू को लखनऊ लेकर गया था। लखनऊ के मोहन लालगंज बाजार में कार्यालय है। जिन आरोपियों को जेल भेजा गया है, फंडिंग के बारे में पूछताछ के लिए उनको वारंट पर लेने की तैयारी की जा रही है। न्यायालय से वारंट मिलने के बाद फंडिंग के बारे में पूछताछ की जाएगी।

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