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Mirzapur News: पिता ने खेती के लिए लिया था लोन, निधन के बाद बेटे को मिला नोटिस
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दीवानी न्यायालय परिसर में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया है। परिसर में विभिन्न बैंकों और विभागों के स्टाल लगे थे। जहां पर लोग अपनी समस्याओं का निस्तारण करा रहे थे। ज्यादातर लोन के मामले आए थे।
इसमें किसान खेती के लिए केसीसी लोन को माफ करानेे आए थे। पड़री के थानापुर निवासी सूरज ने बताया कि पिता सिद्धनाथ ने खेती के लिए 2011 में एक लाख 40 हजार का लोन लिया था। जो अब चार लाख हो गया है।
ढाई वर्ष पहले पिता का निधन हो गया। उसके पास लोेन जमा करने की नोटिस आई है। मड़िहान के रैकरा निवासी रामसूरत ने बताया कि उसने 70 हजार का लोन लिया था। अब एक लाख 58 हजार का लोन हो गया है।
केनरा बैंक के स्टाल पर काफी भीड़ लगी थी। केनरा बैंक के चीफ मैनेजर राजकुमार ने बताया विंध्याचल निवासी प्रभात जायसवाल ने कंपनी के नाम छह लाख का लोन लिया था। जो ब्याज के साथ छह लाख 86 हजार हो गया।
एक लाख 60 हजार पर समझौता हुआ है। 80 हजार जमा कर दिया। बाकी 80 हजार के लिए एक माह का समय दिया गया है। सुबह जनपद न्यायाधीश अरविंद कुमार मिश्रा ने मां सरस्वती की चित्र पर दीप प्रज्ज्वलित कर राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारंभ किया।
शून्य मुकदमा वाला गांव बनाने के लिए लगेगी लोक अदालत
मुकदमा विहिन गांव बनाने के लिए जनपद न्यायाधीश अरविंद कुमार मिश्र ने पहल की है। जिसमें गांव में ही लोक अदालत लगाकर, मध्यस्थता के माध्यम से मामलों को सुलझाया जाए। जिससे की गांव मुकदमा विहिन बन सके।
जनपद न्यायाधीश ने बताया कि हमारा गांव स्वयं में स्वावलंबी हो। उस स्वावलंबी गांव को बनाने के लिए वहां के विवादों के समाधान को सरल करना है। गांव के लोग छोटे-छोटे मामलों में भावनात्मक रुप से फंस जाते है। उनकी पूरी ऊर्जा मुकदमा लड़ने में बीत जाता है।
हमें इसकी चिंता रहती है कि क्यों न उनके मुकदमों का तत्काल समाधान करें। जो हमारी पुरानी पद्धति थी कि पंचायताें के माध्यम से समाधान करते थे।
वैसे ही एक पहल शुरु किए है कि गांव के मुकदमे उसी गांव में लोक अदालतों के माध्यम से, मध्यस्थता के माध्यम से सुलझा लिए जाए। झुलसेगा गांव, बढ़ेगा गांव स्लोगन के तहत एक-एक गांव व थाने को लेकर काम कर रहे हैै।
मुकदमा विहिन गांव के प्रधान को भी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से प्रमाण पत्र दे रहेे है। मिर्जापुर जनपद में इससे ज्यादा से जयादा लोगों को लाभ मिले। इसके लिए यह कार्य कर रहे है।

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इसमें किसान खेती के लिए केसीसी लोन को माफ करानेे आए थे। पड़री के थानापुर निवासी सूरज ने बताया कि पिता सिद्धनाथ ने खेती के लिए 2011 में एक लाख 40 हजार का लोन लिया था। जो अब चार लाख हो गया है।
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ढाई वर्ष पहले पिता का निधन हो गया। उसके पास लोेन जमा करने की नोटिस आई है। मड़िहान के रैकरा निवासी रामसूरत ने बताया कि उसने 70 हजार का लोन लिया था। अब एक लाख 58 हजार का लोन हो गया है।
केनरा बैंक के स्टाल पर काफी भीड़ लगी थी। केनरा बैंक के चीफ मैनेजर राजकुमार ने बताया विंध्याचल निवासी प्रभात जायसवाल ने कंपनी के नाम छह लाख का लोन लिया था। जो ब्याज के साथ छह लाख 86 हजार हो गया।
एक लाख 60 हजार पर समझौता हुआ है। 80 हजार जमा कर दिया। बाकी 80 हजार के लिए एक माह का समय दिया गया है। सुबह जनपद न्यायाधीश अरविंद कुमार मिश्रा ने मां सरस्वती की चित्र पर दीप प्रज्ज्वलित कर राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारंभ किया।
शून्य मुकदमा वाला गांव बनाने के लिए लगेगी लोक अदालत
मुकदमा विहिन गांव बनाने के लिए जनपद न्यायाधीश अरविंद कुमार मिश्र ने पहल की है। जिसमें गांव में ही लोक अदालत लगाकर, मध्यस्थता के माध्यम से मामलों को सुलझाया जाए। जिससे की गांव मुकदमा विहिन बन सके।
जनपद न्यायाधीश ने बताया कि हमारा गांव स्वयं में स्वावलंबी हो। उस स्वावलंबी गांव को बनाने के लिए वहां के विवादों के समाधान को सरल करना है। गांव के लोग छोटे-छोटे मामलों में भावनात्मक रुप से फंस जाते है। उनकी पूरी ऊर्जा मुकदमा लड़ने में बीत जाता है।
हमें इसकी चिंता रहती है कि क्यों न उनके मुकदमों का तत्काल समाधान करें। जो हमारी पुरानी पद्धति थी कि पंचायताें के माध्यम से समाधान करते थे।
वैसे ही एक पहल शुरु किए है कि गांव के मुकदमे उसी गांव में लोक अदालतों के माध्यम से, मध्यस्थता के माध्यम से सुलझा लिए जाए। झुलसेगा गांव, बढ़ेगा गांव स्लोगन के तहत एक-एक गांव व थाने को लेकर काम कर रहे हैै।
मुकदमा विहिन गांव के प्रधान को भी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से प्रमाण पत्र दे रहेे है। मिर्जापुर जनपद में इससे ज्यादा से जयादा लोगों को लाभ मिले। इसके लिए यह कार्य कर रहे है।