UP: 'मैं टेंशन में हूं, परीक्षा का डर सता रहा है', टेलीमानस केंद्र पर गूंज रहे कॉल; 2817 लोगों ने बताई समस्या
मुरादाबाद से 2817 लोगों ने टेलीमानस केंद्र पर फोन कर समस्या बताई। साथ ही समाधान भी पूछा। मदद मांगने वालों में 18 से 45 आयु वर्ग के लोग सबसे ज्यादा हैं।
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मैं बहुत परेशान हूं। टेंशन के मारे रात को नींद तक नहीं आती। पढ़ाई में मन नहीं लग रहा जबकि परीक्षा नजदीक हैं। कृपया मेरी मदद कीजिए। घर वाले मेरी पढ़ाई पर कर्ज लेकर पैसा लगा रहे हैं। मुझे लगता है कि परीक्षा में सफल नहीं हो पाऊंगा।
इस प्रकार की कॉल्स मुरादाबाद से टेलीमानस केंद्र पर जा रही हैं। अगर एक अप्रैल से दस दिसंबर तक का आंकड़ा देखें तो पता चलता है कि मुरादाबाद से 2817 लोगों ने फोन करके सहायता मांगी है। इनमें कुछ ऐसे हैं जो बीमारी के कारण अवसाद में आ गए हैं। वहीं कुछ बुजुर्ग फोन करके बता रहे हैं कि उन्हें डर है कि उनका बेटा उन्हें छोड़कर चला जाएगा।
बेटे के दूसरे शहर में जाने के डर से नहीं आ रही नींद
एक साठ साल के बुजुर्ग ने फोन करके बताया कि उनका बेटा एक कंपनी में इंजीनियर है। हाल में ही शादी हुई है। उसकी बातों से लगता है कि वह अपनी पत्नी के साथ किसी बड़े शहर में चला जाएगा। यह सोचकर हर वक्त तनाव रहता है। हम कैसे रहेंगे बस यही चिंता सताती रहती है। एक्सपर्ट ने उनकी काउंसिलिंग शुरू करा दी है। जिला अस्पताल के मन कक्ष में उनका उपचार किया जा रहा है। उन्हें एक महीने में चार बार बुलाया जा रहा है।
जो पढ़ता हूं भूल जाता हूं...फेल होने का डर बना रहता है
बारहवीं कक्षा का एक छात्र भी टेलीमानस केंद्र के जरिए मनोरोग विशेषज्ञ के संपर्क में है। चिकित्सक ने बताया कि जब उसका उपचार शुरू हुआ था तब वह बेहद डरा हुआ था। लेकिन अब काफी ठीक है। उसका कहना था कि कुछ याद नहीं रहता है।
उसके पिता फैक्टरी में मजदूरी करके उसे पढ़ा रहे हैं। अगर वह फेल हो गया तो कहीं का नहीं रहेगा। काउंसिलिंग के तीन चरण हो चुके हैं अब काफी लाभ है। काफी हद तक नकारात्मकता दूर हो चुकी है।
वेस्ट यूपी के जिलों में मुरादाबाद दूसरे स्थान पर
पश्चिमी उत्तर प्रदेश की बात करें तो मुरादाबाद अवसाद ग्रस्त लोगों की कॉल के मामले में दूसरे स्थान पर है। वेस्ट यूपी में वहीं मंडल में मुरादाबाद के बाद रामपुर 2406 कॉल्स के साथ दूसरे स्थान पर है। बिजनौर से 1293, संभल से 1231 और अमरोहा से 1168 कॉल बरेली टेलीमानस केंद्र पर पहुंचे हैं।
18 से 45 वर्ष के लोगों के 76.9 प्रतिशत कॉल आए। 46 से 64 वर्ष के लोग 10.95 प्रतिशत और किशोर वर्ग (13–17 वर्ष) से 7.6 प्रतिशत कॉल आए। 65 वर्ष से अधिक के बुजुर्गों की कॉल की संख्या 2.54 प्रतिशत रही। टेलीमानस के अलावा मुरादाबाद में मानसिक रोग विशेषज्ञों की ओपीडी का आंकड़ा भी यही कहता है कि अवसाद के मामले बढ़ रहे हैं।
इन समस्याओं को लेकर लोग कर रहे हैं फोन
उदासी और मन का भारीपन: 24.5 प्रतिशत
तनाव से जुड़ी समस्याएं: 18.98 प्रतिशत
नींद न आना या नींद में गड़बड़ी: 12.47 प्रतिशत
चिंता, पैनिक और फोबिया: 11.38 प्रतिशत
हिंसा या आक्रामक व्यवहार: 4.37 प्रतिशत
नशे और व्यवहार संबंधी दिक्कतें: 3 प्रतिशत
नोट - आत्मघाती विचार, याददाश्त की परेशानी और दौरे जैसी शिकायतें भी सामने आईं, हालांकि इनका प्रतिशत कम रहा।
आज भी कई लोग यह स्वीकार नहीं करते कि वह मानसिक परेशानी से जूझ रहे हैं। मानसिक रोग को छिपाना समझदारी नहीं है। लोग अपने मन की बात सीधे मनोवैज्ञानिक को बता सकें, इसके लिए अस्पताल की ओपीडी वाले पर्चों पर टेलीमानस का टोलफ्री नंबर प्रिंट होता है।- डॉ. संगीता गुप्ता, एसआईसी, जिला अस्पताल
हमारे पास ऐसे मामले भी हैं जिनमें युवा लंबे समय से नौकरी की तैयारी कर रहे हैं लेकिन सफल न होने के कारण तनाव में हैं। 18 से 45 आयु वर्ग की बात करें तो इनमें महिलाओं की संख्या ज्यादा है।- डॉ. अनंत राणा, मानसिक रोग विशेषज्ञ
युवा वर्ग में सबसे ज्यादा चिंता पढ़ाई व कॅरिअर की है। इनके अलावा सोशल मीडिया पर प्रेम प्रसंग में पड़कर असफल होने के बाद तनाव के मामले काफी है। ऐसे में मामलों में लोगों ने आत्महत्या का प्रयास भी किया है।- डॉ. दिशांतर गोयल, मानसिक रोग विशेषज्ञ
