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मायानगर भूमि घोटाला... अरबों का खेल: ऑडिट में सामने आई गड़बड़ियां, सिटी मजिस्ट्रेट बनाए गए कार्यकारी अध्यक्ष

अमर उजाला नेटवर्क, मुरादाबाद Published by: विमल शर्मा Updated Sat, 20 Dec 2025 08:47 PM IST
सार

मायानगर सहकारी आवास समिति के भंग होने के बाद मुरादाबाद डीएम ने सिटी मजिस्ट्रेट विनय पांडेय को कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया है। अरबों रुपये के जमीन घोटाले के आरोपों के बीच गठित एसआईटी जमीन की ऑडिट कर रही है। इसमें कई अनियमितताएं सामने आई हैं। 

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Moradabad Mayanagari land scam... a multi-billion dollar affair: Irregularities revealed in the audit
मुरादाबाद प्रशासन कर रही जांच - फोटो : अमर उजाला।
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विस्तार
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मुरादाबाद डीएम ने मायानगर सहकारी समिति के भंग होने पर शुक्रवार को सिटी मजिस्ट्रेट विनय पांडेय को कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त कर दिया है। अब सिटी मजिस्ट्रे्ट समिति का संचालन करेंगे। साथ ही अनियमितताओं पर लगाम लगाएंगे। समिति के पदाधिकारियों पर अरबों की जमीन घोटाले का आरोप है।

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इधर, कुछ प्रापर्टी डीलर जांच रोकने के लिए लखनऊ से लेकर प्रयागराज का चक्कर लगा रहे हैं। डीएम अनुज सिंह के निर्देश पर गठित एसआईटी मायानगर सहकारी आवास समिति के जमीन की ऑडिट कर रही है। इस समिति में एडीएम प्रशासन सहित तीन अधिकारी सदस्य के तौर पर शामिल हैं। जमीन की ऑडिट में कई प्रकार की गड़बड़ियां प्रकाश में आई हैं।
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इस बीच अपर आयुक्त (आवास) ने घोटालों के गंभीर आरोपों के कारण समिति भंग कर दी। इस मामले का पत्र मिलने के बाद डीएम ने शनिवार को समिति का संचालन करने के लिए सिटी मजिस्ट्रेट विनय पांडेय को कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त कर दिया। अब सिटी मजिस्ट्रेट समिति का लेखा जोखा लेंगे। अनियमितताओं पर लगाम लगाएंगे।

 शिकंजा कसने पर प्रापर्टी डीलर हुए परेशान 
 मायानगर सहकारी आवास समिति पर शासन का शिकंजा कसने के बाद शहर के कुछ प्रापर्टी डीलर परेशान हो गए हैं जो मायानगर सहकारी आवास समिति की जमीन खरीद फरोख्त में संलिप्त थे। इस मामले में प्रापर्टी डीलरों ने लखनऊ और प्रयागराज का चक्कर लगाना शुरू कर दिया है। संदिग्ध प्रापर्टी डीलर जांच के भय से परेशान हैं। बता दें कि समिति के सदस्य शीशपाल की शिकायत पर तीन सदस्यीय कमेटी ने जांच किया तो पता चला कि जमीन का काफी गोलमाल किया गया है। 

समिति के सदस्यों को बदलकर दूसरों को जमीनें बेची गई हैं। इसमें फर्जी डीड भी बनाए गए। प्राथमिक जांच में 100 करोड़ से अधिक का घोटाला सामने आया था। जांच में छह स्थानीय प्रापर्टी डीलरों के नाम सामने आए थे। इस मामले की जानकारी मिलने पर तत्कालीन अपर आयुक्त आवास एवं अपर निबंधन रहे विनय कुमार मिश्रा ने समिति पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया।

उनके निर्देश पर एआईजी स्टॉप ने जमीन की खरीद बिक्री पर रोक लगा दी गई। साथ ही समिति के खातों को सशर्त फ्रीज कराने के निर्देश दिए गए। साथ ही अपर आयुक्त (आवास) के निर्देश पर डीएम अनुज सिंह ने जमीन की आडिट करने के लिए एडीएम (प्रशासन) के नेतृत्व में एसआईटी गठित कर दी। वर्तमान एडीएम (प्रशासन) संगीता गौतम जमीन की ऑडिट करा रही हैं।

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