UP: मुरादाबाद निगम के उप नगर आयुक्त निलंबित, काम में अनियमित्ता पर कार्रवाई, निदेशालय किए गए अटैच
मुरादाबाद नगर निगम के उप नगर आयुक्त राजकिशोर प्रसाद को निलंबित कर दिया गया है। उन पर अलीगढ़ में तैनाती के दाैरान सरकारी भूमि के अवैध एक्सचेंज मामले में गंभीर अनियमितता के आरोप थे।
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नगर विकास विभाग ने अलीगढ़ नगर निगम से संबंधित सरकारी भूमि के अवैध एक्सचेंज मामले में गंभीर अनियमितताओं को देखते हुए नगर निगम मुरादाबाद में उप नगर आयुक्त के पद पर तैनात राजकिशोर प्रसाद को निलंबित कर दिया है। यह आदेश प्रमुख सचिव पी. गुरुप्रसाद की ओर से जारी किया गया है।
प्रमुख सचिव के आदेश के अनुसार, अलीगढ़ के नगर आयुक्त ने शासन को अवगत कराया था कि कोल तहसील के ग्राम धौर्रा माफी का गाटा संख्या-345 राजस्व अभिलेखों में ऊसर भूमि के रूप में दर्ज है और नगर निगम की निहित संपत्ति है।
निगम ने पूर्व में इस भूमि को कब्जा मुक्त कराते हुए दस फीट ऊंची बाउंड्रीवाल, गेट और निगम संपत्ति का बोर्ड लगाकर अपने नियंत्रण में ले लिया था। इसका वाद अपर जिलाधिकारी (नगर) अलीगढ़ की अदालत में लंबित था। तत्कालीन उप नगर आयुक्त राजकिशोर प्रसाद उस समय विधि विभाग का प्रभार भी संभाल रहे थे।
आरोप है कि उन्होंने बिना विभागीय रिपोर्ट प्राप्त किए, बिना राजस्व अभिलेखों का परीक्षण किए और बिना भूमि की स्थिति एवं स्वामित्व की पुष्टि किए अदालत में गाटा-342 व 345 के एक्सचेंज पर अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) दे दिया था।
इसी के आधार पर एडीएम (नगर) की अदालत ने 16 जनवरी 2024 को आदेश पारित कर भूमि को परस्पर एक्सचेंज कर दिया और राजस्व अभिलेखों में अमल दरामद का आदेश भी जारी हो गया।
शासन के अनुसार, ग्राम धौर्रा माफी वर्ष 2017 में नगर निगम सीमा में शामिल हुआ था। गाटा संख्या-345 पहले से निगम के कब्जे में था, इसलिए नियमानुसार इसका एक्सचेंज संभव ही नहीं था। जबकि गाटा-342 और 345 दोनों पर पहले से आबादी थी। इस तरह बिना अनुमति और गलत तथ्यों पर आधारित एनओसी देकर सरकारी भूमि को नुकसान पहुंचाने और वित्तीय अनियमितता के गंभीर आरोप सामने आए हैं।
शासन ने राजकिशोर प्रसाद को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। उनके विरुद्ध नियम-7 के अंतर्गत विभागीय जांच शुरू कर दी गई है। इसके लिए अपर आयुक्त (प्रशासन) अलीगढ़ को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है। निलंबन अवधि में राजकिशोर प्रसाद को लखनऊ स्थित नगर निकाय निदेशालय से संबद्ध किया गया है। मामले को शासन ने अत्यंत गंभीर माना है और जांच पूरी होने तक राजकिशोर प्रसाद सेवा से बाहर रहेंगे।
मुरादाबाद मामले में भी चल रही जांच
उप नगर आयुक्त राजकिशोर प्रसाद ने कांशीराम कॉलोनी में अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान एक व्यक्ति की दीवार गलत ढंग से ढहा दी थी, जिसका मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट तक पहुंचा था। इस मामले के बाद उनसे संपत्ति विभाग का चार्ज हटा दिया गया था और विभागीय जांच शुरू कर दी गई थी। आरोप था कि उप नगर आयुक्त ने जांच अधिकारियों के लिए अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल किया था। घटना के बाद नगर आयुक्त ने उप नगर आयुक्त की रिपोर्ट शासन को भेज दी थी।