नरेश टिकैत बोले : किसानों ने दिल्ली में अपना नेता खो दिया, चौधरी अजित सिंह ने आंदोलन में बड़ा हौसला दिया

रालोद मुखिया चौधरी अजित सिंह के निधन पर भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता नरेश टिकैत ने गहरा शोक प्रकट किया है। उन्होंने कहा कि किसानों ने दिल्ली में अपना नेता खो दिया।

जब 28 जनवरी को किसान आंदोलन को कुचलने का प्रयास किया गया, तब चौधरी अजित सिंह ने बड़ा हौसला दिया। चौधरी साहब का किसानों को बड़ा सहारा था। आंदोलन के बीच-बीच में भी बात करते रहे और हमेशा हौसला अफजाई करते रहे। चौधरी साहब का जाना किसानों के लिए बहुत बड़ा नुकसान है। ऐसा नुकसान, जिसका आकलन भी मुश्किल है।
छोटे चौधरी का जीवन हमेशा किसानों से जुड़ा रहा, गांव के लोगों से जुड़ा रहा। उनकी विचारधारा पूर्ण रूप से गांव और गरीब की थी। जीवन भर वे गांव और गरीब के लिए काम करते रहे। दिल्ली में आने वाले गांव के हर आदमी को हर एक किसान को एक अहसास रहता था कि उनका एक घर दिल्ली में भी है। गांव से लोग आकर चौधरी साहब को हर बात बताते थे और चौधरी साहब भी उनकी बात बड़े चाव से सुनते थे। गांव की बात करते थे। जब-जब किसान आंदोलन हुए, उनके बड़ा सहयोग रहा। चौधरी साहब पद पर रहे या न रहे, लेकिन किसानों को उन पर भरोसा था।
चौधरी अजित सिंह के बिना किसान अनाथ हो गया : नरेश टिकैत
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने कहा कि रालोद अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह के जाने से आज किसान अनाथ हो गया। अजित सिंह का निधन आज किसान बिरादरी के लिए बहुत बड़ी क्षति है। किसान मजदूर के दिल में वो हमेशा रहेंगे।
उन्होंने किसान मजदूर के हक की लड़ाई हमेशा लड़ी है। आज किसान उनके निधन के बाद किसान अनाथ हो गया है। इस दु:ख की घड़ी में टिकैत परिवार चौधरी अजित सिंह के परिवार के साथ खड़ा है। वो अच्छी छवि के राजनेता थे, उनके निधन सभी को गहरा दुख पहुंचा है।
मजाकिया और चुटीला अंदाज सभी को भाता था
पूर्व एमएलसी चौ. मुश्ताक चौधरी बताते है देश में किसान राजनीति का हुई क्षति को भरा नहीं जा सकता। चौधरी साहब हमेशा सभी को भाईचारा बनाए रखने की बात कहते थे। उनका हमेशा मजाकिया और चुटीला अंदाज कार्यकर्ताओं का तनाव दूर कर देता था।
मनमोहन सरकार में जंतर मंतर पर किसानों को सबसे कम गन्ना मूल्य दिलाने वाले बिल पर गुस्साए छोटे चौधरी ने सभी दलों के नेताओं को एकत्र किया और एफ एंड आर बिल वापस कराया था। भूमि अधिग्रहण बिल और 44 शुगर मिलों की स्थापना से किसानों की खुशहाली का रास्ता तैयार कराया।
सपा के पूर्व मंत्री मुकेश चौधरी का कहना है कि चौधरी साहब के निधन की भरपाई संभव नहीं है। वह कहते थे किसान को किसी जाति और मजहब की डोर में बांधना उचित नहीं है। हर जाति के लोग खेती किसानी से जुड़े है। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में चौधरी अजित सिंह के साथ जिले में गांव-गांव जाकर उनके अंदाज को देखा, तो वह कभी मायूस नजर नहीं आते थे। लोगों को हंसाने की कला भी उनकी बेमिसाल थी।
चौधरी अजित का जाना दुखद: बालियान
केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ संजीव बालियान ने रालोद अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह के निधन पर दुख व्यक्त किया है। बालियान ने कहा कि चौधरी अजित सिंह ने किसानों के लिए लंबे समय तक संघर्ष किया। किसानों को उनके अधिकार दिलाने के लिए हमेशा प्रयत्नशील रहे। उनकी मृत्यु से किसानों का एक सच्चा हमदर्द चला गया है। किसान राजनीति के लिए एक अपूर्णीय क्षति है। विपक्ष के लोग भी उनका लोहा मानते थे।
चौधरी ने किसानों के हक के लिए काम किया: चंदन
सपा के युवा नेता चंदन चौहान का कहना है कि चौधरी अजित सिंह के जाने से किसान बिरादरी को बड़ा नुकसान हुआ है। चौधरी साहब ने पूरे जीवन किसानों के हकों के लिए संघर्ष किया। हमारे परिवार के इस परिवार से तीन पीढ़ियों के संबंध में हैं। मेरे दादा नारायण सिंह और चौधरी चरण सिंह के अच्छे संबंध रहे। उनका जाना हमारे परिवार के लिए भी बड़ा नुकसान है।
समाज के प्रत्येक वर्ग का हित किया: पाल
पूर्व विधायक मिथलेश पाल ने कहा कि चौधरी अजित सिंह ने समाज के प्रत्येक वर्ग के हित के लिए काम किया। उनका जाना किसानों की आवाज को बड़ा ब्रेक लग जाना हैं। जिंदगी भर चौधरी साहब किसानों की आवाज बनते रहे।