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Kisan Andolan: दिल्ली कूच को लेकर पुलिस अलर्ट, किसान नेताओं को घरों में किया नजरबंद, टिकैत ने दिया बड़ा बयान

अमर उजाला ब्यूरो, मुजफ्फरनगर Published by: कपिल kapil Updated Wed, 14 Feb 2024 12:25 AM IST
सार

Kisan Andolan : किसानों के दिल्ली कूच को लेकर यूपी पुलिस भी अलर्ट हो गई है। मुजफ्फरनगर में सोमवार को दो किसान नेताओं को घरों में नजरबंद किया गया है। उधर, राकेश टिकैत ने बड़ा बयान दिया है।

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Kisan Andolan: Police alert regarding Delhi march, two farmer leaders put under house arrest in Muzaffarnagar
किसानों के दिल्ली कूच को लेकर पुलिस अलर्ट। - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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मुजफ्फरनगर में पुलिस ने गाजीपुर बॉर्डर पर धरना-प्रदर्शन के मद्देनजर दो किसान नेताओं को घरों में नजरबंद कर दिया है ताकि वह समर्थकों के साथ दिल्ली में किसानों के प्रदर्शन में शामिल न हो सकें। सोमवार रात से कुटेसरा और नंगला राई गांवों में दोनों नेताओं के मकानों पर पुलिस बल तैनात किया गया है। 

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भाकियू महात्मा टिकैत के जिलाध्यक्ष साकिर मुखिया नंगला राई और मंडल अध्यक्ष अनुभव त्यागी कुटेसरा के रहने वाले हैं। पुलिस को भनक लगी कि संयुक्त मोर्चा के तत्वावधान में गाजीपुर बॉर्डर मंगलवार को होने वाले प्रदर्शन में शामिल होंगे। थाना प्रभारी जसवीर सिंह ने दोनों के घरों पर निगरानी शुरू कर दी। दोनों के घर पर पुलिस बल तैनात रहा। पुलिस ने मित्रवत व्यवहार की तरह घरों पर रहकर सतर्कता बरती। प्रभारी निरीक्षक ने बताया शांति भंग नहीं होने के कारण दिल्ली किसान आंदोलन में जाने से किसान नेताओं को रोका गया है।

विभिन्न संगठनों ने कहा कि किसानों को उनका हक मिलना चाहिए। किसानों पर जिस तरह फायरिंग की गई, वह निंदनीय है। साथ ही यह चेतावनी भी दी गई कि हमसे भी दिल्ली दूर नहीं है। अगर किसानों को नुकसान पहुंचाया गया तो पश्चिम यूपी के किसान भी दिल्ली को घेरने से पीछे हटने वाले नहीं है। हर हाल में किसानों को न्याय मिलना चाहिए।

एमएसपी कानून बेहद जरूरी : राकेश टिकैत
भाकियू प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने कहा कि बिहार में मंडियां खत्म कर दी गई। बड़ी कंपनियों ने संगठन बनाकर देश पर कब्जा कर लिया है। दिल्ली के लिए कोई एक दिन पहले चल दिया, कोई दो दिन बाद में आ जाएगा। किसान हमसे दूर नहीं और हमसे दिल्ली दूर नहीं। सरकार से तीन साल से कोई बात नहीं हुई। संयुक्त किसान मोर्चा अभी इस आंदोलन में नहीं है, लेकिन अगर किसानों के साथ छेड़छाड़ की गई तो आंदोलन करेंगे। एमएसपी कानून पूरे देश की परेशानी है। जब देश का विपक्ष कमजोर होता है तो देश में तानाशाहों का जन्म होता है। जब देश का राजा ही ये कह रहा है कि हम 400 सीट जीतेंगे तो फिर देश में चुनाव की जरूरत कहां रह गई।

अमृतसर नहीं गई बस, चंडीगढ़ के लिए भी रूट डायवर्जन
पंजाब में किसान आंदोलन का प्रभाव जिले के परिवहन निगम की रोडवेज बसों के आवागमन भी पड़ा है। शंभु बॉर्डर व जिरकपुर बॉर्डर सील कर दिए जाने के कारण रोजाना अमृतसर जाने वाली रोडवेज बस नहीं गई और चंडीगढ़ जाने वाली बस भी दूसरे मार्ग से चंडीगढ़ पहुंची।

इस दौरान बस कर्मचारियों के साथ ही यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पडा। अमृतसर जाने वाली बसों के ज्यादा सफर करने के कारण किराया दस प्रतिशत ज्यादा वसूल किया गया। उधर, ट्रेन में पंजाब जाने वाले के लिए स्टेशन पर पहुंचे यात्री भी परेशान दिखाई दिए। हालांकि ट्रेन यातायात पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। अंबाला से लुधियाना जाने वाले मार्ग पर पड़ने वाले शंभु बॉर्डर को दो दिन पहले आंदोलनकारी गतिविधि के चलते बंद कर दिया गया था।

सोमवार को तो मुजफ्फरनगर से लुधियाना व अमृतसर जाने वाली रोडवेज बस पहुंच गई थी, लेकिन मंगलवार को अमृतसर जाने वाली बस को रोक दिया गया। मंगलवार को चंडीगढ़ व अंबाला के बीच जिरकपुर बॉर्डर सुबह के समय बंद कर दिया गया। जिस कारण यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा।

60 किलोमीटर चलना पड़ा ज्यादा, किराया दस प्रतिशत बढ़ा
मुजफ्फरनगर से लुधियाना व अमृतसर मार्ग पर संचालित होने वाली बस के परिचालक जहूर ने बताया कि सोमवार को वह रोजाना की तरह शंभु बॉर्डर से न जाकर दूसरे मार्ग से गए थे। उनकी बस 50 से 60 किलो मीटर ज्यादा चली थी। अधिकारियों के आदेश पर दस प्रतिशत किराया ज्यादा लिया गया। आंदोलन के कारण वापसी में उन्हें जिरकपुर बॉर्डर मार्ग से आना था, लेकिन जिरकपुर मार्ग भी बंद कर दिए जाने के कारण उन्हें यात्रियों को सकुशल लेकर गांव देहात के बीच से अंबाला पहुंचना पड़ा।

रोडवेज बस मार्ग बदलकर पहुंची चंडीगढ़
मुजफ़्फरनगर से चंडीगढ़ जाने वाली बस के परिचालक विवेक कुमार ने बताया कि वह मंगलवार सुबह यात्रियों को लेकर चंडीगढ़ के लिए चले थे। उन्हें वाया अंबाला-जिरकपुर होकर जाना था, लेकिन यह मार्ग बंद कर दिए जाने के लिए अंबाला से पंद्रह किलोमीटर पहले ही गांव शाह से मार्ग बदला गया और पंचकूला होते हुए चंडीगढ़ जाना पड़ा। रास्ते में कई बार परेशानी का सामना करना पड़ा।

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इन्होंने कहा...

पंजाब में किसान आंदोलन शुरू हुआ है। बसों के कर्मचारियों को सुरक्षित रह कर बस का संचालन करने को कहा गया है। निगम डिपो के संचालन प्रभारी निखिल राठी को निगरानी के लिए तैनात किया गया है। - पूनम देवी, वरिष्ठ केंद्र प्रभारी, परिवहन निगम मुजफ्फरनगर डिपो    

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