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मुस्लिम पर्सनल लॉ में दखलंदाजी बर्दाश्त नहीं
अमर उजाला ब्यूरो/ मुजफ्फरनगर
Updated Sat, 05 Nov 2016 12:09 AM IST
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सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपते मुस्लिम समुदाय के लोग।
- फोटो : अमर उजाला
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ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन की तीन तलाक और कामन सिविल कोड को लेकर हौज वाली जामा मस्जिद लोहिया बाजार में एक सभा का आयोजन किया गया। सभा के बाद राष्ट्रपति के नाम डीएम को ज्ञापन दिया गया।
राष्ट्रपति के नाम भेजे ज्ञापन में कहा गया कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक देश है। यहां के हर नागरिक को अपने धर्म के आधार पर जीवन यापन करने का अधिकार है। संविधान में धार्मिक कार्यों का करने की पूर्णतया आजादी है। भारतीय मुसलमानों का मुस्लिम पर्सनल लॉ पर चलना संवैधानिक अधिकार है, जिसमें किसी को भी दखल का अधिकार नहीं है।
केंद्र को किसी के धार्मिक मसले में दखल देने का अधिकार नहीं है। इस अवसर पर मुफ्ति उसामा इदरीस नदीवी, शमशाद अहमद, राशिद कुरैशी, खालिद, आसिफ राही, हाजी इनायत अली, शाहनवाज आफताब, राशिद अजीम, महबूब आलम, शाहिद हसन आदि मौजूद रहे।

राष्ट्रपति के नाम भेजे ज्ञापन में कहा गया कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक देश है। यहां के हर नागरिक को अपने धर्म के आधार पर जीवन यापन करने का अधिकार है। संविधान में धार्मिक कार्यों का करने की पूर्णतया आजादी है। भारतीय मुसलमानों का मुस्लिम पर्सनल लॉ पर चलना संवैधानिक अधिकार है, जिसमें किसी को भी दखल का अधिकार नहीं है।
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केंद्र को किसी के धार्मिक मसले में दखल देने का अधिकार नहीं है। इस अवसर पर मुफ्ति उसामा इदरीस नदीवी, शमशाद अहमद, राशिद कुरैशी, खालिद, आसिफ राही, हाजी इनायत अली, शाहनवाज आफताब, राशिद अजीम, महबूब आलम, शाहिद हसन आदि मौजूद रहे।