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Pilibhit News: 16 दिन बाद नवजात के शव को कब्र से निकलवाकर कराया पोस्टमॉर्टम
संवाद न्यूज एजेंसी, पीलीभीत
Updated Fri, 19 Dec 2025 11:54 PM IST
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पीलीभीत। जिला अस्पताल में नवजात की मौत को लेकर उठे सवालों पर प्रशासन सख्त हो गया है। डीएम के आदेश पर 16 दिन बाद नवजात के शव को कब्र से बाहर निकलवाकर पोस्टमॉर्टम कराया गया।
नवजात की मृत्यु के वास्तविक कारणों का पता लगाने के लिए यह प्रक्रिया परिजनों की मौजूदगी, मजिस्ट्रेट व पुलिस अफसरों की निगरानी में कराई गई। सुनगढ़ी थाना के मैत्री कॉलोनी निवासी मृदुल सिंह ने डीएम को दिए शिकायतीपत्र में बताया था कि दो दिसंबर की रात करीब 10:30 बजे पत्नी प्रिया सिंह को प्रसव पीड़ा होने पर जिला महिला अस्पताल में भर्ती कराया था। आरोप है कि प्रसव के दौरान अस्पताल स्टाफ ने पांच हजार रुपये की रिश्वत मांगी। उन्होंने रुपये देने से इन्कार कर दिया।
तीन दिसंबर की सुबह सामान्य प्रसव हुआ, लेकिन नवजात मृत अवस्था में पैदा हुआ। परिजनों का आरोप है कि नवजात के सिर पर चोट के निशान थे।
इस पर उन्होंने चिकित्सक और स्टाफ से सवाल किए तो उनसे सादे कागज पर हस्ताक्षर कराने का दबाव बनाया और अभद्र व्यवहार भी किया गया। घटना से आहत परिजनों ने उसी दिन नवजात के शव को मुक्तिधाम में दफन कर दिया था।
बाद में जिला महिला अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाकर शासन स्तर पर शिकायत की। मामले की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी ज्ञानेंद्र सिंह ने निष्पक्ष जांच के लिए शव का पोस्टमाॅर्टम कराने का आदेश दिया।
शुक्रवार को नायब तहसीलदार पारितोष द्विवेदी, सीओ सिटी दीपक चतुर्वेदी और इंस्पेक्टर सुनगढ़ी नरेश त्यागी की मौजूदगी में सुनगढ़ी पुलिस मुक्तिधाम पहुंची।
परिजन के बताए स्थान पर कब्र खोदवाकर नवजात के शव को बाहर निकलवाया गया। पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई गई और शव का पंचायतनामा भरकर पोस्टमाॅर्टम के लिए भिजवाया गया। सीओ सिटी दीपक चतुर्वेदी ने बताया कि पोस्टमाॅर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही नवजात की मौत का कारण स्पष्ट हो सकेगा।
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नवजात की मृत्यु के वास्तविक कारणों का पता लगाने के लिए यह प्रक्रिया परिजनों की मौजूदगी, मजिस्ट्रेट व पुलिस अफसरों की निगरानी में कराई गई। सुनगढ़ी थाना के मैत्री कॉलोनी निवासी मृदुल सिंह ने डीएम को दिए शिकायतीपत्र में बताया था कि दो दिसंबर की रात करीब 10:30 बजे पत्नी प्रिया सिंह को प्रसव पीड़ा होने पर जिला महिला अस्पताल में भर्ती कराया था। आरोप है कि प्रसव के दौरान अस्पताल स्टाफ ने पांच हजार रुपये की रिश्वत मांगी। उन्होंने रुपये देने से इन्कार कर दिया।
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तीन दिसंबर की सुबह सामान्य प्रसव हुआ, लेकिन नवजात मृत अवस्था में पैदा हुआ। परिजनों का आरोप है कि नवजात के सिर पर चोट के निशान थे।
इस पर उन्होंने चिकित्सक और स्टाफ से सवाल किए तो उनसे सादे कागज पर हस्ताक्षर कराने का दबाव बनाया और अभद्र व्यवहार भी किया गया। घटना से आहत परिजनों ने उसी दिन नवजात के शव को मुक्तिधाम में दफन कर दिया था।
बाद में जिला महिला अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाकर शासन स्तर पर शिकायत की। मामले की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी ज्ञानेंद्र सिंह ने निष्पक्ष जांच के लिए शव का पोस्टमाॅर्टम कराने का आदेश दिया।
शुक्रवार को नायब तहसीलदार पारितोष द्विवेदी, सीओ सिटी दीपक चतुर्वेदी और इंस्पेक्टर सुनगढ़ी नरेश त्यागी की मौजूदगी में सुनगढ़ी पुलिस मुक्तिधाम पहुंची।
परिजन के बताए स्थान पर कब्र खोदवाकर नवजात के शव को बाहर निकलवाया गया। पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई गई और शव का पंचायतनामा भरकर पोस्टमाॅर्टम के लिए भिजवाया गया। सीओ सिटी दीपक चतुर्वेदी ने बताया कि पोस्टमाॅर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही नवजात की मौत का कारण स्पष्ट हो सकेगा।
