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Pilibhit News: वृद्ध की गिरवी जमीन का धोखाधड़ी कर कराया बैनामा
संवाद न्यूज एजेंसी, पीलीभीत
Updated Tue, 25 Nov 2025 12:03 AM IST
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माधोटांडा। सीमावर्ती गांव महाराजपुर के 75 वर्षीय अनुसूचित जाति के किसान के साथ धोखाधड़ी कर उसकी दो एकड़ जमीन हड़पने का गंभीर आरोप सामने आया है। पीड़ित ने डीएम को प्रार्थनापत्र देकर न्याय की गुहार लगाई है।
गांव महाराजपुर निवासी बाबूराम ने डीएम को दिए प्रार्थना पत्र में बताया कि रमनगरा में उसकी दो एकड़ पट्टा भूमिधर की जमीन है। घरेलू परिस्थितियों के चलते उसने यह जमीन 30 जून 2021 को रमनगरा निवासी एक व्यक्ति के हाथों 50 हजार रुपये में पांच वर्षों के लिए गिरवी रखी थी। तय हुआ था कि अवधि पूरी होने पर रुपये लौटाकर और खड़ी फसल काटने के बाद वह जमीन वापस ले लेगा। आरोप है कि कुछ समय बाद आरोपी पक्ष ने मिलीभगत कर धोखाधड़ी से जमीन का बैनामा अपने नाम करवा लिया। बाबूराम का कहना है कि गन्ने की फसल की सट्टा पर्ची बनवाने के नाम पर उसे तहसील ले जाकर कागजों पर अंगूठा लगवा लिया। बाद में पता चला कि उन्हीं कागजों के आधार पर बैनामा करा लिया गया। जबकि जमीन पर सहकारी बैंक का 58 हजार रुपये का लोन भी चल रहा है, इसके बावजूद फर्द में आरोपी का नाम दर्ज हो चुका है। पीड़ित ने जब किसान सम्मान निधि के कागज तैयार कराए, तभी धोखाधड़ी का खुलासा हुआ। अनुसूचित जाति का प्रमाण होने के बावजूद नियम विरुद्ध तरीके से बैनामा कराया।
आरोप है कि जब उसने आरोपी, उसके पिता और गांव के एक अन्य व्यक्ति से बात की तो उन्होंने गाली-गलौज करते हुए जातिसूचक शब्दों का प्रयोग कर अपमानित किया। बुजुर्ग पीड़ित अब न्याय की तलाश में अधिकारियों के चक्कर काटने को मजबूर है। उसने भूमि वापस दिलाने और आरोपियों पर कार्रवाई की मांग की है।
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गांव महाराजपुर निवासी बाबूराम ने डीएम को दिए प्रार्थना पत्र में बताया कि रमनगरा में उसकी दो एकड़ पट्टा भूमिधर की जमीन है। घरेलू परिस्थितियों के चलते उसने यह जमीन 30 जून 2021 को रमनगरा निवासी एक व्यक्ति के हाथों 50 हजार रुपये में पांच वर्षों के लिए गिरवी रखी थी। तय हुआ था कि अवधि पूरी होने पर रुपये लौटाकर और खड़ी फसल काटने के बाद वह जमीन वापस ले लेगा। आरोप है कि कुछ समय बाद आरोपी पक्ष ने मिलीभगत कर धोखाधड़ी से जमीन का बैनामा अपने नाम करवा लिया। बाबूराम का कहना है कि गन्ने की फसल की सट्टा पर्ची बनवाने के नाम पर उसे तहसील ले जाकर कागजों पर अंगूठा लगवा लिया। बाद में पता चला कि उन्हीं कागजों के आधार पर बैनामा करा लिया गया। जबकि जमीन पर सहकारी बैंक का 58 हजार रुपये का लोन भी चल रहा है, इसके बावजूद फर्द में आरोपी का नाम दर्ज हो चुका है। पीड़ित ने जब किसान सम्मान निधि के कागज तैयार कराए, तभी धोखाधड़ी का खुलासा हुआ। अनुसूचित जाति का प्रमाण होने के बावजूद नियम विरुद्ध तरीके से बैनामा कराया।
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आरोप है कि जब उसने आरोपी, उसके पिता और गांव के एक अन्य व्यक्ति से बात की तो उन्होंने गाली-गलौज करते हुए जातिसूचक शब्दों का प्रयोग कर अपमानित किया। बुजुर्ग पीड़ित अब न्याय की तलाश में अधिकारियों के चक्कर काटने को मजबूर है। उसने भूमि वापस दिलाने और आरोपियों पर कार्रवाई की मांग की है।