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Pilibhit News: छींटाकशी और रात के सफर ने बढ़ाईं दिक्कतें लेकिन नहीं ठिठके कदम
संवाद न्यूज एजेंसी, पीलीभीत
Updated Wed, 12 Nov 2025 11:54 PM IST
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पीलीभीत। चुनौतियों को मात देकर महिलाएं अब रोडवेज बस संचालन में भी अपनी अहम भूमिका निभा रही है। बातचीत के दौरान महिला परिचालकों ने कहा कि यात्रियों की छींटाकशी और रात के सफर ने मुश्किलें तो बढ़ाई लेकिन अब आदत में आने पर बदलाव हुआ है। चौराहों पर निजी वाहन चालकों की मनमर्जी ने भी कार्य करने के दौरान उन्हें चुनौतियां दीं।
महिला सशक्तीकरण को लेकर शासन स्तर से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। महिलाओं को भी उन सभी विभागाें में कार्य करने का अवसर दिया जा रहा है जिनमें अब-तक महज पुरुष ही कार्य कर रहे थे। इसी क्रम अब रोडवेज बसों में महिलाओं को परिचालक का कार्य सौंपा है। इसमें भी महिलाएं अपनी भागीदार निभा रही हैं। दो माह पूर्व तक रोडवेज बसों में करीब 185 चालक और 216 परिचालक कार्यरत थे। इसमें सभी पुरुष थे लेकिन हाल ही में भर्ती प्रक्रिया को पूरी कर पीलीभीत डिपो में 30 महिलाएं भी परिचालक के रूप में जिम्मेदार निभाने सड़कों पर उतरी हैं। चुनौतियों के आगे महिला परिचालक रोडवेज डिपो की बसों में अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभा रही हैं।
महिला परिचालकों का कहना था कि रात के समय में होने वाली चुनौतियों को अब काम के साथ ढाल लिया है। चौराहे पर निजी चालकों का हस्तक्षेप भी उनके लिए एक बढ़ी चुनौती बनकर खड़ा हुआ है। इसके बाद भी पुरुषों के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही हैं।
कई साल से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। नौकरी मिली नहीं तो रोडवेज बस में निकली भर्ती में आवेदन किया। रात के समय की ड्यूटी पहले थोड़ी कठिन लगी लेकिन अब आदत में आ गई है। - मनीषा मौर्या।
रोडवेज में परिचालक की नौकरी लगने पर पहले कुछ अलग सा महसूस हुआ लेकिन अब काम के आगे इसको लेकर झिझक नहीं हो रही है। संचालन के दौरान रुपयों को लेकर यात्रियों से नोकझोंक और अन्य समस्याएं भी आईं। अब किसी तरह की दिक्कत नहीं है।-राखी।
महिलाएं अब किसी काम में कम नहीं हैं। वह घरेलू कार्य से लेकर अन्य कार्याें को बखूबी निभा रहीं है। चौराहों पर यात्रियों को बस पर बैठाना किसी निजी वाहनों चालकों के आगे काफी चुनौतीपूर्ण है। - नेहा।
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महिला सशक्तीकरण को लेकर शासन स्तर से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। महिलाओं को भी उन सभी विभागाें में कार्य करने का अवसर दिया जा रहा है जिनमें अब-तक महज पुरुष ही कार्य कर रहे थे। इसी क्रम अब रोडवेज बसों में महिलाओं को परिचालक का कार्य सौंपा है। इसमें भी महिलाएं अपनी भागीदार निभा रही हैं। दो माह पूर्व तक रोडवेज बसों में करीब 185 चालक और 216 परिचालक कार्यरत थे। इसमें सभी पुरुष थे लेकिन हाल ही में भर्ती प्रक्रिया को पूरी कर पीलीभीत डिपो में 30 महिलाएं भी परिचालक के रूप में जिम्मेदार निभाने सड़कों पर उतरी हैं। चुनौतियों के आगे महिला परिचालक रोडवेज डिपो की बसों में अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभा रही हैं।
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महिला परिचालकों का कहना था कि रात के समय में होने वाली चुनौतियों को अब काम के साथ ढाल लिया है। चौराहे पर निजी चालकों का हस्तक्षेप भी उनके लिए एक बढ़ी चुनौती बनकर खड़ा हुआ है। इसके बाद भी पुरुषों के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही हैं।
कई साल से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। नौकरी मिली नहीं तो रोडवेज बस में निकली भर्ती में आवेदन किया। रात के समय की ड्यूटी पहले थोड़ी कठिन लगी लेकिन अब आदत में आ गई है। - मनीषा मौर्या।
रोडवेज में परिचालक की नौकरी लगने पर पहले कुछ अलग सा महसूस हुआ लेकिन अब काम के आगे इसको लेकर झिझक नहीं हो रही है। संचालन के दौरान रुपयों को लेकर यात्रियों से नोकझोंक और अन्य समस्याएं भी आईं। अब किसी तरह की दिक्कत नहीं है।-राखी।
महिलाएं अब किसी काम में कम नहीं हैं। वह घरेलू कार्य से लेकर अन्य कार्याें को बखूबी निभा रहीं है। चौराहों पर यात्रियों को बस पर बैठाना किसी निजी वाहनों चालकों के आगे काफी चुनौतीपूर्ण है। - नेहा।