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Pilibhit News: मानकों की अनदेखी कर दौड़ रहीं स्लीपर बसें, हादसों का बना खतरा
संवाद न्यूज एजेंसी, पीलीभीत
Updated Sun, 30 Nov 2025 11:12 PM IST
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नियम विरूद्ध तरह से स्लीपर बस में बनाई गई गैलरी। संवाद
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पीलीभीत। जिले से कई शहरों के लिए मानक विहीन स्लीपर बसों का संचालन किया जा रहा है। इनसे आए दिन हादसे भी हो रहे हैं। इसके बाद इनका संचालन बंद नहीं हो पा रहा है। नियमों की अनदेखी के चलते रात के अंधेरे में इन बसों का संचालन किया जा रहा है। इसको लेकर अब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने हस्तक्षेप कर प्रदेश के मुख्य सचिव को निर्देश जारी कर ऐसी बसों का संचालन बंद कराने को कहा है।
जिले से दिल्ली, जयपुर, गुडगांव, पानीपत सहित अन्य बड़े शहरों के लिए स्लीपर बसों का संचालन किया जा रहा है। इन बसों में मानकों की अनदेखी की जाती है। इससे लगातार हादसे भी हो रहे हैं। हाल ही में जयपुर जाने वाली बस हाईटेंशन लाइन की चपेट में आ गई। इस बस में सवार तीन लोगों की मौत हो गई। बसों में क्षमता से अधिक यात्रियों को बैठाया जा रहा है। अधिक यात्रियों को बैठाने को लेकर इसमें अलग सीटें लगाई जा रही हैं। दो लोगों की केबिन में चार लोगों को बैठाया जा रहा है। लगातार कार्रवाई होने के बाद भी इनका संचालन किया जा रहा है। इसके बाद भी इन पर अंकुश नहीं लग पा रहा है।
टिकट बुकिंग के लिए खोले गए कार्यालय, मिल रही कमीशन
-इन बसों का संचालन कराए जाने के लिए लंबे पैमाने पर खेल किया जा रहा है। शहर, बीसलपुर, पूरनपुर, अमरिया, बरखेड़ा, जहानाबाद सहित अन्य जगहों पर इनके कार्यालय खेले गए हैं। यहां टिकट बुकिंग करने वाले एजेंटों को मोटा कमीशन दिया जा रहा है।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सदस्य ने जारी किए निर्देश
-राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सदस्य प्रियांक कानूनगो ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को निर्देश जारी किए है। इसमें कहा गया है कि स्लीपर बसों से आए दिन हादसे हो रहे हैं। यह यात्रियों के जीवन में खतरा डाल रहे है। इन बसों को पूरी तरह से हटाया जाए।
स्लीपर बसों को लेकर लगातार कार्रवाई की जा रही है। शासन से इसको लेकर जो भी निर्देश जारी हो रहे हैं। उसका पालन कराया जा रहा है।- वीरेंद्र सिंह, एआरटीओ।
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जिले से दिल्ली, जयपुर, गुडगांव, पानीपत सहित अन्य बड़े शहरों के लिए स्लीपर बसों का संचालन किया जा रहा है। इन बसों में मानकों की अनदेखी की जाती है। इससे लगातार हादसे भी हो रहे हैं। हाल ही में जयपुर जाने वाली बस हाईटेंशन लाइन की चपेट में आ गई। इस बस में सवार तीन लोगों की मौत हो गई। बसों में क्षमता से अधिक यात्रियों को बैठाया जा रहा है। अधिक यात्रियों को बैठाने को लेकर इसमें अलग सीटें लगाई जा रही हैं। दो लोगों की केबिन में चार लोगों को बैठाया जा रहा है। लगातार कार्रवाई होने के बाद भी इनका संचालन किया जा रहा है। इसके बाद भी इन पर अंकुश नहीं लग पा रहा है।
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टिकट बुकिंग के लिए खोले गए कार्यालय, मिल रही कमीशन
-इन बसों का संचालन कराए जाने के लिए लंबे पैमाने पर खेल किया जा रहा है। शहर, बीसलपुर, पूरनपुर, अमरिया, बरखेड़ा, जहानाबाद सहित अन्य जगहों पर इनके कार्यालय खेले गए हैं। यहां टिकट बुकिंग करने वाले एजेंटों को मोटा कमीशन दिया जा रहा है।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सदस्य ने जारी किए निर्देश
-राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सदस्य प्रियांक कानूनगो ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को निर्देश जारी किए है। इसमें कहा गया है कि स्लीपर बसों से आए दिन हादसे हो रहे हैं। यह यात्रियों के जीवन में खतरा डाल रहे है। इन बसों को पूरी तरह से हटाया जाए।
स्लीपर बसों को लेकर लगातार कार्रवाई की जा रही है। शासन से इसको लेकर जो भी निर्देश जारी हो रहे हैं। उसका पालन कराया जा रहा है।- वीरेंद्र सिंह, एआरटीओ।

नियम विरूद्ध तरह से स्लीपर बस में बनाई गई गैलरी। संवाद