{"_id":"6914e91d90d9e0d5390ec354","slug":"25-crore-rupees-were-collected-every-month-from-overloaded-vehicles-raebareli-news-c-101-1-slko1031-144736-2025-11-13","type":"story","status":"publish","title_hn":"Raebareli News: ओवरलोड वाहनों से हर माह वसूलते थे 2.5 करोड़","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Raebareli News: ओवरलोड वाहनों से हर माह वसूलते थे 2.5 करोड़
संवाद न्यूज एजेंसी, रायबरेली
Updated Thu, 13 Nov 2025 01:37 AM IST
विज्ञापन
विज्ञापन
रायबरेली। ओवरलोड वाहनों से अवैध वसूली का जिन्न बाहर आया तो परिवहन विभाग के अफसरों की करतूत सामने आ गई। जिस तरह मामले का खुलासा हुआ, उससे पता चला है कि अवैध वसूली के जरिये प्रतिमाह करीब 2.5 करोड़ रुपये का वारा न्यारा होता था। यूपी एसटीएफ की ओर से दर्ज एफआईआर में बताया गया है कि 141 वाहनों से प्रतिमाह वसूली होती थी। एक वाहन से 10 हजार रुपये वसूली की जाती थी।
ऐसे में रायबरेली और फतेहपुर जिले के अधिकारियों, कर्मचारियों की ओर से 14 लाख 10 हजार रुपये सीधे तौर पर वसूले जाते थे। सूत्रों के मुताबिक दोनों जिलों के बीच विभिन्न मार्गों से होकर ढाई हजार ओवरलोड वाहनों का संचालन होता है। इसे जोड़ा जाए तो 2.5 करोड़ रुपये हर माह वसूली होती थी।
एसटीएफ की पूछताछ में आरोपी मोहित सिंह ने स्वीकार भी किया है कि वह दो साल से इस कार्य में लिप्त था। ऐसे में जाहिर है कि दोनों जिलों के अधिकारी व कर्मचारी इतने लंबे समय से ओवरलोड वाहनों से अवैध वसूली करते थे। बताया जा रहा है कि अवैध वसूली की शिकायत काफी दिनों से उच्चाधिकारियों तक पहुंच रही थी। उच्चाधिकारियों के निर्देश पर अचानक एसटीएफ ने कार्रवाई की।
एसटीएफ की कार्रवाई के बाद पुलिस व अफसर भी हलाकान रहे। वह भी कुछ बताने में असमर्थता जताते नजर आए। रायबरेली और फतेहपुर जिलों की सीमा जुड़ी हैं। बांदा से मौरंग, गिट्टी लदे ओवरलोड वाहन पहले फतेहपुर और फिर रायबरेली तक पहुंचते हैं। रायबरेली होते हुए मौरंग, गिट्टी लदे वाहन गोरखपुर, प्रयागराज तक जाते हैं। बड़े पैमाने पर वाहनों की आवाजाही की वजह से अवैध वसूली हो रही थी।
विभागीय अधिकारियों से लेकर कर्मचारी व इस गिरोह से जुड़े लोग मालामाल हो रहे थे। गिरोह से जुड़े लोग अधिकारियों को व्हाट्सअप के जरिये ओवरलोड वाहनों की सूची भेजते थे। इससे वाहन आसानी से आते-जाते थे। हर महीने की एक से 10 तारीख के बीच गिरोह से जुड़े लोग भुगतान वसूलते थे और फिर रुपये को कर्मचारियों की मदद से अधिकारियों तक पहुंचाते थे।
डलमऊ गंगा पुल से ओवरलोड वाहनों का आवागमन रोका
गेगासों गंगा पुल क्षतिग्रस्त है। इससे भारी वाहनों का आवागमन डलमऊ गंगा पुल से होकर हो रहा है। लोक निर्माण विभाग ने विभागीय अधिकारियों को पत्र लिखकर अवगत कराया था कि डलमऊ गंगा पुल से भारी वाहनों का प्रवेश बंद किया जाए। यदि ऐसा नहीं होता है तो पुल क्षतिग्रस्त हो जाएगा।
दोनों जिलों के अधिकारियों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। सूत्रों का कहना है कि यह मामला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंच गया था। सीएम ने इस प्रकरण को संज्ञान में लिया तो एसटीएफ ने कार्रवाई की। एसटीएफ की कार्रवाई के बाद बुधवार शाम से डलमऊ गंगा पुल से होकर ओवरलोड वाहनों का आवागमन रोक दिया गया। संवाद न्यूज एजेंसी ने डलमऊ पुल के टूटने का खतरा शीर्षक से 12 नवंबर को खबर भी प्रकाशित किया।
अधिकारियों व कर्मचारियों पर लटकी निलंबन की तलवार
रायबरेली। अवैध वसूली के मामले में परिवहन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों पर निलंबन की कार्रवाई की तलवार लटक रही है। कहा जा रहा है कि रायबरेली और फतेहपुर के अधिकारियों और कर्मचारियों को निलंबित किया जाएगा। उनकी विभागीय जांच कराई जाएगी। अवैध वसूली से अर्जित की गई संपत्ति का ब्योरा भी एसटीएफ जुटा रही है। यदि बड़े पैमाने पर संपत्ति मिली तो उसे भी जब्त करने की कार्रवाई हो सकती है। एफआईआर दर्ज होने के बाद अवैध वसूली से जुड़े दो आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है। माना जा रहा है कि जिस तरह अवैध वसूली का जिन्न बाहर आया है। उससे दोनों जिलों के अधिकारियों और कर्मचारियों की भी जल्द गिरफ्तारी हो सकती है।
Trending Videos
ऐसे में रायबरेली और फतेहपुर जिले के अधिकारियों, कर्मचारियों की ओर से 14 लाख 10 हजार रुपये सीधे तौर पर वसूले जाते थे। सूत्रों के मुताबिक दोनों जिलों के बीच विभिन्न मार्गों से होकर ढाई हजार ओवरलोड वाहनों का संचालन होता है। इसे जोड़ा जाए तो 2.5 करोड़ रुपये हर माह वसूली होती थी।
विज्ञापन
विज्ञापन
एसटीएफ की पूछताछ में आरोपी मोहित सिंह ने स्वीकार भी किया है कि वह दो साल से इस कार्य में लिप्त था। ऐसे में जाहिर है कि दोनों जिलों के अधिकारी व कर्मचारी इतने लंबे समय से ओवरलोड वाहनों से अवैध वसूली करते थे। बताया जा रहा है कि अवैध वसूली की शिकायत काफी दिनों से उच्चाधिकारियों तक पहुंच रही थी। उच्चाधिकारियों के निर्देश पर अचानक एसटीएफ ने कार्रवाई की।
एसटीएफ की कार्रवाई के बाद पुलिस व अफसर भी हलाकान रहे। वह भी कुछ बताने में असमर्थता जताते नजर आए। रायबरेली और फतेहपुर जिलों की सीमा जुड़ी हैं। बांदा से मौरंग, गिट्टी लदे ओवरलोड वाहन पहले फतेहपुर और फिर रायबरेली तक पहुंचते हैं। रायबरेली होते हुए मौरंग, गिट्टी लदे वाहन गोरखपुर, प्रयागराज तक जाते हैं। बड़े पैमाने पर वाहनों की आवाजाही की वजह से अवैध वसूली हो रही थी।
विभागीय अधिकारियों से लेकर कर्मचारी व इस गिरोह से जुड़े लोग मालामाल हो रहे थे। गिरोह से जुड़े लोग अधिकारियों को व्हाट्सअप के जरिये ओवरलोड वाहनों की सूची भेजते थे। इससे वाहन आसानी से आते-जाते थे। हर महीने की एक से 10 तारीख के बीच गिरोह से जुड़े लोग भुगतान वसूलते थे और फिर रुपये को कर्मचारियों की मदद से अधिकारियों तक पहुंचाते थे।
डलमऊ गंगा पुल से ओवरलोड वाहनों का आवागमन रोका
गेगासों गंगा पुल क्षतिग्रस्त है। इससे भारी वाहनों का आवागमन डलमऊ गंगा पुल से होकर हो रहा है। लोक निर्माण विभाग ने विभागीय अधिकारियों को पत्र लिखकर अवगत कराया था कि डलमऊ गंगा पुल से भारी वाहनों का प्रवेश बंद किया जाए। यदि ऐसा नहीं होता है तो पुल क्षतिग्रस्त हो जाएगा।
दोनों जिलों के अधिकारियों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। सूत्रों का कहना है कि यह मामला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंच गया था। सीएम ने इस प्रकरण को संज्ञान में लिया तो एसटीएफ ने कार्रवाई की। एसटीएफ की कार्रवाई के बाद बुधवार शाम से डलमऊ गंगा पुल से होकर ओवरलोड वाहनों का आवागमन रोक दिया गया। संवाद न्यूज एजेंसी ने डलमऊ पुल के टूटने का खतरा शीर्षक से 12 नवंबर को खबर भी प्रकाशित किया।
अधिकारियों व कर्मचारियों पर लटकी निलंबन की तलवार
रायबरेली। अवैध वसूली के मामले में परिवहन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों पर निलंबन की कार्रवाई की तलवार लटक रही है। कहा जा रहा है कि रायबरेली और फतेहपुर के अधिकारियों और कर्मचारियों को निलंबित किया जाएगा। उनकी विभागीय जांच कराई जाएगी। अवैध वसूली से अर्जित की गई संपत्ति का ब्योरा भी एसटीएफ जुटा रही है। यदि बड़े पैमाने पर संपत्ति मिली तो उसे भी जब्त करने की कार्रवाई हो सकती है। एफआईआर दर्ज होने के बाद अवैध वसूली से जुड़े दो आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है। माना जा रहा है कि जिस तरह अवैध वसूली का जिन्न बाहर आया है। उससे दोनों जिलों के अधिकारियों और कर्मचारियों की भी जल्द गिरफ्तारी हो सकती है।