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UP News: गरीब मुक्त 'गुडूर' में गरीबी रेखा के नीचे 253 कुटुंब, अमेठी में कागजी आंकड़ेबाजी से हो रही किरकिरी

अमर उजाला नेटवर्क, रायबरेली Published by: भूपेन्द्र सिंह Updated Fri, 12 Dec 2025 04:57 PM IST
सार

अमेठी में गरीब मुक्त 'गुडूर' गांव में गरीबी रेखा के नीचे 253 कुटुंब जीवनयापन कर रहे हैं। पंचायती राज विभाग की हवाई आंकड़ेबाजी से सरकार की किरकिरी हो रही है। गांव में स्वास्थ्य सुविधाएं हैं, न बरातघर। कागजों पर सब बेहतर है। आगे पढ़ें पूरा मामला...

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253 families below poverty line in poverty-free Gudur paperwork causing embarrassment in Amethi
खपरैल के घरों में दिन काट रहे ग्रामीण। - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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विस्तार
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अमेठी में पंचायती राज विभाग ने अपने पोर्टल पर गौरीगंज ब्लॉक के गुडूर गांव को गरीब मुक्त दिखा तो दिया, लेकिन हकीकत इसके ठीक उल्टा है। इस गांव में 253 परिवार गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन कर रहे हैं। इनमें से 39 अंत्योदय कार्डधारक हैं। 210 ग्रामीणों का मनरेगा जॉब कार्ड बना हुआ है। गांव में 1155 मतदाता हैं। कुल आबादी 2200 है। इस गांव के लोग कई जरूरी सुविधाओं से अब तक वंचित हैं। यहां एक्सपोजर विजिट के लिए दूसरी ग्राम पंचायतों के प्रधान आते हैं तो स्थिति बड़ी हास्यास्पद हो जाएगी।

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पंचायती राज विभाग की हवाई आंकड़ेबाजी की पोल सबसे पहले खाद्य आपूर्ति विभाग ने खोल दी है। इसके अलावा गांव जाकर जब पड़ताल की गई तो ग्रामीण खुलकर अपनी पीड़ा बताने लगे। वृद्धा पूर्विन देवी ने बताया कि उनके पास आवास नहीं है। 14 लोगों का गुजारा मेहनत मजदूरी से मिलने वाले धनराशि व अंत्योदय कार्ड से मिलने वाले राशन से हो रहा है। 

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मजदूरी करके दो जून की रोटी का जुगाड़ कर रहे

बिट्टन देवी बोलीं, कच्चा मकान है। मेहनत मजदूरी करते हैं तो किसी तरह घर चलता है। पात्र गृहस्थी राशन कार्ड से राशन न मिले तो समस्या और बढ़ जाए। राम मिलन ने बताया कि उनका कच्चा मकान गिर गया है। जमीन नहीं है। अंत्योदय राशन कार्ड और मजदूरी कर दो जून की रोटी का जुगाड़ कर रहे हैं।


सामान्य तौर पर एक गांव तब विकसित या समृद्ध कहा जाता है, जब वहां स्वास्थ्य सुविधाएं मिलती हों। बरातघर हो। गुडूर में आयुष्मान आरोग्य मंदिर, आंगनबाड़ी केंद्र और बरातघर नहीं है। प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय हैं, लेकिन उच्च प्राथमिक विद्यालय का भवन जर्जर हो गया है।

195 आवास की सूची भेजी गई है

ग्राम प्रधान प्रतिनिधि राजकुमार के अनुसार, गांव के गरीब मुक्त होने के बारे में उन्हें जानकारी नहीं थी। मौजूदा समय में गांव में 214 पात्र गृहस्थी, 39 अंत्योदय कार्डधारक हैं। गांव में पिछले वर्ष 131 आवास मिले थे। इसमें सभी आवास पूर्ण हो गए है। इस बार 195 आवास की सूची भेजी गई है।

सूर्य प्रताप सिंह, जिला परियोजना प्रबंधक, पंचायती राज विभाग ने बताया कि विभाग के पाई एप पर नौ बिंदुओं पर सूचना अपडेट की जाती है। इन्हीं बिंदुओं के आधार पर विकास कार्य कराए जाते हैं। कोई गांव गरीब मुक्त घोषित नहीं किया गया है। गुडूर गांव में विकास कार्यों की सूचना गलत भरी गई है तो संबंधित सचिव उसे संशोधित कर सकते हैं।

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