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Raebareli News: संविदाकर्मियों की होगी छंटनी, विकल्प तैयार नहीं
संवाद न्यूज एजेंसी, रायबरेली
Updated Fri, 09 May 2025 12:50 AM IST
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रायबरेली। बिजली विभाग में संविदाकर्मियों को हटाने की तैयारी शुरू हो गई है। हालांकि अभियंताओं के पास बिजली व्यवस्था संभालने का विकल्प नहीं है। ऐसे में मांग बढ़ने पर बिजली आपूर्ति व्यवस्था चरमराना तय है। इस पर न तो प्रबंधन ध्यान दे रहा है और न ही अभियंता।
पाॅवर कॉर्पोरेशन में बिजली व्यवस्था संभालने के लिए पहले लाइनमैन, कुली व बेलदार के पद होते थे। इन पदों को खत्म करके संविदाकर्मी रखे गए हैं। अब इनकी भी छंटनी की तैयारी है। करीब 40 प्रतिशत संविदाकर्मियों की छुट्टी की जाएगी। हालांकि उपकेंद्रों के संचालन और लाइन अनुरक्षण का काम इन्हीं संविदाकर्मियों के भरोसे है।
जिले के 54 उपकेंद्रों में एक हजार संविदा कर्मचारी हैं। अब यदि इन कर्मियों की छंटनी हुई, तो बिजली व्यवस्था सुचारू रूप से कैसे चल पाएगी, इसका जवाब किसी जिम्मेदार के पास नहीं है।
नहीं संभल पाएगी बिजली व्यवस्था
संविदाकर्मियाें की छंटनी हुई, तो बिजली आपूर्ति व्यवस्था संभालना मुश्किल होगा। बिजली व्यवस्था सुधार के लिए कई योजनाएं चल रही हैं, इसके बावजूद सुधार नहीं हो रहा है। जिस तरह पहले सरकारी पद खत्म किए गए थे। अब छंटनी हो रही है। इससे कहीं-कहीं बिजली व्यवस्था निजी हाथों में सौंपने की तैयारी चल रही है।
कर्मियों की छंटनी के पीछे प्रबंधन की क्या मंशा है। इसकी जानकारी नहीं है। समिति कर्मियों से बेहतर बिजली आपूर्ति के प्रयास किए जाएंगे।
- मुकेश कुमार, अधीक्षण अभियंता, विद्युत वितरण मंडल-द्वितीय
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पाॅवर कॉर्पोरेशन में बिजली व्यवस्था संभालने के लिए पहले लाइनमैन, कुली व बेलदार के पद होते थे। इन पदों को खत्म करके संविदाकर्मी रखे गए हैं। अब इनकी भी छंटनी की तैयारी है। करीब 40 प्रतिशत संविदाकर्मियों की छुट्टी की जाएगी। हालांकि उपकेंद्रों के संचालन और लाइन अनुरक्षण का काम इन्हीं संविदाकर्मियों के भरोसे है।
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जिले के 54 उपकेंद्रों में एक हजार संविदा कर्मचारी हैं। अब यदि इन कर्मियों की छंटनी हुई, तो बिजली व्यवस्था सुचारू रूप से कैसे चल पाएगी, इसका जवाब किसी जिम्मेदार के पास नहीं है।
नहीं संभल पाएगी बिजली व्यवस्था
संविदाकर्मियाें की छंटनी हुई, तो बिजली आपूर्ति व्यवस्था संभालना मुश्किल होगा। बिजली व्यवस्था सुधार के लिए कई योजनाएं चल रही हैं, इसके बावजूद सुधार नहीं हो रहा है। जिस तरह पहले सरकारी पद खत्म किए गए थे। अब छंटनी हो रही है। इससे कहीं-कहीं बिजली व्यवस्था निजी हाथों में सौंपने की तैयारी चल रही है।
कर्मियों की छंटनी के पीछे प्रबंधन की क्या मंशा है। इसकी जानकारी नहीं है। समिति कर्मियों से बेहतर बिजली आपूर्ति के प्रयास किए जाएंगे।
- मुकेश कुमार, अधीक्षण अभियंता, विद्युत वितरण मंडल-द्वितीय