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Raebareli News: धूप से राहत नहीं, सुन्न हो रहे हाथ-पैर
संवाद न्यूज एजेंसी, रायबरेली
Updated Tue, 30 Dec 2025 01:17 AM IST
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मुंशीगंज के पास कोहरा से होकर निकलते वाहन।
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रायबरेली। जिले में पिछले साल के मुकाबले दिसंबर में अधिक सर्दी पड़ रही है। यही वजह है कि 11 दिन से कोहरा व धुंध छाई है। लोग शाम होते ही घरों में दुबकने को मजबूर हैं। सर्दी का सितम मवेशियों पर भी भारी पड़ रहा है। मौसम विभाग के मुताबिक पिछले 15 सालों में इस साल दिसंबर में अधिकतम तापमान सबसे कम है। इस कारण भीषण सर्दी पड़ रही है।
दिल्ली जैसी सर्दी, इस बार दिसंबर में पड़ रही है। लोग ठंड से परेशान हो चुके हैं, जिंदगी की रफ्तार को ब्रेक सा लग गया है। सुबह से लेकर रात तक सर्दी का सितम बना रहता है। कामगार लोगों को सर्दी अधिक होने के कारण काम नहीं मिल रहा है। अधिकतर निर्माण कार्य बंद चल रहे हैं। इसका सीधा असर रोज खाने कमाने वाले लोगों की जिंदगी पर पड़ रहा है। सड़कों पर यातायात की चाल धीमी है और बाजारों में भी चहलपहल कम है।
सोमवार सुबह शुष्क सर्द हवा का जोर रहा तो साथ ही धुंध छाई रही। गलन इतनी रही कि हाथ पैर सुन्न हो गए। दोपहर में हल्की धूप निकली, लेकिन गलन बहुत अधिक होने से राहत नहीं मिली।
शाम होते ही धुंध छा गई और सर्दी से लोग परेशान रहे। सोमवार को अधिकतम तापमान 17 डिग्री और न्यूनतम तापमान 11 डिग्री रहा। इंदिरा गांधी उड़ान अकादमी फुरसतगंज के मौसम विशेषज्ञ दीतेंद्र सिंह ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ कारगर होने के साथ पहाड़ों पर बर्फबारी हो रही है, इस कारण सर्दी अधिक हो रही है।
अलाव जलाने के नाम पर खानापूर्ति
डलमऊ। लगातार पड़ रही ठंड के बाद भी अलाव जलाने के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है। शरीर को भीतर तक कंपा देने वाली इस ठंड में इंसानों के साथ जानवर भी कांपते नजर आ रहे हैं। डलमऊ तहसील परिसर में कंबल लेने पहुंची महिलाएं क्षेत्रीय लेखपालों का इंतजार करती नजर आईं। जिम्मेदारों की हीलाहवाली के कारण डलमऊ कस्बा सहित ग्रामीण क्षेत्रों के चिह्नित स्थानों पर अलाव सुलगते नहीं दिखे। नगर पंचायत अध्यक्ष डलमऊ ब्रजेश दत्त गौड़ ने बताया कि चिह्नित स्थानों पर अलाव जलवाया गया है। जिन स्थानों पर लकड़ियां खत्म हो गई हैं, वहां लकड़ी भेजी जा रही हैं।
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दिल्ली जैसी सर्दी, इस बार दिसंबर में पड़ रही है। लोग ठंड से परेशान हो चुके हैं, जिंदगी की रफ्तार को ब्रेक सा लग गया है। सुबह से लेकर रात तक सर्दी का सितम बना रहता है। कामगार लोगों को सर्दी अधिक होने के कारण काम नहीं मिल रहा है। अधिकतर निर्माण कार्य बंद चल रहे हैं। इसका सीधा असर रोज खाने कमाने वाले लोगों की जिंदगी पर पड़ रहा है। सड़कों पर यातायात की चाल धीमी है और बाजारों में भी चहलपहल कम है।
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सोमवार सुबह शुष्क सर्द हवा का जोर रहा तो साथ ही धुंध छाई रही। गलन इतनी रही कि हाथ पैर सुन्न हो गए। दोपहर में हल्की धूप निकली, लेकिन गलन बहुत अधिक होने से राहत नहीं मिली।
शाम होते ही धुंध छा गई और सर्दी से लोग परेशान रहे। सोमवार को अधिकतम तापमान 17 डिग्री और न्यूनतम तापमान 11 डिग्री रहा। इंदिरा गांधी उड़ान अकादमी फुरसतगंज के मौसम विशेषज्ञ दीतेंद्र सिंह ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ कारगर होने के साथ पहाड़ों पर बर्फबारी हो रही है, इस कारण सर्दी अधिक हो रही है।
अलाव जलाने के नाम पर खानापूर्ति
डलमऊ। लगातार पड़ रही ठंड के बाद भी अलाव जलाने के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है। शरीर को भीतर तक कंपा देने वाली इस ठंड में इंसानों के साथ जानवर भी कांपते नजर आ रहे हैं। डलमऊ तहसील परिसर में कंबल लेने पहुंची महिलाएं क्षेत्रीय लेखपालों का इंतजार करती नजर आईं। जिम्मेदारों की हीलाहवाली के कारण डलमऊ कस्बा सहित ग्रामीण क्षेत्रों के चिह्नित स्थानों पर अलाव सुलगते नहीं दिखे। नगर पंचायत अध्यक्ष डलमऊ ब्रजेश दत्त गौड़ ने बताया कि चिह्नित स्थानों पर अलाव जलवाया गया है। जिन स्थानों पर लकड़ियां खत्म हो गई हैं, वहां लकड़ी भेजी जा रही हैं।
