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Raebareli News: जिम्मेदारों पर कार्रवाई कब, उठ रहे सवाल
संवाद न्यूज एजेंसी, रायबरेली
Updated Fri, 09 May 2025 12:18 AM IST
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रायबरेली। सलोन ब्लॉक क्षेत्र के सिरसिरा में निर्माणाधीन 400 केवी ट्रांसमिशन में आग लगने के मामले में भले ही तीन अभियंताओं को निलंबित किया जा चुका है, लेकिन जिम्मेदारों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इस पर अब सवाल उठ रहे हैं। निर्माण कराने वाली एजेंसी को एक साल पहले डिबार किया गया। उसके बाद दूसरी एजेंसी क्यों नहीं नामित की गई। यह भी बड़ा सवाल है।
सिरसिरा में जिले के सबसे बड़े ट्रांसमिशन निर्माण का प्रस्ताव वर्ष 2016 में पास हुआ था। जमीन खोजने समेत अन्य औपचारिकताएं पूरी कराने में तीन साल बीत गए। मई 2019 में निर्माण के लिए बीजीआर एनर्जी सिस्टम लिमिटेड को जिम्मेदारी सौंपी गई। एजेंसी को नवंबर 2021 में काम पूरा करना था, लेकिन 2024 तक काम पूरा नहीं हो पाया। ऐसे में जनवरी 2024 में एजेंसी को डिबार कर दिया गया। इसके बाद दूसरी एजेंसी नामित नहीं की गई।
बीजीआर को जो करोड़ों का सामान दिया गया था, वह सिरसिरा ट्रांसमिशन में रखा था। अफसरों को दूसरी एजेंसी तलाश करने में एक साल बीत गया, लेकिन एजेंसी नामित नहीं कर पाए। 22 मार्च 2025 को सिरसिरा ट्रांसमिशन में आग लगने से 10 करोड़ से ज्यादा का सामान जल गया। इस मामले में जिले में तैनात एक्सईएन, एसडीओ और जेई को 11 अप्रैल 2025 को निलंबित कर दिया गया। खास बात यह है कि जिन अफसरों पर दूसरी एजेंसी नामित करने की जिम्मेदारी थी, उन पर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई।
मामले की हो निष्पक्ष जांच, दोषियों पर हो कार्रवाई
रायबरेली। ट्रांसमिशन निर्माण में अफसरों की लापरवाही सामने आई है। यही वजह है यह ट्रांसमिशन अब तक अधर में लटका है। गोरखपुर के राप्तीनगर निवासी समाजसेवी व आरटीआई कार्यकर्ता संजय मिश्रा ने बताया कि बीजीआर एनर्जी सिस्टम लिमिटेड को जनवरी 2024 में कार्य से टर्मिनेट किया गया। अब तक उपरोक्त कार्य का दूसरा टेंडर ही नहीं हुआ।
टर्मिनेशन के उपरांत न वहां रखे उपकरणों का इंश्योरेंस हुआ। अगस्त 2024 तक 160 करोड़ रुपये के सापेक्ष 36 करोड़ रुपये ब्याज में दिए जा चुके हैं। अब यह 50 करोड़ रुपये हो गए है। प्रधानमंत्री के साथ विभाग के अधिकारियों को भी बीजीआर एनर्जी सिस्टम लिमिटेड के घालमेल की जानकारी दी गई। इस पर समिति का गठन किया गया और जांच के बाद बीजीआर एनर्जी सिस्टम लिमिटेड कंपनी को तीन वर्ष के लिए निलंबित कर दिया गया। साथ ही कंपन को पूरे देश में ब्लैक लिस्टेड करने के लिए कहा गया। इसके बावजूद मामले में विभागीय स्तर पर लापरवाही हुई।
मुख्यालय स्तर से होना था टेंडर
सिरसिरा में निर्माण करा रही एजेंसी बीजीआर को डिबार मुख्यालय स्तर से किया गया था। वहीं से दूसरा टेंडर भी किया जाना था, लेकिन अब तक दूसरा टेंडर क्यों नहीं हो सका। इसकी जानकारी नहीं है।
- राजकुमार, अधीक्षण अभियंता, विद्युत पारेषण मंडल द्वितीय
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सिरसिरा में जिले के सबसे बड़े ट्रांसमिशन निर्माण का प्रस्ताव वर्ष 2016 में पास हुआ था। जमीन खोजने समेत अन्य औपचारिकताएं पूरी कराने में तीन साल बीत गए। मई 2019 में निर्माण के लिए बीजीआर एनर्जी सिस्टम लिमिटेड को जिम्मेदारी सौंपी गई। एजेंसी को नवंबर 2021 में काम पूरा करना था, लेकिन 2024 तक काम पूरा नहीं हो पाया। ऐसे में जनवरी 2024 में एजेंसी को डिबार कर दिया गया। इसके बाद दूसरी एजेंसी नामित नहीं की गई।
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बीजीआर को जो करोड़ों का सामान दिया गया था, वह सिरसिरा ट्रांसमिशन में रखा था। अफसरों को दूसरी एजेंसी तलाश करने में एक साल बीत गया, लेकिन एजेंसी नामित नहीं कर पाए। 22 मार्च 2025 को सिरसिरा ट्रांसमिशन में आग लगने से 10 करोड़ से ज्यादा का सामान जल गया। इस मामले में जिले में तैनात एक्सईएन, एसडीओ और जेई को 11 अप्रैल 2025 को निलंबित कर दिया गया। खास बात यह है कि जिन अफसरों पर दूसरी एजेंसी नामित करने की जिम्मेदारी थी, उन पर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई।
मामले की हो निष्पक्ष जांच, दोषियों पर हो कार्रवाई
रायबरेली। ट्रांसमिशन निर्माण में अफसरों की लापरवाही सामने आई है। यही वजह है यह ट्रांसमिशन अब तक अधर में लटका है। गोरखपुर के राप्तीनगर निवासी समाजसेवी व आरटीआई कार्यकर्ता संजय मिश्रा ने बताया कि बीजीआर एनर्जी सिस्टम लिमिटेड को जनवरी 2024 में कार्य से टर्मिनेट किया गया। अब तक उपरोक्त कार्य का दूसरा टेंडर ही नहीं हुआ।
टर्मिनेशन के उपरांत न वहां रखे उपकरणों का इंश्योरेंस हुआ। अगस्त 2024 तक 160 करोड़ रुपये के सापेक्ष 36 करोड़ रुपये ब्याज में दिए जा चुके हैं। अब यह 50 करोड़ रुपये हो गए है। प्रधानमंत्री के साथ विभाग के अधिकारियों को भी बीजीआर एनर्जी सिस्टम लिमिटेड के घालमेल की जानकारी दी गई। इस पर समिति का गठन किया गया और जांच के बाद बीजीआर एनर्जी सिस्टम लिमिटेड कंपनी को तीन वर्ष के लिए निलंबित कर दिया गया। साथ ही कंपन को पूरे देश में ब्लैक लिस्टेड करने के लिए कहा गया। इसके बावजूद मामले में विभागीय स्तर पर लापरवाही हुई।
मुख्यालय स्तर से होना था टेंडर
सिरसिरा में निर्माण करा रही एजेंसी बीजीआर को डिबार मुख्यालय स्तर से किया गया था। वहीं से दूसरा टेंडर भी किया जाना था, लेकिन अब तक दूसरा टेंडर क्यों नहीं हो सका। इसकी जानकारी नहीं है।
- राजकुमार, अधीक्षण अभियंता, विद्युत पारेषण मंडल द्वितीय