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Rampur News: कोसी नदी के किनारे स्टोन क्रशर लगाने का ग्रामीणों ने किया विरोध
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स्वार। तहसील क्षेत्र में कोसी नदी के किनारे प्रस्तावित एवं संचालित किए जा रहे स्टोन क्रशरों के विरोध में दर्जनों गांव के सैकड़ों ग्रामीणों ने डीएम को ज्ञापन सौंपा। साथ ही इन क्रशरों पर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने, नदी की धारा बदलने सहित कई आरोप लगाए हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि आबादी क्षेत्र के समीप स्टोन क्रशर लगाए जाने से पर्यावरण, कृषि भूमि, जल स्रोतों और जनस्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम मझरा बेलवाड़ा, चौहददा, जमना-जमनी, दूंदावाला एहतमाली, भूबरा एहतमाली, मझरा ऐवज एवं जवाहरगंज टंडोला कोसी नदी के किनारे बसे बाढ़ प्रभावित गांव हैं। यहां की कृषि भूमि अत्यंत उपजाऊ है और सैकड़ों परिवारों की आजीविका इसी पर निर्भर है।
कोसी नदी क्षेत्र के लोगों के लिए जीवनरेखा मानी जाती है। ग्रामीणों का आरोप है कि नदी किनारे आबादी के पास स्टोन क्रशर लगाने की अनुमति दी जा रही है और कुछ स्थानों पर दिन-रात कार्य भी शुरू हो चुका है। इससे पहले से जारी अवैध खनन को और बढ़ावा मिलेगा, जिससे कृषि भूमि को भारी क्षति पहुंचेगी।
ग्रामीणों ने ज्ञापन में बताया कि स्टोन क्रशरों से निकलने वाली धूल, ध्वनि और रासायनिक अपशिष्ट से जल, वायु एवं ध्वनि प्रदूषण बढ़ेगा। इससे फसलों की गुणवत्ता प्रभावित होगी और ग्रामीणों, विशेषकर महिलाओं, बुजुर्गों एवं बच्चों के स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा उत्पन्न होगा।
जल स्रोतों के अत्यधिक दोहन से भूजल स्तर तेजी से गिरने की आशंका जताई गई है। ग्रामीणों ने जवाहरगंज टंडोला गांव में संकरे मार्ग से भारी वाहनों के आवागमन को भी दुर्घटनाओं का कारण बताया। उनका कहना है कि भारी डंपरों के चलने से रोजाना हादसों की आशंका बनी रहेगी और स्कूली बच्चों की आवाजाही भी प्रभावित होगी। ग्रामीणों ने मांग की है कि कोसी नदी के आसपास किसी भी नए स्टोन क्रशर या औद्योगिक इकाई को स्थापित करने की अनुमति तत्काल रोकी जाए। जहां निर्माण कार्य शुरू हो चुका है, वहां तुरंत रोक लगाकर लाइसेंस निरस्त किए जाएं। साथ ही पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से मांग की है कि जनहित में उनकी आपत्तियों को गंभीरता से लेते हुए पर्यावरण और ग्रामीणों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। डीएम को भेजे गए ज्ञापन में इंद्रजीत सिंह, दलजीत सिंह राणा, सर्वजीत सिंह, अमृतपाल सिंह, गुरमेज सिंह, तरसेम सिंह, मोहम्मद आरिफ, अजीत, कफील अहमद, फ़िरासत, इंतजार सहित सैकड़ों ग्रामीणों ने हस्ताक्षर किए।
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ग्रामीणों का कहना है कि आबादी क्षेत्र के समीप स्टोन क्रशर लगाए जाने से पर्यावरण, कृषि भूमि, जल स्रोतों और जनस्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम मझरा बेलवाड़ा, चौहददा, जमना-जमनी, दूंदावाला एहतमाली, भूबरा एहतमाली, मझरा ऐवज एवं जवाहरगंज टंडोला कोसी नदी के किनारे बसे बाढ़ प्रभावित गांव हैं। यहां की कृषि भूमि अत्यंत उपजाऊ है और सैकड़ों परिवारों की आजीविका इसी पर निर्भर है।
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कोसी नदी क्षेत्र के लोगों के लिए जीवनरेखा मानी जाती है। ग्रामीणों का आरोप है कि नदी किनारे आबादी के पास स्टोन क्रशर लगाने की अनुमति दी जा रही है और कुछ स्थानों पर दिन-रात कार्य भी शुरू हो चुका है। इससे पहले से जारी अवैध खनन को और बढ़ावा मिलेगा, जिससे कृषि भूमि को भारी क्षति पहुंचेगी।
ग्रामीणों ने ज्ञापन में बताया कि स्टोन क्रशरों से निकलने वाली धूल, ध्वनि और रासायनिक अपशिष्ट से जल, वायु एवं ध्वनि प्रदूषण बढ़ेगा। इससे फसलों की गुणवत्ता प्रभावित होगी और ग्रामीणों, विशेषकर महिलाओं, बुजुर्गों एवं बच्चों के स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा उत्पन्न होगा।
जल स्रोतों के अत्यधिक दोहन से भूजल स्तर तेजी से गिरने की आशंका जताई गई है। ग्रामीणों ने जवाहरगंज टंडोला गांव में संकरे मार्ग से भारी वाहनों के आवागमन को भी दुर्घटनाओं का कारण बताया। उनका कहना है कि भारी डंपरों के चलने से रोजाना हादसों की आशंका बनी रहेगी और स्कूली बच्चों की आवाजाही भी प्रभावित होगी। ग्रामीणों ने मांग की है कि कोसी नदी के आसपास किसी भी नए स्टोन क्रशर या औद्योगिक इकाई को स्थापित करने की अनुमति तत्काल रोकी जाए। जहां निर्माण कार्य शुरू हो चुका है, वहां तुरंत रोक लगाकर लाइसेंस निरस्त किए जाएं। साथ ही पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से मांग की है कि जनहित में उनकी आपत्तियों को गंभीरता से लेते हुए पर्यावरण और ग्रामीणों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। डीएम को भेजे गए ज्ञापन में इंद्रजीत सिंह, दलजीत सिंह राणा, सर्वजीत सिंह, अमृतपाल सिंह, गुरमेज सिंह, तरसेम सिंह, मोहम्मद आरिफ, अजीत, कफील अहमद, फ़िरासत, इंतजार सहित सैकड़ों ग्रामीणों ने हस्ताक्षर किए।
