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जिन पर वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने की जिम्मेदारी, वही निकले फिसड्डी
अमर उजाला ब्यूरो/ रामपुर
Updated Fri, 10 Feb 2017 01:17 AM IST
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मंडी समिति में वोट डालती महिला कर्मचारी। अमर उजाला
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ये कैसा जागरूकता अभियान चल रहा है। जिनके कंधों पर वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने का जिम्मा है, वही सरकारी मुलाजिम अपना प्रतिनिधि चुनने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। पहले ही दिन महज 38 फीसदी कर्मचारियों ने ही प्रतिनिधि चुनने के लिए वोटिंग की। शेष कर्मचारी बिना वोटिंग के ही खिसक लिए।
लोकतंत्र में ज्यादा से ज्यादा भागीदारी हो इसके लिए मतदाता जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। अभियान का जिम्मा सरकारी कर्मियों पर ही है। शिक्षक हो फिर किसी दफ्तर के बाबू या फिर अन्य कर्मचारी। मगर, यही अफसर अपने वोट के हक को पाने में पिछड़े साबित हो रहे हैं। कर्मचारियों में वोटिंग को लेकर कोई दिलचस्पी नहीं दिखी। दरअसल उन सरकारी मुलाजिमों को वोटिंग का मौका दिया गया है जिनकी ड्यूटी चुनाव कराने में लगाई गई है। गुरुवार से तीन दिन तक प्रशिक्षण के साथ वोटिंग भी कराई जाएगी।
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विधान सभावार कर्मचारियों को बुलाया गया है। मंडी समिति में कर्मचारियों के प्रशिक्षण की कवायद शुरू हो गई। पहले दिन स्वार और बिलासपुर क्षेत्र में लगाए गए कर्मचारियों को बुलाया गया था। यहां प्रशिक्षण के बाद अब उन्हें वोटिंग भी करनी थी। पहले दिन 2400 कर्मचारियों को प्रशिक्षण के लिए बुलाया गया, इनको वोटिंग भी करनी थी, लेकिन इसमें से महज 919 कर्मचारियों ने ही वोटिंग की है। मुख्य विकास अधिकारी भानु प्रताप सिंह ने बताया कि 2400 में से सिर्फ 919 कर्मचारियों ने वोटिंग की है।